Bikaner. Abhayindia.com अपरान्ह व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा में रक्षाबंधन किया जाता है। “भद्रा में यह नहीं होता- भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी।” जब पहले दिन अपरान्ह में भद्रा हो, दूसरे दिन त्रिमुहूर्त व्यापिनी से अधिक हो एवं अपरान्ह व्यापिनी न हो तो भी दूसरे दिन करना चाहिए। लेकिन, इस बार 30 अगस्त को पूर्णिमा अपरान्ह व्यापिनी भद्रा के साथ है। 31 को सुबह 07:05 तक यानि त्रिमुहूर्त से कम है। ऐसी स्थिति में जब दूसरे दिन त्रिमुहूर्त से कम पूर्णिमा है तो पहले ही दिन यानि बुधवार, 30 अगस्त, 2023 को ही रक्षाबन्धन भद्रा समाप्ति के पश्चात प्रदोषकाल में करना चाहिए।
30 तारीख को सुबह 10:58 तक चतुर्दशी है, उसके बाद पूर्णिमा भद्रा के साथ शुरू होगी। भद्रा रात्रि 09:01 तक है।
शास्त्र वचनों के अनुसार, बीकानेर में भद्रा उपरांत प्रदोषकाल में रात्रि 09:01 से 09:15 के मध्य रक्षाबंधन शुभ रहेगा। लेकिन, किसी भी परिस्थिति में रात्रि 12 बजे से पूर्व रक्षाबन्धन हो जाना आवश्यक है। -भैरव रतन बोहरा, ज्योतिर्विद, जोशीवाड़ा, बीकानेर