Sunday, November 24, 2024
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राजस्थान फाउंडेशन ने शुरू की अनूठी वर्चुअल श्रंखला “मिलिए सरकार से”, प्रवासी कर पाएंगे सरकार के प्रतिनिधियों से वार्तालाप

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जयपुर Abhayindia.com राजस्थान फाउंडेशन ने “मिलिए सरकार से” एक अनूठी वर्चुअल श्रंखला की शुरुआत की है, जिससे हमारे देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों में बसे प्रवासी राजस्थानी राज्य सरकार के मंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों से सीधी वार्तालाप कर पाएंगे। राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ सीधी वार्तालाप की इस श्रंखला “मिलिए सरकार से” की पहली कड़ी में सरकार की तरफ से प्रवासियों से वार्तालाप करने के लिए राज्य के नगरीय विकास एवं आवासीय मंत्री शांति धारीवाल ने वेबीनार के माध्यम से प्रवासी राजस्थानियों को राज्य सरकार के विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राज्य में चल रही अनेक जन कल्याणकारी और विकास योजनाओं से प्रवासियों को अवगत करवाया।

धारीवाल ने कहा कि राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 1200 बेड का आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आईपीडी टावर बनने जा रहा है जहां हेलीपैड की भी सुविधा दी जाएगी जिससे प्रदेश के चिकित्सा के क्षेत्र को प्रगति मिल सकेगी उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राजस्थान को पूर्ण रूप से समृद्ध और शक्तिशाली प्रदेश बनाया जा सके। धारीवाल ने सभी प्रवासी राजस्थानियों को साधुवाद देते हुए कहा कि प्रवासी राजस्थानियों को इस प्रकार अपने प्रदेश से जुड़े देख कर बहुत खुशी की अनुभूति हो रही है उन्होंने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री की उस सोच को और आगे ले जाने वाला है जिससे प्रवासियों को अपने प्रदेश से जोड़ने के मिशन को मजबूती मिलेगी उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजस्थान फाउंडेशन के गठन करने के पीछे यही सोच थी कैसे राजस्थानी समुदाय के लोगों को एक साथ एक परिवार के रूप में जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव जैसे निपुण, कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ, सकारात्मक सोच और अनुभवी अधिकारी की अगुवाई में राजस्थान फाउंडेशन जिस तरह से प्रवासियों को अपनी मिट्टी से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है यह एक बहुत सराहनीय का कार्य है।

कार्यक्रम के संचालन के दौरान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि “मिलिए सरकार से” कार्यक्रम अपने आप में प्रबलशाली प्रयास है जो हमारे राजस्थानी प्रवासियों को सीधे अपनी सरकार से जुड़ने का मौका देगा। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को अपने मिट्टी से निकट लाने के ऎसे कार्यक्रमों से न केवल हमारे प्रवासियों को अपने प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों को करीब से जानने का मौका मिलेगा बल्कि राजस्थान में जो निवेश के अवसर सरकार द्वारा समय-समय पर खोले जा रहे हैं उनमें भी प्रवासियों के योगदान की रूपरेखा तैयार हो सकेगी।

“मिलिए सरकार से” कार्यक्रम की इस पहली कड़ी में मंत्री धारीवाल के समक्ष देश और विदेश से जुड़े अनेक प्रवासियों ने अपने विचार रखे, जिनमें यूएसए से डॉक्टर जयवीर राठौड़, मुंबई से डॉक्टर अनिल बगरिया, नैरोबी केन्या से सोनवीर सिंह, कोलकाता से एचपी बुधिया, जर्मनी से अर्पित जैन, आयरलैंड से बाबूलाल यादव, दुबई से डॉ. मयंक वत्स, बहरीन से रमेश पाटीदार, ऑस्ट्रेलिया से कमल भूतड़ा, यूएसए से राज नाथावत आदि ने राजस्थान में चिकित्सा, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोड तथा आर्थिक और सामाजिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। सभी प्रवासियों ने एक स्वर में राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त श्रीवास्तव की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ऎसे कार्यक्रमों से देश और दुनिया में बसे हुए प्रवासियों को गर्व की अनुभूति होती है तथा अपने प्रदेश के लिए हर संभव सहयोग के संकल्प प्रबल होते हैं।

आयुक्त ने कोरोना महामारी से निपटने में प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रवासियों द्वारा प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने, लिक्विड ऑक्सीजन भिजवाने, राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से हर तरह का सहयोग राज्य सरकार को प्रदान किया गया तथा ऎसे कठिन समय में सभी प्रवासी राज्य सरकार के साथ खड़े नजर आए यह प्रवासियों का अपने प्रदेश के लिए अटूट प्यार का प्रमाण है।

वेबिनार में यूडीएच के सलाहकार जीएस संधू, प्रमुख शासन सचिव, यूडीएच कुंजीलाल मीना, सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, आयुक्त जेडीए गौरव गोयल ने भी विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी, साथ ही प्रवासियों के सवालों का भी जवाब दिया।

कबाड़ बनी पुरानी गाड़ियों से बना देते हैं फर्नीचर, “सस्‍टेन बाय कार्टिस्‍ट” एग्‍जीबिशन का हुआ उद्घाटन, देखें फोटोज…

Sustain By Cartist
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जयपुर Abhayindia.com कार्टिस्ट द्वारा इस अनूठी पहल “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” एग्जीबिशन में पुरानी गाड़ियां जो कबाड़ बन गई हैं और जिन्हें कबाड़ में डाल दिया जाता है, उन पुरानी गाड़ियों का पूरी तरह से उपयोग किया गया है। इस एग्जीबिशन में टायर, ग्रिल, हुड, सीट आदि जैसे गाड़ियों के प्रत्येक भाग का उपयोग फर्नीचर और सजावट की वस्तुओं को बनाने के लिए किया गया है। इन स्क्रैप पाट्र्स का उपयोग कलाकृतियां बनाने के लिए किया गया जिससे कि सभी नए कलाकारों को ऎसे कई मटेरियल्स का उपयोग करके उसे कला का रूप देने के लिए प्रेरित किया जा सके। “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” इस अनूठी पहल को एक महीने के लिए राजस्थान के 33 जिलों तक पहुंचाया जाएगा। सभी जिलों में स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर काम करते हुए वर्कशॉप्स और एग्जीबिशन्स का आयोजन किया जाएगा। यह पहल जलवायु परिवर्तन की स्थिति में सस्टेनेबिलिटी, रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग के लिए जागरूकता पैदा करने में मदद करेगी।

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यह बात राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जवाहर कला केंद्र (जेकेके) की अंलकार गैलेरी में “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” आर्ट एग्जीबिशन के उद्घाटन के दौरान कही। इस अवसर पर महानिदेशक, जेकेके, मुग्धा सिन्हा; अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन), जेकेके, डॉ. अनुराधा गोगिया और कार्टिस्ट के फाउंडर, हिमांशु जांगिड़ भी उपस्थित रहे।

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पुराने कार के पाट्र्स और ऑटोमोटिव वेस्ट के उपयोग से ऑटो पाट्र्स की अपसाइकलिंग को बढ़ावा देने और डिजाइनर फर्नीचर को क्यूरेट करने के लिए एक पहल की शुरूआत की है। यह एग्जीबिशन 12 सितंबर तक आयोजित की जाएगी।

मुग्धा सिन्हा ने कहा कि जवाहर कला केंद्र को बेहद खुशी है कि इस परिसर में “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” एग्जीबिशन का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह पहल ठीक ऎसे समय में हुई है जब बाढ़ और बढ़ते तापमान जैसे जलवायु के मुद्दे सामने आ रहे हैं और समाज हमारे संसाधनों को संरक्षित करने और पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए साधन तलाश रहा है। यह एग्जीबिशन कबाड़ के उपयोग से आर्ट और डेकोर की वस्तुओं का एक अनूठा प्रदर्शन है। लोगों को केवल उतना ही खरीदना चाहिए, जितने की उनकी आवश्यकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिए रीसायकलिंग बहुत जरूरी है।

फाउंडर, कार्टिस्ट, हिमांशु जांगिड़ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान में दुनिया में सबसे बड़ा मुद्दा है। लगभग 20 मिलियन कारें कबाड़ हैं और यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इन पुरानी गाड़ियों को कहां लेकर जाया जाए और कहां डिस्पोज किया जाए। कार्टिस्ट द्वारा “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” इस मुद्दे का समाधान है। इन शानदार कलाकृतियों को बनाने के लिए स्थानीय कलाकारों और उनके शिल्प कौशल को शामिल किया गया है, जिससे कि उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें।

धरती पर प्रभाव को कम करने के लिए अपसाइक्लिंग सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है, चाहे हम कपड़े, घरेलू सामान या यहां तक कि अपने घर का फर्नीचर खरीद रहे हों। यह प्रयास “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” पुरानी कारों को फर्नीचर में बदलने के लिए समाधान के रूप में एक पहल है जिसमें भारत के कलाकारों और शिल्पकारों और लुप्त हो रही कलाओं को भी शामिल किया गया है। अपसाइकिल ऑटो पाट्र्स के जरिए बनाए गए सभी क्यूरेटेड फर्नीचर को हमारी संस्कृति से जोड़ने के लिए एक अद्वितीय भारतीय नाम दिया गया है, जिसका मकसद लोगों को स्थायी जीवन जीने का तरीका अपनाने में मदद करना है। जिस प्रकार से स्तम्भ का अर्थ है ‘पिल्लर‘ जो सीधा खड़ा रहकर अपनी शोभा दर्शाता है। साइड टेबल क्रैंकशाफ्ट, फ्लाईव्हील, वुड प्लैंक और इसमें मीनिएचर आर्ट फॉर्म शामिल होता है। चौकी का अर्थ है एक नीचे बैठने की सीट या स्टूल, पारंपरिक भारतीय घरों में उपयोग की जाने वाली मुख्य उपयोगिता वाली बैठने की जगह। स्थानीय कारीगरों द्वारा शॉक एब्जॉर्बर और हाथ की बुनाई का उपयोग करके सीट को नया रूप दिया जाता है। गद्दी सिंहासन का प्रतीक होता है, जो कि राजाओं और रानी के बैठने का एक शाही जगह। कार के पिल्लर्स से कुर्सी को हैंडक्राफ्ट किया जाता है और सोने की पत्ती बनाने का काम शिल्पकारों द्वारा किया जाता है।

बैठक में प्रशिक्षु आईएएस सिद्धार्थ पलनिचामी, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा सहित समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बीकानेर में विद्युत समस्या समाधान शिविर 7 सितम्बर को

बीकानेर Abhayindia.com शहर के उपभोक्ताओं की बिजली सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए 7 सितम्बर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पब्लिक पार्क स्थित कस्टमर केयर सेंटर में शिविर आयोजित किया जाएगा। बीकेईएसएल के सीओओ शांतनु भट्टाचार्य ने बताया कि समस्या समाधान शिविर में उपभोक्ताओं की तकनीकी व कमर्शियल सम्बन्धी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिविर में बीकेईएसएल के उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिविर में हिस्सा लेने की अपील की है।

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