Monday, April 29, 2024
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मिलावट के मामलों का 90 दिन में, भूमि आवंटन के मामलों का 15 दिन में निस्तारण सुनिश्चित करें कलक्टर : मुख्य सचिव

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जयपुर Abhayindia.com मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं वे राज्य भर में एक जनवरी से 31 मार्च तक चलने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की नियमित मॉनिटरिंग करें तथा दर्ज मामलों का 90 दिन के भीतर निस्तारण किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि कोई भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके।

आर्य मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टर व विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ आयोजना विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग से संबंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की जिलों में क्रियान्विति की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली।

उन्होंने जिला कलक्टरों को कहा कि खाद्य पदार्थों की शुद्धता के साथसाथ उसके सही माप और तौल, एक्सपायरी डेट तथा पैकेट बंद खाद्य सामग्री पर सही प्रकार से लेबलिंग की भी जांच की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस अभियान का समुचित प्रचारप्रसार भी किया जाए, ताकि आम व्यक्ति भी जागरूक हो। उन्होंने अभियान की अवधि में जिला स्तरीय प्रबंधन समिति की साप्ताहिक बैठक करने के लिए भी जिला कलक्टरों को निर्देशित किया। चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने इस अभियान की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

भूमि आवंटन के मामले लम्बित नहीं रहें

मुख्य सचिव ने जयपुर, जोधपुर तथा बीकानेर जिलों में रेलवे के भूमि सम्बन्धी लम्बित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित जिला कलक्टरों को समयबद्धता के साथ रेलवे की भू उपयोग योजनाओं के सत्यापन और राजस्व अभिलेखों में सुधार के लिए निर्देशित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि अभिलेखागारों में पुराने नक्शों और रिकॉर्ड के आधार पर मामलों का निपटारा शीघ्र किया जा सकता है। आर्य ने जिला कलक्टरों को 15 दिन के भीतर लम्बित मामलों का निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रेलवे सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं की क्रियान्विति भूमि के म्यूटेशन जैसी समस्याओं के कारण लम्बित नहीं रहनी चाहिये। जिला कलक्टर सकारात्मक सोच के साथ प्राथमिकता से इन मामलों का निस्तारण करें। आयोजना विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने जिलों में रेलवे से संबंधित भू आवंटन के लम्बित मामलों के बारे में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी।

पहली किश्त 3 दिन में जारी की जाए

मुख्य सचिव ने जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजनाओं की स्वीकृति तथा उसके बाद दी जाने वाली तीनों किश्तों के आवंटन के लम्बित मामलों की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि आवास के लिए स्वीकृति मिलने के बाद पहली किश्त तीन दिन के अन्दर लाभार्थी तक पहुंच जानी चाहिये। उन्होंने किश्तों के आवंटन के लम्बित मामलों की अधिक संख्या पर नाराजगी जाहिर की तथा जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि वे इस संबंध में हर हफ्ते समीक्षा बैठक लें तथा समय पर किश्तें दिया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृतियां लंबित हैं, वे भी उन्हें समय पर निस्तारित करें।

आर्य ने मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि योजना के तहत जिलों में ज्यादा काम नहीं कराने को लेकर भी असंतोष व्यक्त किया तथा इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाकर इसके तहत देय राशि को खर्च कर आमजन को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करने के लिए निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा तथा शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग डॉ. केके पाठक उपस्थित रहे।

नियमानुसार कृषि भूमि के आवंटन में कोताही नहीं बरतें कलक्टर

मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान भूमिहीनों को कृषि भूमि का नियमानुसार आवंटन किया जाए। उन्होंने इससे संबंधित सभी लम्बित मामलों को अभियान के फॉलोअप शिविरों में निस्तारत करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आमजन के राजस्व संबंधी मामलों के तीव्र निस्तारण के लिए जिला कलक्टरों को अधिकार दिये गए हैं। जिला कलक्टर अपने अधिकारों का प्रयोग कर आमजन को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करें।

प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनन्द कुमार ने बताया कि चारागाह भूमि के सिवायचक के रूप में वर्गीकरण के बाद कृषि अथवा अकृषि उद्देश्य के लिए आवंटन के लिए जिला कलक्टर को अधिकृत किया गया है। उन्होंने चारागाह की भूमि का किनकिन कार्यों के लिए आवंटन किया जा सकता है, इस संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक श्मशान एवं कब्रिस्तान के लिए चारागाह भूमि का जिला कलक्टर द्वारा आवंटन किये जाने के लिए संशोधन प्रस्तावित किया जा गया है, ताकि जिला कलक्टर स्तर पर ही इन प्रकरणों का निस्तारण किया जा सके।

 

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