बीकानेर Abhayindia.com शक्ति उपासना का पर्व नवरात्रा के चलते शहर में भक्ति की सरिता बह रही है। देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता है।
वहीं दूसरी ओर पश्चिमी बंगाल की तर्ज पर दुर्गापूजा महोत्सव का शुभारंभ भी हो चुका है। पारम्परिक रूप से रानी बाजार स्थित बंगाली मंदिर में बीकानेर बंगाली समाज संस्थान की ओर से बंगाली संस्कृति को साकार किया जा रहा है।
जहां पर दुर्गा माता की प्रतिमा को विराजमान किया गया है। हर बार की तरह इस बार भी विशेष रूप से प्रतिमा बनवाई गई है। शृंगारित प्रतिमा के आगे ११ अक्टूबर से महोत्सव शुरू हो गया। मंगलवार को सप्तमी की पूजा अर्चना की गई, भोग लगाने की परम्परा निभाई गई।
पूरी तरह इको फ्रेंडली …
बीकानेर बंगाली समाज संस्थान की कोषाध्यक्ष रिंकू मुखर्जी ने ‘अभय इंडिया’ के साथ बातचीत में महोत्सव पर प्रकाश डाला। मुखर्जी ने बताया कि बीकानेर में यह महोत्सव 1959 से अनवरत मनाया जा रहा है। बीते साल कोरोना के चलते सूक्ष्म रूप से पूजन किया गया था, लेकिन हर वर्ष नई प्रतिमा बनाई जाती है। मुखर्जी के अनुसार इस बार जो प्रतिमा बनवाई गई है, यह पूरी तरह से कच्ची मिट्टी की है। इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं होगा। इसको ध्यान में रखते हुए इको फ्रेंडली प्रतिमा बनाई गई।
अंतिम दिन होगा सिन्दुर खेला…
रिंकू मुखर्जी के अनुसार अंतिम दिन 15 अक्टूबर को सुबह 11:30 में सिन्दुर खेला की परम्परा निभाई जाएगी। इसमें महिलाएं दुर्गा माता को सिन्दुर लगाएगी। शृंगार सामग्री भेंट रखी जाएगी। इसके बाद इसी दिन देवी प्रतिमा का सागर तालाब में विसर्जन किया जाएगा। इससे पूर्व बुधवार को दुर्गाष्टमी पर विशेष पूजन किया जाएगा।
यह निभा रहे भागीदारी…
बंगाली मंदिर में दुर्गा पूजा महोत्सव को लेकर पल्लव मुखर्जी, समीरपॉल, वासुदेव,राजेश पाडूई, तृप्ति, बबलू, सुजोय सहित कई सदस्य भागीदारी निभा रहे हैं।
यहां भी चल रहा है…
रत्ताणी व्यासों के चौक में विष्णु लाल देरासरी के निवास स्थान पर इस साल दुर्गापूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। मां का पूजन पंडित अभिषेक पुरोहित ने किया। अभिषेक देरासरी ने अभय इंडिया को बताया कि यहां पर पंचमी से लेकर नवमी तक अलग-अलग श्रंगार किया जाएगा।
नवमी के दिन मां दुर्गा को पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। विजय दशमी के दिन हवन की पूर्णाहुति के बाद प्रतिमा का विसर्जन संसोलाव तालाब में किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में चल रहे इस महोत्सव के 22 वर्ष पूरे हो गए है। इस साल विशेष प्रतिमा बनवाई गई है।
BY-Ramesh Bissa