जयपुर Abhayindia.com पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सात सितंबर को 44वें जन्मदिन पर उनके समर्थक प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी उनके में जुट गए हैं। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर उनके समर्थक ये पौधारोपण पायलट के जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले 6 सितंबर को करेंगे। समर्थकों ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, इस आयोजन को पायलट के शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर भी देखा जा रहा है। समर्थकों का दावा है कि पौधे लगाने के लिए गड्डे तक कार्यकर्ताओं ने खोद लिए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 2020 में भी सचिन पायलट के जन्मदिन पर उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रिकॉर्ड बनाया था। तब पूरे प्रदेश में एक दिन में रक्तदान शिविरों के जरिए 45 हजार यूनिट से ज्यादा रक्त एकत्रित किया गया था।
कबाड़ बनी पुरानी गाड़ियों से बना देते हैं फर्नीचर, “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” एग्जीबिशन का हुआ उद्घाटन, देखें फोटोज…
जयपुर Abhayindia.com कार्टिस्ट द्वारा इस अनूठी पहल “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” एग्जीबिशन में पुरानी गाड़ियां जो कबाड़ बन गई हैं और जिन्हें कबाड़ में डाल दिया जाता है, उन पुरानी गाड़ियों का पूरी तरह से उपयोग किया गया है। इस एग्जीबिशन में टायर, ग्रिल, हुड, सीट आदि जैसे गाड़ियों के प्रत्येक भाग का उपयोग फर्नीचर और सजावट की वस्तुओं को बनाने के लिए किया गया है। इन स्क्रैप पाट्र्स का उपयोग कलाकृतियां बनाने के लिए किया गया जिससे कि सभी नए कलाकारों को ऎसे कई मटेरियल्स का उपयोग करके उसे कला का रूप देने के लिए प्रेरित किया जा सके। “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” इस अनूठी पहल को एक महीने के लिए राजस्थान के 33 जिलों तक पहुंचाया जाएगा। सभी जिलों में स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर काम करते हुए वर्कशॉप्स और एग्जीबिशन्स का आयोजन किया जाएगा। यह पहल जलवायु परिवर्तन की स्थिति में सस्टेनेबिलिटी, रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग के लिए जागरूकता पैदा करने में मदद करेगी।
यह बात राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जवाहर कला केंद्र (जेकेके) की अंलकार गैलेरी में “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” आर्ट एग्जीबिशन के उद्घाटन के दौरान कही। इस अवसर पर महानिदेशक, जेकेके, मुग्धा सिन्हा; अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन), जेकेके, डॉ. अनुराधा गोगिया और कार्टिस्ट के फाउंडर, हिमांशु जांगिड़ भी उपस्थित रहे।
पुराने कार के पाट्र्स और ऑटोमोटिव वेस्ट के उपयोग से ऑटो पाट्र्स की अपसाइकलिंग को बढ़ावा देने और डिजाइनर फर्नीचर को क्यूरेट करने के लिए एक पहल की शुरूआत की है। यह एग्जीबिशन 12 सितंबर तक आयोजित की जाएगी।
मुग्धा सिन्हा ने कहा कि जवाहर कला केंद्र को बेहद खुशी है कि इस परिसर में “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” एग्जीबिशन का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह पहल ठीक ऎसे समय में हुई है जब बाढ़ और बढ़ते तापमान जैसे जलवायु के मुद्दे सामने आ रहे हैं और समाज हमारे संसाधनों को संरक्षित करने और पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए साधन तलाश रहा है। यह एग्जीबिशन कबाड़ के उपयोग से आर्ट और डेकोर की वस्तुओं का एक अनूठा प्रदर्शन है। लोगों को केवल उतना ही खरीदना चाहिए, जितने की उनकी आवश्यकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिए रीसायकलिंग बहुत जरूरी है।
फाउंडर, कार्टिस्ट, हिमांशु जांगिड़ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान में दुनिया में सबसे बड़ा मुद्दा है। लगभग 20 मिलियन कारें कबाड़ हैं और यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इन पुरानी गाड़ियों को कहां लेकर जाया जाए और कहां डिस्पोज किया जाए। कार्टिस्ट द्वारा “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” इस मुद्दे का समाधान है। इन शानदार कलाकृतियों को बनाने के लिए स्थानीय कलाकारों और उनके शिल्प कौशल को शामिल किया गया है, जिससे कि उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें।
धरती पर प्रभाव को कम करने के लिए अपसाइक्लिंग सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है, चाहे हम कपड़े, घरेलू सामान या यहां तक कि अपने घर का फर्नीचर खरीद रहे हों। यह प्रयास “सस्टेन बाय कार्टिस्ट” पुरानी कारों को फर्नीचर में बदलने के लिए समाधान के रूप में एक पहल है जिसमें भारत के कलाकारों और शिल्पकारों और लुप्त हो रही कलाओं को भी शामिल किया गया है। अपसाइकिल ऑटो पाट्र्स के जरिए बनाए गए सभी क्यूरेटेड फर्नीचर को हमारी संस्कृति से जोड़ने के लिए एक अद्वितीय भारतीय नाम दिया गया है, जिसका मकसद लोगों को स्थायी जीवन जीने का तरीका अपनाने में मदद करना है। जिस प्रकार से स्तम्भ का अर्थ है ‘पिल्लर‘ जो सीधा खड़ा रहकर अपनी शोभा दर्शाता है। साइड टेबल क्रैंकशाफ्ट, फ्लाईव्हील, वुड प्लैंक और इसमें मीनिएचर आर्ट फॉर्म शामिल होता है। चौकी का अर्थ है एक नीचे बैठने की सीट या स्टूल, पारंपरिक भारतीय घरों में उपयोग की जाने वाली मुख्य उपयोगिता वाली बैठने की जगह। स्थानीय कारीगरों द्वारा शॉक एब्जॉर्बर और हाथ की बुनाई का उपयोग करके सीट को नया रूप दिया जाता है। गद्दी सिंहासन का प्रतीक होता है, जो कि राजाओं और रानी के बैठने का एक शाही जगह। कार के पिल्लर्स से कुर्सी को हैंडक्राफ्ट किया जाता है और सोने की पत्ती बनाने का काम शिल्पकारों द्वारा किया जाता है।
बैठक में प्रशिक्षु आईएएस सिद्धार्थ पलनिचामी, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा सहित समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बीकानेर में विद्युत समस्या समाधान शिविर 7 सितम्बर को
बीकानेर Abhayindia.com शहर के उपभोक्ताओं की बिजली सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए 7 सितम्बर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पब्लिक पार्क स्थित कस्टमर केयर सेंटर में शिविर आयोजित किया जाएगा। बीकेईएसएल के सीओओ शांतनु भट्टाचार्य ने बताया कि समस्या समाधान शिविर में उपभोक्ताओं की तकनीकी व कमर्शियल सम्बन्धी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिविर में बीकेईएसएल के उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिविर में हिस्सा लेने की अपील की है।
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