Sunday, December 29, 2024
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राजाराम को साहित्यश्री, कृष्ण कुमार आशु व मोनिका को मिलेंगे सृजन पुरस्कार

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बीकानेर Abhayindia.com राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ द्वारा भाषा, साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में सुदीर्घ सेवा के लिए श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान और हिन्दी-राजस्थानी साहित्य सृजन के लिए दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस आशय की जानकारी देते हुए संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि संस्था द्वारा 20 वर्ष से अधिक समय तक की सेवा के लिए प्रतिवर्ष दिया जाने वाला और राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध श्रीमलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान, हिन्दी और राजस्थानी के मौलिक साहित्य सृजन के लिए प्रतिष्ठित डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी सृजन पुरस्कार व पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार की घोषणा की गई है। संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि इस वर्ष मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान जयपुर के प्रख्यात चिंतक, समालोचक, साहित्यकार श्री राजाराम भादू को उनकी सुदीर्घ साहित्य-सर्जना के लिए अर्पित किया जाएगा। उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा ने बताया कि डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी सृजन पुरस्कार इस वर्ष लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्ण कुमार आशु की चर्चित व्यंग्य कृति ‘स्कैंडल मार्च’के लिए और पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार बीकानेर की ख्यात कवयित्री मोनिका गौड़ को उनकी चर्चित काव्य कृति ‘अंधारै री उधारी अर रीसाणो चॉंद’के लिए घोषित किया गया है। आयोजन समन्वयक महावीर माली ने बताया कि पुरस्कार 14 सितम्बर, 2021 को श्रीडूंगरगढ में आयोज्य भव्य समारोह में अर्पित किये जायेंगे।   सम्मान व पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रूपये नगद राशि के साथ सम्मान-पत्र, स्मृति-चिन्‍ह, शॉल अर्पित किए जायेंगे।

सम्‍मानित होने वालों का एक परिचय :-

राजाराम भादू : 24 दिसम्बर 1959  को जन्मे राजाराम भादू विगत 35 से अधिक वर्षो के अपने सृजनकाल में समालोचना की अपनी अलहदा दृष्टि और सृजन में वैचारिक चिंतन व ईमानदारी के लिए चर्चित रहे हैं। सेंटर फोर कल्चरल एक्शन एण्ड रिसर्च, जयपुर के कार्यकारी निदेशक भादू शिक्षा, साक्षरता, पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर अनेक सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं के परामर्श मंडल में जुड़े रहे हैं। कविता के संदर्भ, स्वयं के विरुद्ध, सृजन प्रसंग, धर्मसत्ता और प्रतिरोध की संस्कृति, जीवन ही कुछ ऐसा है, शिक्षा के सामाजिक सरोकार, शिक्षा के संदर्भ एवं विकल्प, शब्दों की दुनिया, संस्कृति के प्रश्न, सांस्कृतिक हिंसा के रूप जैसी अनेक कृतियां आपके चिंतन की साक्षी हैं। साहित्य, रंगमंच व ललित कलाओं के अनेक आयोजनों की सफलता आपके नाम है।

डॉ. कृष्ण कुमार आशु : 12 जनवरी 1968 को जन्मे कहानीकार, व्यंग्यकार, बाल साहित्यकार, संपादक व अनुवादक के रूप में ख्यात डॉ. आशु अपने रचनात्मक शिल्प वैशिश्ट्य के लिए जाने जाते हैं। व्यंग्य की तीखी धार और शिल्प की बारीकी की ऊर्जा से सम्पन्न आशु साहित्य अकादमी, दिल्ली के राज. बाल साहित्य पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, राष्ट्रपति अवार्ड, जिला प्रशासन सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। हाशिये पर आदमी, युसुफ नहीं जानता, नाक पर चिंतन, परपीड़ा सर्वोत्तम सुख, हारा हुआ सिकंदर, भारत माता का दर्द, समय का प्रहरी, विश्वास की जीत जैसी मौलिक कृतियों के साथ ‘सृजन कुंज’के सम्पादन कौशल से भी लोकप्रिय रहे हैं।

मोनिका गौड़ : 12 अगस्त, 1972 को जन्मीं गौड़ अपने तल्ख अंदाज और स्त्री-विमर्श के अलहदा काव्य शिल्प के लिए जानी जाती है। टिप्पणीकार, समीक्षक, अनुवादक के रूप में ख्‍यात और मंचीय काव्य प्रस्तुतियों के लिए आपकी अलग पहचान है। अपने आप से परिचित, हरी-हरी खुशबू और काली गोरैया, हथेळी में चांद, इण स्हैर रा लोग, अंधारै री उधारी अर रीसाणो चांद आदि कृतियां प्रकाशित। गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी पुरस्कार, नानूराम संस्कर्ता सम्मान, नगर विकास न्यास सृजन पुरस्कार, बृज उर्मी राजस्थानी काव्य पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से समादृत गौड़ की नेशनल बुक ट्रस्ट से भी पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है।

अफगान संकट : तालिबान ने अमेरिका को दी चेतावनी, सैनिकों की करो वापसी, नहीं तो भुगतना होगा अंजाम

अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा जमा कर बैठा तालिबान अब अमेरिका को धमकाने लगा है। तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने एक बयान जारी कर कहा है कि यदि अमेरिका अपने सैनिकों की वापसी में देरी करता है, तो उसको इसके गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक यहां से वापस चली जाए नहीं, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में सैनिकों की वापसी के मिशन यानी जो 31 अगस्त तक पूरा होना था, उसके बाद भी सैनिकों की तैनाती को आगे बढ़ाने पर चर्चा हो रही है। ऐसे में मामला गरमाता नजर आ रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार दोपहर व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बाइडन ने चल रहे सेना वापसी मिशन पर अद्यतन अपडेट दी। बाइडन से जब 31 अगस्त की समय सीमा नजदीक आने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘हमारे और सेना के बीच विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है, हमारी उम्मीद है कि हमें विस्तार नहीं करना पड़ेगा।’ उन्होंने आगे कहा कि लेकिन चर्चा होने जा रही है, मुझे संदेह है कि हम इस प्रक्रिया में फिलहाल अभी दूर हैं।

आपको बता दें कि तालिबान के 15 अगस्त को राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद से अमेरिका अमेरिकियों और उसके अफगान सहयोगियों को देश से निकालने के लिए हाथ-पांव मार रहा है। बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना ने पिछले 24 घंटों में लगभग 3 हजार 900 कर्मियों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है और अमेरिकी और गठबंधन विमानों ने 14 अगस्त से लगभग 28 हजार लोगों को निकाला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अमेरिकियों को काबुल हवाई अड्डे के परिसर में स्थानांतरित करने की योजना पर अमल कर रहा है और हमने हवाई अड्डे के आसपास पहुंच और सुरक्षित क्षेत्र का विस्तार किया है। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि सुरक्षा वातावरण जमीन पर तेजी से बदल रहा है। वे बोले- हम जानते हैं कि आतंकवादी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और निर्दोष अफगानों या अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना सकते हैं।

अफगान संकट : पंजशीर बनेगी जंग की घाटी? विद्रोह दबाने रवाना हुआ तालिबान

अफगानिस्‍तान के अधिकांश इलाकों में अपना कब्‍जा जमाने वाले तालिबान के लिए पंजशीर घाटी को अपने जद में करना मुश्किल हो रहा है। यहां तालिबान अभी काबिज नहीं हो सका है। पंजशीर में विद्रोहियों की अगुआई कर रहे अहमद मसूद के लड़ाके जंग के लिए तैयार हैं। नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानी नॉर्दर्न अलायंस को लीड कर रहे मसूद ने कहा कि युद्ध की तैयारी है, पर अगर रास्ता निकालने के लिए बातचीत होती है तो उसके लिए भी तैयार हैं। इधर, तालिबान ने भी कहा है कि विद्रोह दबाने के लिए हजारों तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर घाटी भेजा गया है। तालिबान ने ट्विटर पर कहा कि स्थानीय अधिकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से हमें पंजशीर सौंपने से इनकार कर दिया है। इसके बाद हमने वहां कंट्रोल करने के लिए अपने लड़ाके भेजे हैं। तालिबान समर्थक ट्विटर हैंडल से इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया था और इस हमले में तालिबान के 300 लड़ाकों को मार दिया गया है। हालांकि, तालिबान ने लड़ाकों के मारे जाने की खबर को खारिज कर दिया है। तालिबान ने कहा कि पंजशीर के 2 जिलों पर अब उसका कब्जा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अहमद मसूद ने पंजशीर में विद्रोही नेताओं को साथ मिला लिया है। अफगानी फौजों और तालिबान विद्रोहियों को भी इकट्ठा किया है। रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता अली मैसम नजारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि तालिबानियों के खिलाफ करीब 9 हजार लड़ाकों की फौज तैयार कर ली गई है। इस फौज को लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है। हमारे पास गाड़ियां और हथियार भी हैं। नजारी ने कहा कि हम सरकार चलाने के लिए नई व्यवस्था चाहते हैं और इसके लिए बातचीत को भी तैयार हैं, पर जरूरत पड़ी तो हम जंग करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

सावन ने ली विदाई, अब भादवे में बरसेगी उम्‍मीदें! बीते 24 घंटे में यहां बरसे मेघ…

जयपुर Abhayindia.com सावन माह की विदाई के बाद अब भादवे में बारिश की बूंदें बरसने की उम्‍मीद है। बीते 24 घंटे के अंतराल में प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा जिससे तापमान में फिर गर्मी और उमस बढ़ेगी। बहरहाल, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और इससे सटे उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों पर बना हुआ है। परिसंचरण पाकिस्तान के मध्य भागों और राजस्थान से सटे पश्चिमी भाग पर है। इससे दो से तीन बाद बारिश होने के आसार हैं।

यहां हुई बारिश…

श्रीडूंगरगढ में 33

पुष्कर में 24 एमएम

राजगढ में 31

बारां में 31

टिनवारी में 140

भोपालगढ में 66

मूंडवा में 58,

मारवाड जंक्शन में 50

छोटीसादडी में 46

श्रीमाधोपुर में 68

सीकर में 66 एमएम

वसुंधरा राजे सक्रिय भूमिका में आ रही नजर, इन जिलों का करेंगी दौरा…

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