Sunday, April 28, 2024
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कहीं वर्षा तो कहीं आंधी का चलेगा दौर

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दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारतीय राज्यों जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जहां वर्षा होने की संभावना है, वहीं पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंधी चल सकती है। भारत मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी भारत को छोड़ देश के अधिकांश हिस्से में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब या निम्न रहने की संभावना है। इसलिए अगले एक सप्ताह तक लू चलने की संभावना नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ एक निम्नदाब का क्षेत्र होता है। यह कैस्पियन सागर या भूमध्यसागर में चक्रवात के रूप में उत्पन्न होता है। बाद में यह मध्य पूर्व और ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होता हुआ भारत में प्रवेश करेगा।

वैसे देखा जाए तो अप्रैल के मौसम में मई-जून जैसी गर्मी पड़ रही है। तापमान 40 डिग्री के पास पहुंच गया है। अभी से लू के थपेड़े पडऩे शुरू हो गए हैं। जलवायु परिवर्तन का मौसम पर इस कदर असर पड़ रहा है कि अप्रैल में बढ़ते तापमान का गुरुवार को तीस साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम वैज्ञानिकों का अभी से बढ़ती गर्मी को अच्छे मानसून का संकेत बताते हुए कहना है कि शुक्रवार को मेरठ समेत पश्चिमी उत्तरप्रदेश में आंधी, बारिश के आसार हैं।

मौसम वैज्ञानिक इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग के चलते सर्दी कम पडऩा और समय से पहले गर्मी आना मान रहे हैं। सर्दी के सीजन में भी गर्मी का असर दिखाई दे रहा था। जनवरी माह से ही पारा चढऩा शुरू हो गया था। मौसम में आ रहे इस बदलाव से वैज्ञानिक ही नहीं किसान भी चिंतित हैं। अप्रैल माह में ही ऐसी गर्मी होगी तो मई-जून में कैसे फसलों को बचाया जाएगा। समय से पहले गर्मी का आना मौसम को बदल रहा है। मोदीपुरम स्थित भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले 30 वर्षों में अप्रैल सबसे गर्म चल रहा है। इस अंतराल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दिन-रात का तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है। मई और जून में दिखने वाला लू का असर अप्रैल में ही साफ दिखाई दे रहा है।

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