Sunday, May 12, 2024
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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को पीएम उषा के तहत 20 करोड़ का अनुदान मंजूर

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बीकानेर Abhayindia.com उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बीकानेर संभाग के लिए विशेष खुश-खबर है। बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री उच्‍चतर शिक्षा अभियान “पीएम उषा” के तहत भौतिक अन्य अकादमिक और शोध परक कार्यों में उन्नयन के लिए 20 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत हुई है।

कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने बताया कि पीएम उषा अभियान के तहत देश भर के विश्वविद्यालयों से इस बाबत प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। विश्वविद्यालय द्वारा भेजा गया प्रस्ताव हुबहू स्वीकृत हुआ है। इस राशि से विश्वविद्यालय के अकादमिक, शोध और भौतिक संसाधनों में अभिवृद्धि होगी जिसका लाभ विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को प्राप्त होगा। 20 करोड़ रुपए ग्रांट राशि से इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन, लैबोरेट्री इंक्यूपमेट खरीद, लैब आधुनिकीकरण के कार्य होंगे।

मीडिया प्रभारी एवं अतिरिक्त कुल सचिव शैक्षणिक डॉ विठ्ठल बिस्सा ने बताया कि प्रधान मंत्री इस योजना का राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल लोकार्पण मंगलवार 20 फरवरी को करेंगे। इस आयोजन में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा के विशिष्ठ प्रधान सचिव, कुलपति, जनप्रतिनिधि, संकाय सदस्य, विद्यार्थी सहभागिता करेंगे।

कैसे उपयोग होगा इस राशि का

पीएम उषा प्रभारी डॉक्टर धर्मेश हिरवानी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा भौतिक संसाधन सुदृढ़ करने,अकादमिक और शोध क्षेत्र में और अधिक समृद्ध करने के प्रस्ताव अनुसार निम्न कार्य होंगे…

• विभाग के लिए आवश्यक सभी कक्षा कक्ष, कांफ्रेंस हॉल, डिपार्टमेंट
• प्रयोगशाला सामग्री
• स्मार्ट लैब
• सम्पूर्ण ई सुविधायुक्त कांफ्रेंस हॉल
• आईटी लैब
• फर्नीचर
• डिजिटल और ई लर्निंग के लिए कार्यक्रम

क्या है पीएम उषा योजना

देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों को और अधिक संसाधन युक्त बनाने, अधिकाधिक प्रासंगिक बनाने और रोजगारोन्मुखी बनाने के साथ ही अधिक दक्षता, पारदर्शिता, जवाबदेही और जवाबदेही के साथ राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में उच्च स्तर की पहुंच, समानता और उत्कृष्टता प्राप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) के रूप में शुरू किया गया|

पीएम-उषा का लक्ष्य बाजार से जुड़े पाठ्यक्रमों, उद्योग संपर्कों, छात्र इंटर्नशिप आदि को बढ़ावा देने के लिए वित्त पोषण के माध्यम से स्नातक रोजगार क्षमता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है; रोजगार योग्यता परिणामों पर सख्ती से नज़र रखना और निगरानी करना; छात्रों के लिए कौशल-आधारित शिक्षा शुरू करना, और विभिन्न विषयों, उपयुक्त कौशल-आधारित और रोजगार-आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/मॉड्यूल में स्नातकों में महत्वपूर्ण कौशल अंतराल की पहचान करना; पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और मुक्त दूरस्थ शिक्षा हस्तक्षेप; एनएएसी मान्यता ग्रेड में सुधार के लिए संस्थानों को समर्थन; गुणवत्तापूर्ण पहल पर अधिक जोर; ई-लर्निंग/वर्चुअल लर्निंग को अधिक बढ़ावा देना; योजना के हस्तक्षेपों के आउटपुट/परिणामों पर नज़र रखना; सामुदायिक भागीदारी, लिंग संवेदीकरण आदि को बढ़ावा देना है| विश्वविद्यालय की उपलब्धि पर कुल सचिव अरुण प्रकाश शर्मा शर्मा ने विश्वविद्यालय के समस्त कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवमयी उपलब्धि है।

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