Monday, May 13, 2024
Hometrendingबीकानेर में पुष्‍करणा सावे की धूम, सारा शहर बन गया बारातघर, दूल्‍हों...

बीकानेर में पुष्‍करणा सावे की धूम, सारा शहर बन गया बारातघर, दूल्‍हों को मिले उपहार

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर में रविवार को पुष्‍करणा सावा-2024 की धूम मची है। एक ही दिन में डेढ सौ से ज्‍यादा शादियां होने से सारा शहर ही बारातघर सा बन गया है। परकोटे का कोई भी ऐसा चौक या गली-मोहल्‍ला नहीं है जहां रौनक नहीं है। हर तरफ उत्‍साह और उमंग का माहौल है। विवाह गीतों की सुर लहरियों के बीच विष्‍णुभेष में पहुंच रहे दूल्‍हों का जगह-जगह स्‍वागत हो रहा है। उपहार दिए जा रहे हैं।

pushkarna sava 2024 bikaner
pushkarna sava 2024 bikaner

मोहता चौक में श्री पुष्टिकर ब्राह्मण सावा सामूहिक व्यवस्था समिति की ओर से विष्णुरूपी दूल्हों का सम्मान किया गया। प्रथम स्थान पर यादवेन्द्र व्यास व द्वितीय पर संजय छंगाणी को स्व. शंकरलाल हर्ष स्मृति में स्मृति चिन्ह के साथ 11,000 व 7100 रूपए नगद पुरस्कार, साथ में स्मृतिशेष स्व.राजतिलक जोशी की स्मृति में राजअलंकरण यादगार पल अवार्ड दिया गया। स्‍वागत समारोह में मुख्‍य अतिथि विधायक जेठानंद व्‍यास व पुजारी बाबा थे।

इस अवसर पर ओंकारनाथ हर्ष, दिलीप जोशी, श्रीनारायण आचार्य, गोकुल जोशी, महेश व्यास, हीरालाल हर्ष, एन.डी. रंगा, रूपकिशोर व्यास, राजेन्द्र जोशी, पं. योगेन्द्र दाधीच, श्यामसुन्दर पुरोहित, शिवकुमार रंगा, भरत पुरोहित, के.पी. बिस्सा, बलदेव व्यास, गोपाल हर्ष सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया। इसी तरह बारह गुवाड चौक में भी सबसे पहले पहुंचने वाले तीन दूल्‍हों का रमक झमक के प्रहलाद ओझा भैंरू की अगुवाई में स्‍वागत व सम्‍मान किया गया।

pushkarna samaj sava in bikaner
pushkarna samaj sava in bikaner

न घोड़ी और न ही बैंड बाजा…

आमतौर पर बारात में दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचता है, लेकिन पुष्करणा समाज के विवाह सावे में दूल्हा नंगे पैर बारात लेकर ससुराल जाता हैं। वह सूट-बूट की जगह केवल बनियान पहने होता हैं। सिर पर खिडकिया पाग पहनी होती है। इस सावे में दूल्हा जहां विष्णु स्वरूप माना जाता है, दुल्हन लक्ष्मी स्वरूपा मानी जाती है। बैंड-बाजा की जगह शंख की ध्वनि और मांगलिक गीत गूंजते हैं।

pushkarna samaj sava 2024 bikaner
pushkarna samaj sava 2024 bikaner

देशभर से लोग आते हैं बीकानेर…

पुष्करणा सावा देखने के लिए देश भर से समाज के लोग बीकानेर आते हैं। पुष्करणा सावे में मांगलिक रस्म ‘खिरोड़ा’ होती है जिसमें पापड़ पढ़े जाते है। महिलाएं शुभ मुहूर्त में बड़ पापड़ तैयार करती हैं। इनको कुमकुम से चित्रकारी से सजाती भी है। विवाह की रस्मों में वधू पक्ष की ओर से खिरोड़ा वर पक्ष के यहां पहुंचाया जाता है। वर पक्ष के यहां पूजन कार्यक्रम सम्पन्न होते है। गोत्राचार होता है।

आपको बता दें कि पुष्‍करणा सावे को देखते हुए सरकार ने भी पूरे परकोटे को एक छत घोषित करते हुए इस दिन होने वाली सभी शादियों के लिए अनुदान देने की घोषणा की है। विवाह के दिन बारात लेकर जो दूल्हा सबसे पहले चौक से निकलता है, उसे भी पुरस्कार दिया जाता है। उसी दूल्हे को पुरस्कार मिलता है, जो विष्णु रूप में तैयार होकर जाता है। यह सब शहर की संस्कृति को बनाए रखने के लिए किया जाता है।

दो साल से आता है सावा…

रियासत काल से शुरू हुई पुष्‍करणा सावे की परंपरा पहले प्रति चार साल के अंतराल से होती थी जिसके कारण शादियों का अनूठा आयोजन ओलम्पिक शादियों के नाम से प्रचलित हो गया। लेकिन, अब प्रत्‍येक दो साल से इसका आयोजन किया जा रहा।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular