Monday, June 16, 2025
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राजस्‍थान में खनिजों की खोज के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स का होगा उपयोग

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जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में खनिजों की खोज के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स व मशीन लर्निंग तकनीक का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रमुख सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत भीलवाड़ा और भरतपुर के साथ ही चित्तोड़गढ़ के कुछ स्थानों पर एआई के माध्यम से क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक खनिज संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि खनिज क्षेत्र में नवाचार के तहत एआई के उपयोग का निर्णय लिया गया है और इसके लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी द्वारा केन्द्र सरकार एवं नोटिफाइड प्राइवेट एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ काम शुरु किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जो कि प्रदेश के खान मंत्री भी है, प्रदेश को खनिज खोज व खनन क्षेत्र में देश का अव्वल प्रदेश बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज प्रमुख खनिजों की नीलामी में राजस्थान समूचे देश में शीर्ष पर आ गया है वहीं खनिज क्षेत्र से राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। अब राज्य के भूगर्भ में छिपे बेशकीमती खनिजों के खोज कार्य को गति देने पर जोर दिया जा रहा है ताकि प्रदेश में उपलब्ध 82 प्रकार के खनिजों में से अधिक से अधिक खनिज भण्डारों की खोज कर खनन किया जा सके। वर्तमान में राज्य में 57 प्रकार के खनिजों का खनन हो रहा है।

प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के रुप में भीलवाड़ा-भरतपुर व चित्तोडगढ़ में काम आरंभ किया जाएगा। एआई अध्ययन से प्राप्त रिपोर्ट के अधार पर खनिज संभावित चिन्हित स्थानों पर प्राथमिकता से ड्रिलिंग करवाते हुए सेंपल्स का रासायनिक विश्लेषण करवाया जाएगा और उसके परिणामांे के आधार पर ब्लॉक तैयार कर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि परंपरागत तरीके से पूर्वेक्षण में अधिक समय व धन व्यय होता है वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से एक्सप्लोरेशन कार्य सेे समय, धन और श्रम की बचत होने के साथ ही वैज्ञानिक तरीके से एक्सप्लोरेशन में गुणवत्ता और खनिज उपलब्धता सुनिश्चितता की संभावना अधिक होगी।

भारत सरकार की हैदराबाद की एनपीईए क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर द्वारा एआई के उपयोग करते हुए एक्सप्लोरेशन में केन्द्र, राज्य सरकार व अन्य एक्सप्लोरेशन संस्था के उपलब्ध डेटा, सेटेलाइट मेपिंग और ग्राउण्ड पेनिट्रेशन राडार आदि से प्राप्त डेटा का विभिन्न चरणों में विश्लेषण कर क्षेत्र विशेष में खनिज संपदा की उपलब्धता, गुणवत्ता आदि का पता लगाया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अन्य खनिजों के साथ ही क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक खनिजों के खोज कार्य पर अधिक बल दिया जा रहा है।

प्रदेश में मेजर मिनरल में लाइम स्टोन के विपुल भण्डारों के साथ ही कॉपर, बेसमेटल, आयरन सहित क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक खनिजों की प्रचुर मात्रा में भण्डार होने के साथ ही बहुतायत में डिपोजिट्स होने की संभावना है। प्रदेश में पायलट प्रोेजेक्ट के रुप में काम करने वाली केन्द्र सरकार द्वारा नोटिफाईड़ प्राइवेट एक्सप्लोरेशन एजेंसी क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर द्वारा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कार्य किया जा रहा है।

निदेशक माइन्स दीपक तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा खनिज खोज में पहली बार एआई का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नवाचार से निश्चित रुप से प्रदेश में मिनरल एक्सप्लोरेशन को नई दिशा और गति मिलेगी।

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