Sunday, April 28, 2024
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मुख्‍यमंत्री गहलोत की तबियत हुई खराब, शुभचिंतकों से कहा- वापस लौटेंगे…

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जयपुर Abhayindia.com प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तबियत आज खराब हो गई है। सुबह उन्हें सीने में दर्द की शिकायत महसूस हुई और बैचेनी लगी। इस पर वे सवेरे जांच के लिए पहले सी स्कीम स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच कराने गए। इसके बाद वे एसएसएस अस्पताल गए और वहां पर गहलोत ने कार्डिक और अन्य जांचें कराई। बाद में गहलोत की एंज्योप्लास्टी कराई गई। गहलोत के साथ चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी रहे। गहलोत की तबियत खराब होने की खबर सामने आने के बाद नेताओं ने उनके कुशलक्षेम की कामना की। गहलोत ने भी शुभचिंतकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे ठीक है और वापस लौटेंगे। चिकित्सकों ने गहलोत को आराम करने की सलाह दी है। अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा सहित कार्डियोलॉजी सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने उनकी जांच कराई।

 

बहुत काम का है “ऊँटनी का दूध”, एनआरसीसी औषधीय गुण बताकर करेगा बिक्री

बीकानेर Abhayindia.com भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) में ‘ऊँट पालकों का ऊँटों से भरण-पोषण‘ विषयक परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि ऊँटनी के दूध के औषधीय महत्व के प्रति आमजन में जागरूकता एक अत्यंत जरूरी पहलू है तथा उपयोगिता के आधार पर इसकी बिक्री-मूल्य का भी निर्धारण किया जाए ताकि उष्ट्र दुग्ध व्यवसाय एक सही दिशा की ओर अग्रसर हो सके। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के आह्वान पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की ओर से ‘किसानों के लिए खाद्य एवं पोषण‘ विषय पर आधारित कार्यक्रम के साथ एनआरसीसी द्वारा इस महत्वपूर्ण परिचर्चा को जोड़ा गया। केन्द्र निदेशक डॉ. साहू ने ऊँट पालकों से कहा कि अनुसंधान के आधार पर ऊँटनी का दूध मधुमेह, क्षय रोग, ऑटिज्म आदि के प्रबंधन में उपयोगी साबित हुआ है। ऊँटनी के दूध की दिल्ली, हैदराबाद, चैन्नई, लुधियाना, चंडीगढ़ आदि में बढ़ती मांग को देखते हुए उष्ट्र बाहुल्य राजस्थान राज्य के ऊँट पालकों को ही इस दूध को व्यापारिक दृष्टिकोण से अपनाने के लिए आगे आना होगा। जिससे देशभर में जरूरतमंद लोगों को यह सुलभ हो सके व ऊँट पालकों की आमदनी में बढ़ोत्तरी के साथ उष्ट्र प्रजाति के संरक्षण में भी सहायता मिल सकेगी।

इस दौरान ऊँटनी के दूध को व्यावसायिक रूप देने के लिए ऊँटनी दूध का छोटे केन्द्रों से मुख्य केन्द्रों तक संग्रहण, प्रसंस्करण, शीतलीकरण की सुविधाओं की सुलभता पर चर्चा हुई। ऊँटनी के दूध में आयरन की प्रचुरता के कारण महिलाओं के लिए इसकी उपयोगिता, स्कूली बच्चों के मिड-डे मील में दूध को शामिल किए जाने, मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पारंपरिक उष्ट्र दुग्ध उत्पादों के निर्माण एवं इन्हें बढ़ावा देने पर जोर दिया। जिससे इनका निर्माण घरेलू स्तर पर कर दुग्ध उत्पादों को व्यावसायिक रूप दिया जा सके। चर्चा में सक्रिय संगठनों के निर्माण, उष्ट्र पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के दिशा में योजनाबद्ध कार्यक्रम तैयार करने आदि पहलुओं पर भी गहन चर्चा की गई ताकि दूध का उत्पादन एवं पशु का संरक्षण किया जा सके।

इस वर्चुअल परिचर्चा में उरमूल ट्रस्ट, बीकानेर के रामप्रसाद हर्ष ने उरमूल द्वारा ऊँटनी के दूध की औषधीय आधार पर लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता के संबंध में स्थानीय स्तर पर दूध की सार्वजनिक स्थलों पर बिक्री, इसका आमजन में रसास्वादन, विशेष अवसरों पर दुग्ध उत्पादों का निर्माण कर इनकी उपलब्धता आदि हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। वहीं, लोकहित पशुपालक संस्थान, सादड़ी के निदेशक हनुवंत सिंह राठौड़ ने एनआरसीसी के दूध को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इस व्यवसाय में लाने वाली व्यावहारिक मुद्दों पर नियमित चर्चाएं की जाए व एक नीतिगत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को प्रस्तुत किया जा सके। इस दौरान गृह महाविद्यालय, रा.कृ.वि., बीकानेर की डॉ. ममता सिंह ने किसानों से ऊँटनी के दूध के संग्रहण एवं भण्डारण आदि के मुद्दों पर बात की ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में इस दूध की आपूर्ति संभव हो सके।

परिचर्चा के समन्वयक डॉ. आर. के. सावल ने कहा कि परिचर्चा में किसानों के लिए ऊँटनी के दूध का परिवार के पोषण में योगदान, मानव स्वास्थ्य में इसकी भूमिका, दूध के पारंपरिक एवं नूतन उत्पाद के साथ इन उत्पादों का आमजन के लिए उपयोग को बढ़ाए जाने तथा ऊँटनी के दूध को एक व्यावसायिक दृष्टिकोण दिए जाने आदि मुख्य चर्चा के बिन्दु सम्मिलित रहे। इस महत्वपूर्ण परिचर्चा में करीब 40 से अधिक ऊँट पालकों, उद्यमियों, विषय-विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।

बीकानेर के सूफियाना गायक समीर के गीत- ‘एक बेवफा’ मचा रहा धूम…

बीकानेर Abhayindia.com मुम्बई में रहने वाले बीकानेर के सूफियाना गायक समीर खान का नया सिंगल गीत- ‘एक बेवफा’ टिप्स कम्पनी ने यूट्यूब, स्पॉटीफ़ाय, गाना, अमेजन म्यूजिक आदि सारे म्यूजिकल प्लेटफॉर्म पर एक साथ रिलीज किया है। रिलीज होने के केवल दो दिन में केवल यूट्यूब पर ही 65 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है। समीर ने बताया कि यह गीत अक्षय कुमार की फ़िल्म बेवफ़ा के प्रसिद्ध गीत से प्रेरित है। टिप्स ने अपने पुराने हिट गीत को नए लिरिक्स के साथ रिक्रिएट किया है। आपको बता दें‍ कि समीर का ननिहाल कोलायत तहसील के अक्कासर गांव में है। समीर के मामा विजय मालिया ने समीर की इस सफलता पर हर्ष प्रकट किया है। रिपोर्ट : अविनाश स्‍वामी

एक सितंबर से स्कूल खोलने की स्वीकृति की बाद तैयारियां शुरू

बीकानेर Abhayindia.com प्रदेश में एक सितंबर से स्कूल खोलने की स्वीकृति की बाद तैयारियां शुरू हो गई है। बुधवार को जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में जिला निष्पादक समिति की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि 1 सितम्बर से नौंवी से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू हो रही हैं। इसे देखते हुए सभी स्कूलों में कोविड एडवाइजरी की शत-प्रतिशत अनुपालना सुनिश्चित करवाई जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। संबंधित स्कूल प्रभारी इसके लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करें। निजी स्कूलों का भी औचक निरीक्षण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल में कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की अनुपालना सर्वोच्च प्राथमिकता रहे।

जिला कलक्टर ने कहा कि चार सितम्बर को जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में सघन पौधारोपण अभियान आयोजित किया जाएगा। इस दौरान नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थी लगभग पचास हजार पौधे लगाएंगे। इन पौधों को रखरखाव की दृष्टि से विद्यार्थियों को गोद दिया जाएगा एवं स्कूल प्रबंधन की ओर इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

जिला कलक्टर ने कहा कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों को विद्युत कनेक्शन से जोड़ते हुए बीकानेर को ‘मॉडल’ जिले के रूप में विकसित किया जाएगा। यह कार्य इस वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि विद्युत कनेक्शन विहीन स्कूलों की सूची अविलम्ब उपलब्ध करवाई जाए। जहां विद्युत कनेक्शन संभव होंगे, वहां प्राथमिकता से यह कनेक्शन करवाए जाएंगे। वहीं अन्य स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

आईसीटी लैब स्थापित…

जिला कलक्टर ने जिले की सभी वंचित स्कूलों में सितम्बर और अक्टूबर तक आईसीटी लैब स्थापित करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इसमें ढिलाई नहीं बरती जाए। प्रत्येक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी इसकी समीक्षा करें। उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान की विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माण कार्यों की समीक्षा की तथा कहा कि प्रगतिरत 33 कार्य दो महीनों में पूर्ण किए जाएं। पालनहार योजना के तहत 4 हजार 486 बच्चों के वंचित अध्ययन प्रमाण पत्र जारी कर ई-मित्र के माध्यम से एक सप्ताह में अपडेट करने के निर्देश दिए।

मेहता ने कहा कि पढऩा लिखना अभियान के तहत गत माह आयोजित हुई चार दिवसीय परीक्षा के परिणाम संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आगामी तीन दिनों में उपलब्ध करवाया जाए। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा जारी रैंकिंग की समीक्षा की तथा कहा कि सभी मापदण्डों एवं लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित की जाए, जिससे जिला, प्रदेश में उच्च रैंकिंग पर बना रहे। इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राज कुमार शर्मा, एडीपीसी हेतराम सारण, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुरेन्द्र सिंह भाटी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक अनिल कुमार अग्रवाल, डाइट प्राचार्य रमेश हर्ष, साक्षरता के सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल. डी. पंवार आदि मौजूद रहे।

शिक्षा : प्रदेश में एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल, विभाग ने की तैयारी, जारी किए निर्देश

बीकानेर Abhayindia.com प्रदेश में अब एक सितंबर से फिर से स्कूलों में रौनक लौटेगी। चार माह बाद कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक स्कूल खोलने की तैयारियां चल रही है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर बुधवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार कक्षा 9वीं और 11वीं सुबह 7:30 बजे से और 10वीं व 12वीं की कक्षाएं सुबह 8 बजे से लगेगी। इन कक्षाओं के समय में आधा घंटे का अंतर रखा गया है ताकि ज्यादा भीड़ नहीं हो।

नहीं होगी प्रार्थना सभा…

निर्देशों के अनुसार स्कूलों में प्रार्थना सभा, सामूहिक खेल आयोजन, उत्सव किसी भी तरह की रैलियां नहीं होगी। इन पर रोक रहेगी। विद्यार्थी अपने अभिभावकों की स्वीकृति के बाद ही स्कूल आ सकेंगे। पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।

दो पारियों का समय…

दो पारियों में चलने वाले विद्यालयों के समय में बदलाव रहेगा, इसमें पहली पारी कक्षा 9 और 11 वीं 7:30 से 12:30, तो दूसरी पारी में 12:30 से शाम 5:30 बजे तक चलेगी। इसी तरह कक्षा 10 व 12 वीं की पहली पारी सुबह 8 से दोपहर 1 और दूसरी पारी में दोपहर 1 से शाम 6 बजे तक चलेगी।

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