







जयपुर Abhayindia.com राजस्थान के टोंक, राजसमंद, पाली और भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल मिलने से एकबारगी हड़कंप सा मच गया। टोंक में भाजपा की तिरंगा यात्रा से पहले कलेक्टर की ऑफिशियल ईमेल आईडी पर धमकी भेजी गई, जिसमें दोपहर 3:30 बजे ब्लास्ट की बात कही गई। इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर को खाली करवाकर बम निरोधक दस्ते ने सर्च अभियान शुरू किया। भारी पुलिस बल तैनात है और किसी को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसी तरह राजसमंद, पाली और भीलवाड़ा में भी ईमेल मिले, जिसके बाद वहां भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
धमकीभरे ईमेल आने के बाद साइबर विशेषज्ञ ईमेल भेजने वाले का पता लगाने में जुटे हैं, लेकिन वीपीएन के उपयोग के कारण जांच में चुनौतियां आ रही हैं। राजसमंद कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने बताया कि धमकी भरे ईमेल के बाद परिसर को खाली करवाकर जांच शुरू की गई। एसपी मनीष त्रिपाठी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए कहा कि आईपी एड्रेस ट्रैक कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इससे पहले 15 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और आईएएस नीरज के पवन को जान से मारने और जयपुर के एसएमएस स्टेडियम को उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसके बाद हाई अलर्ट जारी किया गया था।
इधर, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर..राजस्थान में हो क्या रहा है? मुख्यमंत्री जी को तीन बार जान से मारने की धमकी के बाद आज प्रदेश में कई जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी ऐसे समय में मिली है जब 2 दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान आने वाले हैं, ऐसे में प्रदेश के कई जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी अत्यंत गंभीर और राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है।
उन्होंने कहा कि सीकर जिला कलेक्ट्रेट में मुख्य सचिव अधिकारियों की बैठक लेने वाले थे, उस से पहले कलेक्ट्रेट को उड़ाने की धमकी बताती है कि राजस्थान में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। ये पहला मौका नहीं है, आए दिन मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों तक को धमकियां मिल रही हैं। अगर राज्य के मुखिया और विभाग ही सुरक्षित नहीं है तो आमजन की सुरक्षा का क्या हाल होगा?



