अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद से आम अवाम खौफजदा है। ऐसे माहौल के बीच काबुल स्थित गुरुद्वारे का एक वीडियो सामने आया है। ये वीडियो दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने शेयर किया है। इसमें दिख रहा है कि तालिबानी नेता काबुल स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे हैं। इस वीडियो लेकर मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि तालिबान ने काबुल के गुरुद्वारे में शरण लिए हिंदुओं और सिखों से मिलकर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया है। सिरसा का ये भी कहना है कि अफगानिस्तान में जो भारतीय परिवार फंसे हुए हैं उनको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में बात की है। वहां से पता चला है कि अफगानिस्तान में फंसे लोगों के लिए शुरू की गई नई स्कीम के तहत सभी के वीजा मंजूर कर लिए गए हैं। उनका कहना है कि उनकी काबुल स्थित गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह से भी बात हुई है। उन्होंने बताया है कि विदेश मंत्रालय के लोग उनसे संपर्क में हैं और सभी के वीजा भी अप्रूव हो चुके हैं। अब काबुल से निकलने का इंतजार किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज 6 लोगों को गुरुद्वारे से एयरपोर्ट भी ले जाया जा रहा है।
I am in constant touch with the President Gurdwara Committee, Kabul S. Gurnam Singh & Sangat taking refuge in Gurdwara Karte Parwan Sahib in Kabul. Even today, Taliban leaders came to Gurdwara Sahib and met the Hindus and Sikhs and assured them of their safety @thetribunechd pic.twitter.com/glyCgZBwVI
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) August 18, 2021
इधर, तालिबानी हुकूमत के बीच अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के साथ पाकिस्तान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा है- ‘सभी देशों को कानूनी कायदों का सम्मान करना चाहिए, हिंसा का नहीं। अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान इसे निगल नहीं सकता और तालिबान इस पर शासन नहीं कर सकता। अपने इतिहास में अमानवीयता और आतंकियों के आगे झुकने का अध्याय मत जुड़ने दीजिए।’ सालेह ने ये भी कहा है कि राष्ट्रध्वज फहराने वालों और देश के सम्मान के लिए आगे आने वालों को सलाम करते हैं। सालेह का ये बयान जलालाबाद की घटना के बाद आया है, क्योंकि जलालाबाद समेत कुछ इलाकों से गुरुवार को अफगानी झंडा लहराने की तस्वीरें सामने आई हैं।
इस बीच, तालिबान भले ही दावा कर रहा है कि इस बार उसका शासन पहले जैसा नहीं होगा, लेकिन हकीकत सामने आती जा रही है। तीन दिन पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि जो लोग अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहते हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को घेर लिया है और लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा है। सिर्फ विदेशियों को ही जाने दिया जा रहा है। पिछले दो दिनों की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें दिख रहा है कि अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंचे अफगानियों पर तालिबान के दहशतगर्द गोलियां चला रहे हैं, कोड़े बरसा रहे हैं और उन पर धारदार हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार रात फिर से फायरिंग हुई है। हालांकि, ये फायरिंग भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर की थी। तालिबान ने अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया को भी अपने हिसाब से चलाना शुरू कर दिया है। महिला एकंर्स को हटा दिया गया है। सरकारी चैनल पर इस्लामी संदेश सुनाए जा रहे हैं। निजी चैनलों ने भी पॉप म्यूजिक और वेस्टर्न कल्चर वाले शो बंद कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सभी अमेरिकियों के अफगानिस्तान से निकाले जाने तक हमारे सैनिक हटाए नहीं जाएंगे। भले ही ये डेडलाइन 31 अगस्त के बाद भी बढ़ानी पड़े।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत से सभी तरह के आयात-निर्यात पर रोक लगा दी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जनरल डॉ. अजय सहाय के मुताबिक तालिबान ने फिलहाल पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट्स से होने वाली सभी कार्गो मूवमेंट पर रोक लगा दी है। डॉ. सहाय ने बताया कि भारत, अफगानिस्तान को चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, चाय, कॉफी, मसाले और ट्रांसमिशन टावर्स का एक्सपोर्ट करता है। वहीं अफगानिस्तान से ड्राय फ्रूट्स और प्याज जैसी चीजों का आयात होता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द कारोबारी गतिविधियों को शुरू किया जाएगा, क्योंकि दोनों देशों के लिए ये जरूरी और फायदेमंद है।
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मंत्रिमंडल विस्तार पर माकन का बड़ा बयान- स्थिति अंडर कंट्रोल… वर्क इन प्रोग्रेस
जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में जो समय लग रहा है इससे देरी नहीं समझा जाए, बल्कि यह हमारी स्ट्रेटजी का हिस्सा है। मंगलवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए माकन ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां वर्क इन प्रोग्रेस हैं। मैं तारीख नहीं बता सकता हूं। मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान ही लेंगे। माकन ने कहा कि राजस्थान की स्थिति अंडर कंट्रोल है। मैं राजस्थान के सभी नेताओं के संपर्क में हूं। सभी से लगातार बात करता हूं। उन्होंने कहा कि इन दिनों आपको कोई बयानबाजी सुनने को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा की पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पार्टी से नाराज नहीं है। पायलट का कांग्रेस की विचारधारा में पूरा विश्वास है।
राजस्थान : मंत्रिमंडल फेरबदल के मिल रहे संकेत, थम गई सियासी बयानबाजी
जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का दौर भले ही कुछ दिनों से थम सा गया है, लेकिन इसमें जल्द ही गरमी आने वाली है। जानकारों की माने तो गहलोत सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल फेरबदल कर सकती है। इसके लिए गहलोत की दिल्ली में आलाकमान से बातचीत भी हो चुकी है। आलाकमान ने फेरबदल या विस्तार का फैसला पूरी तरह गहलोत पर छोड़ दिया है। इसी के चलते प्रदेश में सियासी बयानबाजी शांत हो गई है। बताया जा रहा है कि सितंबर में विधानसभा सत्र शुरू होने पहले सरकार अपने मंत्रिमंडल का चेहरा बदलेगी। बहरहाल, आपको बता दें कि मंत्रिमंडल में 9 लोगों के लिए पद खाली है। कांग्रेस के कुल 106 विधायक हैं। इसमें से 19 मंत्री हैं। एक मंत्री सहयोगी आरएलडी से है। इन शेष बचे विधायकों में से 45 ऐसे हैं जो पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं। इनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना नहीं है। 2 बार निर्वाचित हुए 27 विधायकों में से 11 फिलहाल सरकार में मंत्री हैं। इनके अलावा महेश जोशी मुख्य सचेतक तथा महेंद्र चौधरी उपमुख्य सचेतक हैं।
इधर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के सदन के सदस्यता से त्याग पत्र के मामले में आगामी विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले इस मामले में निर्णय लिए जाने की मांग की है। इस संबंध में राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव को सोमवार को पत्र लिखा। राठौड़ ने हेमाराम के इस्तीफे के बाद की बैठक नहीं बुलाई जाने से हो रहे कार्य गतिरोध का भी हवाला इस पत्र में दिया।
टी-20 विश्व कप क्रिकेट के कार्यक्रम का ऐलान, टीम इंडिया का पहला मुकाबला पाकिस्तान से
खेल डेस्क। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने इस वर्ष खेले जाने वाले टी-20 विश्व कप के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। वर्ष 2007 में टी-20 चैंपियन बनी टीम इंडिया इस विश्व कप में अभियान की शुरूआत 24 अक्टूबर से करेगी। टीम इंडिया का पहला मुकाबला चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ खेला जाएगा। आपको बता दें कि वर्ल्ड कप का आयोजन 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक होगा। टूर्नामेंट का पहला मुकाबला 17 अक्टूबर को ओमान और पपुआ न्यू गिनी के बीच खेला जाएगा। फाइनल 14 नवंबर को होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछला मुकाबला 2016 में खेला गया था। यह भी टी-20 वर्ल्ड कप मैच था। दोनों टीमें टी-20 वर्ल्ड कप में 5 बार आमने-सामने आ चुकी हैं। इन सभी में भारत ने पाकिस्तान को हराया है। ओवरऑल टी-20 की बात करें, तो भारत और पाकिस्तान ने 8 मैच खेले हैं। इसमें टीम इंडिया ने 7 और पाकिस्तान ने 1 मैच जीता। 1 मैच भारत ने टाई के बाद बॉल आउट में जीता था।
आईसीसी ने कुछ समय पहले ही टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ग्रुप का ऐलान किया था। ओमान में खेले जाने वाले राउंड में 8 टीमें सुपर-12 में जगह बनाने के लिए खेलेंगी। इन टीमों 2014 की टी20 विजेता श्रीलंका के अलावा आयरलैंड और बांग्लादेश जैसी बड़ी टीमों के नाम शामिल हैं। क्वालीफाइंग राउंड मिलाकर कुल 45 मैच खेले जाएंगे। इसमें से क्वालीफायर राउंड में 12 मैच और सुपर-12 राउंड में 30 मैच खेले जाएंगे। इसके अलावा सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले होंगे।
सुष्मिता देव ने कांग्रेस छोड़ी, चिदंबरम और सिब्बल ने कसा तंज…
नई दिल्ली Abhayindia.com कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लग गया है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने पार्टी छोड़ दी है। असम के सिलचर से पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने अपना ट्विटर बायो भी बदलकर कांग्रेस की ‘पूर्व सदस्य’ कर दिया है। उनके पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने सुष्मिता देव से अपने फैसले पर फिर विचार करने की गुजारिश की है। इधर, सुष्मिता के पार्टी छोड़ने के बाद कार्तिक चिंदबरम और कपिल सिब्बल ने अपनी राय रखते हुए युवा नेताओं के इस तरह से कांग्रेस छोड़कर जाने पर सवाल खड़े किए है। दोनों ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी आंखें बंद कर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने सुष्मिता देव के इस्तीफे पर लिखा कि हमें इस बात पर गहन विचार करने की जरूरत है कि सुष्मिता देव जैसे लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुष्मिता देव अब जल्द ही ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी में शामिल हो सकती है। सुष्मिता देव असम-बंगाल के बड़े नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं।
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