









जयपुर Abhayindia.com राजस्थान को बिजली संकट से अब काफी हद तक राहत मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने राजस्थान को 4 हजार मेगावाट क्षमता की बैटरी स्टोरेज के आवंटन की स्वीकृति दे दी है। इससे प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी को स्टोर किया जा सकेगा। इस बिजली को पीक ऑवर्स में उपयोग कर पाएंगे। बिजली संकट और उस दौरान महंगी बिजली खरीदने की स्थिति से बड़ी राहत मिलेगी। लागत प्रति मेगावाट करीब 2 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसमें विद्युत मंत्रालय वायबिलिटी गैप फंडिंग करेगा, जो करीब 18 लाख रुपए प्रति मेगावाट होगा। ऐसे में 720 करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी राज्य विद्युत उत्पादन निगम दो हजार मेगावाट स्टोरेज पर पहले से काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस आवंटन के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय विद्युत मंत्री का आभार जताया है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने पिछले दिनों ही केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात कर 5 हजार मेगावाट बैटरी स्टोरेज क्षमता आवंटन की मांग दोहराई थी।
आपको बता दें कि बैटरी स्टोरेज क्षमता के अनुसार, बिजली संग्रहित की जाएगी और बाकी ग्रिड में चली जाएगी। बैटरी में करीब एक घंटे सप्लाई होने तक की बिजली स्टोर की जा सकेगी। रात में सौर ऊर्जा का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए चिन्हित प्लांट, फैक्टरी या ऑफिस में बिजली का उपयोग करना है तो ग्रिड से लेने की बजाय स्टोरेज ऊर्जा का उपयोग किया जा सकेगा। ग्रिड से बिजली नहीं लेंगे तो विद्युत शुल्क नहीं देना होगा। किसी समय ज्यादा दर पर बिजली मिल रही होगी तो भी स्टोरेज उपयोग कर सकेंगे।




