Saturday, April 20, 2024
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विधानसभा में राइट टू हेल्‍थ बिल लाने की तैयारी, अस्‍पतालों का एक धड़ा अब भी विरोध में

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जयपुर Abhayindia.com राजस्‍थान में गहलोत सरकार की ओर से लाए गए राइट टू हेल्‍थ बिल को लेकर चल रहे घमासान के बीच जल्‍द ही इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। बताया जा रहा है कि 23 मार्च तक इस बिजल को सदन में रखकर मंजूरी दे दी जाएगी। विधानसभा की प्रवर समिति और बिल का विरोध करने वाले संगठन स्टेट जॉइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों की चर्चा के बाद इस बिल के फाइनल मसौदे को मंजूरी दी गई है। इधर, निजी अस्‍पताल संचालकों का एक धड़ा अब भी इस बिल के विरोध में है। इन प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों ने सरकारी योजनाओं के तहत इलाज की सुविधा बंद करने की चेतावनी दी है। आज सभी अस्‍पतालों को बंद रखने का आह्वान भी किया गया है।

इधर, जॉइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुनील चुघ का कहना है कि हमारी जो मांगें और सुझाव थे वह सरकार ने बिल में शामिल कर दिए है, ऐसे में अब विरोध का कोई मतलब ही नहीं बनता। उन्होंने बताया कि हमारी जो एक्शन कमेटी बनी है उसमें राजस्थान के आधे से ज्यादा हॉस्पिटल जुड़े है और लगभग सभी अब बिल में हुए संशोधन के बाद सहमत है। कुछ हॉस्पिटल संचालक इसका विरोध कर रहे है, जिसका कोई औचित्य नहीं है।

चुघ के अनुसार, सबसे बड़ा विरोध इमरजेंसी सर्विस को लेकर था। इमरजेंसी में आने वाले मरीज को हर हाल में इलाज देने का प्रावधान इसमें कर तो दिया, लेकिन किस तरह की इमरजेंसी इसको लेकर कोई क्लियर नहीं था। उन्होंने बताया कि कई हॉस्पिटल में कॉर्डियोलॉजी, ट्रॉमा की सुविधा नहीं है और वहां कोई हार्ट अटैक या दुर्घटना में घायल हुआ मरीज आता है तो उसे उस हॉस्पिटल में कैसे इलाज मिलेगा। इसको लेकर हमने स्थिति क्लियर करने के लिए कहा है। इसके अलावा मरीजों की शिकायत पर सुनवाई के लिए मरीजों की शिकायत पर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बनी हेल्थ कमेटी में डॉक्टरों को शामिल करने की मांग थी, जिसे मान लिया है। इससे पहले इसमें इस कमेटी में स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी को शामिल करने का प्रावधान था।

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