Monday, May 6, 2024
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राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी, संयुक्‍त संघर्ष समिति ने मंत्री के सामने दागे दस सवाल…

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जयपुर Abhayindia.com राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में गठित विभिन्न चिकित्सा संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति ने आज दस प्रश्नों की एक प्रश्नावली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखी, जिसमें उनसे स्वास्थ्य सेवा एवं उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जवाब मांगा गया है।

समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनील चुघ ने प्रेस को बताया कि मंत्री को चाहिए कि तमाम चिकित्सा संघों को विश्वास में लेते जबरन किसी भी काले कानून को थोप देना सही नहीं है। उन्होंने राजस्थान के स्वस्थ मंत्री परसादी लाल मीणा के उन दावों को सिरे से नकार दिया जो कल उन्होंने अपने बयान में किए थे। समिति के अनुसार न तो उच्चतम न्यायालय और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसी कोई गाइडलाइन बनाई है।

संयुक्‍त संघर्ष समिति की ओर से उठाए गए सवाल

  1. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहाँ स्वास्थ्य के अधिकार क़ानून बनाने के लिये निर्देश दिये हैं?
  2. WHO की कौनसी गाइड लाईन पढ़कर व समझकर वे emergency की परिभाषा व emergency treatment की गाइडलाइन का क़ानून बनाने की बात कर रहे हैं?

3. स्वास्थ्य के अधिकार क़ानून किन वजहों से निजी स्वास्थ्य प्रदाताओं पर लागू करना चाहते हैं, स्वास्थ्य भारतीय संविधान के अनुसार राज्य का विषय है, राज्य सरकार अपने तंत्र को क्यों नहीं सुधार पा रही है?

4. क्यों राज्य के मंत्रीगण व समस्त अधिकारी अपना व परिवार का इलाज निजी अस्पतालों में करवाते हैं? क्यों नहीं इन सबको सरकारी अस्पताल में इलाज करना अनिवार्य किया जाये?

5. स्वास्थ्य के अधिकार क़ानून के विधेयक में सरकार द्वारा कोई बजट प्रावधान नहीं किये गये हैं, ना ही राज्य के बजट में प्रावधान किया गया है, क्या यह विधेयक सिर्फ़ चुनावी नौटंकी है, अन्यथा इसका खर्च कैसे पूरा होगा?

6. सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं में सरकारी व निजी पैकेज एक समान क्यों? स्नातक, स्नातकोत्तर और सुपर विशेषज्ञ डाक्टरों, बड़े शहर व गाँव के अस्पताल तथा छोटे व बड़े अस्पताल के पैकेज समान किस आधार पर निर्धारित किये गये है?

7. सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के लिये केन्द्र सरकार से अनुदान प्राप्त होता है, बीमा कंपनी से भी प्रतिपूर्ति प्राप्त होती है सरकारी अस्पतालों में भी जहां इलाज पूर्व से ही निःशुल्क था, अब सरकार ने क्यों कमाई का ज़रिया बनाया?

8. मंत्रीजी आपने क्या सच में आपने डाक्टरों के प्रतिनिधियों को बुलाकर ढंग से बात करने का प्रयास किया? या स्वयं चुनकर कुछ डाक्टरों को प्रवर समिति में बुलाया व उन्हें तानाशाही दिखाते हुये अपनी बात तक ना कहने दी, क्या स्वास्थ्य विभाग का मुखिया ऐसा होना चाहिये?

9. राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु सरकार राज्य में तम्बाकू बंदी व नशा बंदी लागू क्यों नहीं कर रही है?

  1. रोज़ाना राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में बहुत मौतें होती हैं, सड़क सुरक्षा, सुरक्षित ड्राइविंग और प्रशिक्षण हेतु सरकार ने क्या किया, राजमार्गों पर 24 घंटे सुविधाओं के साथ विशेष ट्रॉमा सेंटर क्यों नहीं स्थापित किये? क्यों राज्य सरकार इन मौतों का आँकड़ा कम नहीं कर पा रही है? सुप्रीम कोर्ट ने कई बार निर्देश दिये हैं उनकी अनुपालना क्यों नहीं हो रही?

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