Sunday, May 5, 2024
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सीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने पूर्व मंत्री भाटी से की वार्ता, करणी सेना के कालवी ने कहा- नेताओं पर पड़ेगी वोट की चोट

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बीकानेर Abhayindia.com गोचर, ओरण व चारागाह की जमीन पर कब्जों को नियमन करने के राज्य सरकार के फैसले के बाद से बीकानेर में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी का शरह नथानिया गोचर भूमि में चल रहा बेमियादी धरना 28 वें दिन जारी रहा।

धरना स्थल पर भजन, कीर्तन व श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन हो रहा है। धरना स्थल पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व संस्थाओं के पदाधिकारी आकर अपना समर्थन गोचर आन्दोलन को दे रहे हैं।

आज धरना स्थल पर श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने भाटी से भेंट कर उन्हें अपना समर्थन दिया। गोचर पर चल रहे दीवार निर्माण कार्य के लिए रामनारायण लढ्ढा अक्कासर वालों की और से भाटी को 51 हजार रूपये की सहयोग राशि भेंट की गई।

भाटी से हुई वार्ता

बुधवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर ने भाटी को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान भाटी ने कहा कि सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने जो यह निर्णय लिया है उसको वापस लें। राज्य सरकार ने 2011 में निर्णय लिया था कि मनरेगा के तहत गोचर, चारागाह में पेड़ लगायेंगे, अतिक्रमण हटायेंगे वो नीति निर्णय भी अभी तक विधमान है उस पर भी क्रियान्वित नहीं हुई हैं। भाटी ने कहा कि 15 दिसम्बर 2021 के मंत्री मण्डलीय निर्णय के बाद नये अतिक्रमण हो रहे है उन्हें भी तुरन्त प्रभाव से रोका जाये। वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की समिति बनाकर वर्तमान में गोचर, औरण में जनहित में भुमि अवाप्ति करने का जो नियम है उसे निरस्त किया जावें। संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर से सकारात्मक चर्चा हुई जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि राजस्थान सरकार से बात कर तुरन्त ही उनके निर्णय से अवगत करायेंगे।

वार्ता में भाटी के साथ पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामकिशन आचार्य, सूरजमाल सिंह नीमराणा, ललित दाधीच, ब्रजरतन किराडू, हेम शर्मा, अंशुमानसिंह भाटी, समाजसेवी देवकिशन चांडक, प्रतापसिंह राठौड़, एडवोकेट सतपालसिंह शेखावत उपस्थित थे।

भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि इस अवसर पर कालवी ने कहा कि राजस्थान सरकार का गोचर पर पट्टे काटने का निर्णय गाय के ग्रास पर हमला है। राजस्थान सरकार ने गोचर मुद्दे पर अब तक अपनी आंखें बंद कर रखी थी व बहरे होने का नाटक कर रही थी लेकिन हमें अंधों को रोशनी व बहरों को सुनने की शक्ति देनी आती है। जब इस गोचर पर बिना किसी सरकार की सहयोग से दीवार निर्माण हो सकता है तो बाकी काम भी हम कर सकते हैं हमें बहरों को सुनाना व अंधों को दिखाना आता है। सरकार यदि समय रहते नहीं चेती तो भारत बंद या राजस्थान बंद का आह्वान भाटी का इशारा मिलने पर किया जायेगा। कालवी ने कहा कि राजनेता दलगत राजनीति के कारण चुप बैठे है उनको भविष्य में वोट की चोट हो सकती हैं।

कालवी ने राजस्थान के सभी सामाजिक संगठनों, संस्थाओं व नेताओं से इस गोचर आन्दोलन पर खुलकर बोलने व सक्रिय सहयोग करने का आह्वान किया। कालवी ने कहा कि भाटी किसी भी काम को बिना अंजाम तक पहुंचाये बीच में नहीं छोड़ते। उन्होंने आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलने की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि इस आरक्षण को दिलाने में हमने काफी कुछ खोया है।

कालवी के साथ धरना स्थल पर कर्णपालसिंह सिसोदिया प्रदेशाध्यक्ष,करणी सेना शहर अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह, दिलीप सिंह जोधा, नरेन्द्रसिंह चानी, गिरधारी सिंह खिन्दासर, पृथ्वीसिंह जेडी मगरा, नरेन्द्रसिंह गाजुसर साथ थे।

भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि धरना स्थल पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिन मुख्य यजमान प्रियंका नारायण लढ्ढा अक्कासर वालों ने जोड़े सहित भागवत पुराण का पूजन करवाया। बालसंत छैल बिहारी महाराज ने कहा कि भागवत के चार अक्षर भा से भक्ति ग से ज्ञा व से वैराग्य त से त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करें उसे ही हम भागवत कहते है। इस भागवत में देवी सिंह भाटी जैसे धर्म परायण लोग हमारे साथ तो धर्म कभी गिर नहीं सकता कथा में आज ध्रुव चरित्र, अजमील एवं प्रहलाद चरित्र के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया।

आज धरना स्थल पर श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ से साहबराम भुवाल, मनीराम तंवर, रघुनाथ धागड़, रघुवीर देग, विकास नेण, धर्मपाल अपने साथियों सहित धरना स्थल आकर भाटी से कहा कि गोचर की इस लड़ायी में गंगानगर व हनुमानगढ़ जिला भी पीछे नहीं रहेगा आपका जिस दिन भी निर्देश मिलेगा हम लोग तनमनधन से उस कार्य को अंजाम देंगे। आज धरना स्थल पर मास्टर बच्ची क्लब फुटबॉल समिति के सचिव भरत पुरोहित, वन्दे गोमातरम् परिवार के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सारस्वत अपने पदाधिकारियों के साथ पहुंचे व भाटी को इस गोचर बचाओं आन्दोलन में समर्थन दिया।

आज धरना स्थल पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से पूर्व पार्षद ओम प्रकाश व्यास, श्याम सुन्दर चांडक , टोकला से चन्द्रवीरसिंह, सांगवीरसिंह, उम्मेदसिंह, छगनसिंह, छगन सुथार, गोमदराम नायक , भैरूसिंह, माधासिंह, चानी से नरेन्द्र शर्मा, बरसलपुर से देवीसिंह, विशालसिंह, फलावाली से लुणाराम जाखड़, गुलाबअली सरदारगढ़ , दिलीप सिंह हाड़ा सहित सैकड़ों की तादाद में महिला व पुरुष उपस्थित थे।

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