Tuesday, April 23, 2024
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बीकानेर : स्‍वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण के बाद किया पौधारोपण

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बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर में रविवार को स्‍वतंत्रता दिवस गरिमामयी तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर अनेक जगहों पर झंडारोहण के साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुए। इसी क्रम में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया एसबीआई की भीनासर ब्रांच की ओर से भी स्‍वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण किया गया। इसके बाद बैंक की ओर से पौधारोपण भी किया गया। इस कार्यक्रम में ब्रांच मैनेजर मृत्युन्‍जय प्रकाश, गंगाशहर थाना्रपभारी राणीदान उज्‍जवल सहित बैंक स्‍टाफ एवं क्षेत्र के निवासी मौजूद रहे।

राजस्‍थान में तबादलों पर प्रतिबंध में छूट, अब 15 सितम्‍बर तक हो सकेंगे तबादले

जयपुर Abhayindia.com राजस्‍थान की गहलोत सरकार ने स्वाधीनता दिवस पर अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध में छूट को एक माह आगे बढा दिया है। इस बारे में आज जारी आदेश के अनुसार प्रदेश में अब कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले 15 सितंबर तक किए जा सकेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले तबादलों में छूट की अवधि 14 अगस्त तक ही थी। प्रदेश में छह जिलों में पंचायत चुनाव हो रहे है उनमें तबादले नहीं हो सकेंगे। आवश्यक होने पर राज्य चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।

आजादी की 75वीं वर्षगांठ : पीएम मोदी ने कहा- तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो…

नई दिल्‍ली Abhayindia.com प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। आज की युवा पीढ़ी देश को बदलने का ताकत रखती है। पीएम मोदी ने आज लगातार आठवीं बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया। उन्‍होंने अपने भाषण में एक कविता के जरिए मौजूदा दौर को बेहतर बताते हुए कहा- ‘कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको, तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ, सामर्थ्य को अपने पहचानो, कर्तव्य को अपने सब जानो, भारत का ये अनमोल समय है, यही समय है, सही समय है।’ उन्‍होंने आगे कहा- यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ़ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो।

पीएम मोदी ने कहा- 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है। हमारी प्राणशक्ति, राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना है। मेरा विश्वास देश के युवाओं पर है। मेरा विश्वास देश की बहनों-बेटियों, देश के किसानों, देश के प्रोफेशनल्स पर है। ये वो पीढ़ी है जो हर लक्ष्य हासिल कर सकती है।

अपने भाषण में किसानों ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छोटे किसान उनकी प्राथमिकता हैं। देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो रह गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।

आचार्य ज्योति मित्र का व्‍यंग्‍य- साहित्य का सिकंदर! 

उस्तादजी बचपन से ही सिकंदर को अपना आदर्श मानते रहे हैं। मानें भी क्यों ना? वो सिकंदर ही तो था जिसका पाठ उन्हें कंठस्थ याद था। वो पाठ उनकी स्मृति में हमेशा के लिए छप गया था कि सिकंदर महान था, वो विश्व विजय के लिए निकला था। बस वो दिन और आज का दिन, उस्तादजी भी महान बनने के लिए हाथ-पैर मारने लगे। वे उस समय से महान बनने के लिए लालायित थे जब वे पूरी तरह से मानव भी नहीं बने थे। गणित में तो वे आर्यभट्ट के चेले हैं इसलिए कैलकुलेशन कर उन्होंने पहले लोगों को महान घोषित करने का काम बड़ी शिद्दत से किया। सच तो यह है कि वे जब, जिसे और जहाँ चाहें, महान घोषित कर सकते हैं।

ये तो उस्तादजी का ही कमाल था कि उन्होंने ऐसे कई महान बना दिए जो ठीक से इंसान भी नहीं थे। उस्तादजी के प्रसाद से वे सीधे भगवान हो गए! उस्तादजी के महान बनाने के हुनर ने हमें भी अंदर तक झकझोर दिया। आप ऐसे समझ लें कि महान बनने की हमारी दबी इच्छा भी हिलोरे मारने लगी। अपनी इच्छा को अमलीजामा पहनाने के लिए हम भी उस्ताद जी के अखाड़े में पहुँच गए। वहां जाकर तो उस्ताद जी की महानता से आतंकित हो गए। उनकी महानता का तेज इतना था जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर पाए। आपसे क्या छिपाना, अपनी कमजोर इम्युनिटी के कारण हम उस्ताद जी के सामने एक मिनट भी नहीं ठहर पाए। भारत के इतिहास में नौ रत्न रखने वाला एक अकबर ही महान नहीं हुआ। हमारे उस्ताद जी ने भी अपने नौ रत्न अपॉइंट कर रखे हैं। ये बात अलग है कि हमने भी एक बार उनका दसवां रत्न बनने का सांगोपांग प्रयास किया, लेकिन नौ रत्नों के विद्रोह के डर से हमारे सारी कोशिशें भोथरी हो गई। उनके अपने पर्सनल हिस्टोरियन हैं जो साहित्य की सूनी गोद भरने का श्रेय उस्ताद जी को ही देते हैं।

शुरुआत में साहित्य बहुत ही आशाभरी निगाहों से उस्ताद जी की ओर निहार रहा था, लेकिन उस्ताद जी का रोल मॉडल तो सिकंदर रहा है। कहते हैं अपनी मृत्यु तक सिकन्दर उस तमाम भूमि को जीत चुका था, जिसकी जानकारी उसके देश के लोगों को थी। हमारे उस्ताद जी भी कम नहीं है, उन्होंने साहित्य की सभी विधाओं में अपना जौहर दिखाते हुए अपने दौर के सभी सम्मान व पुरस्कारों पर बलपूर्वक अपना आधिपत्य जमा लिया। उस्ताद जी के साहित्य के इस अश्वमेध घोड़े को जिसने भी पोरस बनकर रोकने की कोशिश की, उस पर उनका प्रकोप टूट पड़ा।

हमारे उस्ताद जी साहित्यिक चौकीदारी को कर्म-कांड मानते रहे हैं। साहित्य का यह प्रधान सेवक यह काम दरबारी इतिहासकारो के भरोसे नहीं छोड़ सकता, इसलिए अपनी ‘साहित्यिक चौकीदारी’ की वसीयत वे जरूर अच्छे से किसी गुरू अरस्तू के नाम लिखेंगे। -ज्‍योति मित्र आचार्य, उस्ता बारी के अंदर, बीकानेर

राजस्‍थान : जाता हुआ सावन चलाएगा बौछारों के तीखे बाण, मौसम विभाग ने 20 से…

जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में भले ही मानसून की गतिविधियां धीमी पड़ गई हो लेकिन, छह दिन बाद बारिश दूसरा दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि, अगले छह दिन तक भी प्रदेश कई इलाकों में छिटपुट बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में 17 व 18 के बीच कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके चलते 20-21 अगस्त से प्रदेश में बारिश का सिलसिला फिर से शुरू होगा। विभाग की माने तो इस बार भी बारिश का जोर पूर्वी प्रदेश पर ही रहेगा। विभाग के अनुसार, राजस्थान में सामान्य से आठ प्रतिशत बारिश ज्यादा दर्ज हुई है। यदि पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान की बात की जाए तो पश्चिमी राजस्थान में अब तक मानसून की बेरूखी चल रही है।

आपको बता दें कि पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 20 प्रतिशत बारिश अधिक दर्ज की गई है जबकि, पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से भी 11 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

इन जिलों को बारिश का इंतजार- बीकानेर, जोधपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, सिरोही, उदयपुर।

बीकानेर : पारंपरिक रूप से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह, बीएसएफ के जवानों ने किया हैरत अंगेज प्रदर्शन, प्रतिभाओं का हुआ सम्मान…

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