Monday, April 29, 2024
Hometrendingबीकानेर : सांस्कृतिक विरासत बचाने के लिए आमजन में जागरूकता की दरकार

बीकानेर : सांस्कृतिक विरासत बचाने के लिए आमजन में जागरूकता की दरकार

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
बीकानेर abhayindia.com बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के सहयोग से ज्ञान विधि पीजी महाविद्यालय में राजस्थान आर्कियोलॉजी एंड एपीग्राफी कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन भोपाल के वरिष्ठ पुरातत्वविद डॉक्टर नारायण व्यास एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अंतरराष्ट्रीय चित्रकार महावीर स्वामी की अध्यक्षता में हुआ।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पुरातत्वविद नारायण व्यास ने कहा कि सभ्यताओं ने मानव के मानसिक प्रगति के प्रमाण दिए हैं। हमें इस सांस्कृतिक विरासत को बचाने के प्रयास करने के साथ-साथ आमजन में जागरूकता भी पैदा करनी है। डॉ. व्यास ने गुजरात के पाटन जिले में स्थित रानी की बावड़ी की खुदाई के वृत्तांतोंं की भी विस्तृत चर्चा की और उन्होंने इस बावड़ी के महत्व को सदन के सामने उजागर किया। डॉ. नारायण व्यास ने ही 1985 से 1991 के मध्य इस रानी की बावड़ी की खुदाई की, जिसका भारत सरकार ने हाल ही में 100 के नोट पर अंकन किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय चित्रकार महावीर स्वामी ने बीकानेर की हवेलियों में बने भित्ति चित्रों, उनकी तकनीक और शैली पर प्रकाश डाला तथा इन चित्र शैलियों पर भी शोध करने की जरूरत बताई। अधिवेशन के दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों का संचालन हुआ, जिनमें मंदसौर के कैलाश पांडे, झालावाड़ के ललित शर्मा, कोटा से मुक्ति पाराशर, बीकानेर से डॉ. नितिन गोयल डॉ. रीतेश व्यास, डॉ. मोहम्मद फारूक, महेंद्र पंचारिया तथा अलीगढ़ से डॉ. जिब्राइल, डॉ. जिलानी, हैदर अली, शब्बीर अहमद, वारिस आदि ने अपना पत्र वाचन किया।

समापन समारोह में तीन वरिष्ठ पुरातत्वविदो का सम्मान भी किया गया, जिसमें कोटपूतली के डॉ. मुरारी लाल शर्मा को शैल चित्रों पर किए गए शोध के लिए ‘श्री वाकणकर’ सम्मान, डॉ मुक्ति पाराशर को ‘कला इतिहास श्री’ तथा ओम प्रकाश शर्मा को ‘इतिहास नायक’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।

श्रीगणेश धोरा धाम में सवा मणी व छप्‍पन भोग, श्रद्धालुओं ने दी हवन में आहुतियां… 

सत्र के प्रारंभ में प्रोफेसर बी. एल. भादानी ने बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल और विश्वनाथ संयास आश्रम द्वारा अधिवेशन के आयोजन के लिए आर्थिक सहयोग के लिए उनको धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अधिवेशन द्वारा पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए कहा कि कोलायत तहसील के झझू गांव में स्थित पालीवालों की छतरियों का संरक्षण होना चाहिए तथा इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की सदन में स्वीकृति ली। इसी तरह शैलचित्रों के संरक्षण के लिए भी एक प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किया गया।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 30 अधिकारियों के हुए तबादले, बीकानेर के तीन अधिकारी बदले, देखें सूची

सचिव डॉ. रितेश व्यास ने दो दिवसीय अधिवेशन की रूपरेखा सदन के समक्ष प्रस्तुत की। इसी दौरान सर्वश्रेष्ठ शोध पत्रों के लिए तीन शोधार्थियों का सम्मान किया गया जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शब्बीर अहमद, हैदर तथा उदयपुर के हंसमुख सेठ थे।

समापन समारोह में श्याम महर्षि, डॉ. पंकज जैन, डॉ. तेज करण चौहान, डूंगर महाविद्यालय के डॉ. चंद्रशेखर कच्छावा, डॉ. बृजरतन जोशी एवं महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय से डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ. मुकेश हर्ष तथा एनएसपी महाविद्यालय के गोपाल व्यास आदि उपस्थित रहे। समापन अवसर पर ज्ञान विधि पीजी महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. सीताराम ने इस अधिवेशन को महाविद्यालय में आयोजित करने के लिए कॉन्ग्रेस के सदस्यों का आभार जताया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular