Saturday, May 18, 2024
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बीकानेर : आईसक्रीम व कोल्ड ड्रिंक्स कारोबारी बोले….. हमारी भी सुनो सरकार

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बीकानेर abhayindia.com कोरोना आपदा ने गर्मी के इस सीजन में कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रीम के कारोबार को पूरी तरह ठप्प कर दिया है। कोरोना संकमण की एडवाइजरी में प्रतिबंधित होने के कारण शासन प्रशासन की ओर से भी कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम कारोबारियों को छूट नहीं दी जा रही है।

ऐसे में इन कारोबारियों के कोल्ड स्टोर, गोदामों और प्रतिष्ठानों में रखा करोड़ो का माल भी खराब हो रहा है, आधे से ज्यादा माल तो इस माह के अंत तक एक्सपायर डेट हो जायेगा। आपदा के दौर में नुकसान से बचने के लिये बीकानेर के कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रीम कारोबारियों के शिष्ट मंडल ने सोमवार सुबह जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम से मुलाकात कर कारोबार के लिये नियमानुसार छूट देने की गुहार लगाई।

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भाजपा नेता सुनिल बांठिया की अगुवाई में जिला कलेटर को ज्ञापन देने पहुंंचे कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रीम कारोबारियों ने उन्हे अवगत कराया कि हमारा कारोबार पहले से ही ठप्प है और करोड़ो का माल समिति अवधि के  बाद अवधिपार होने से खराब हो जायेगा, ऐसे में हमें आपदा की दुगुनी मार झेलनी पड़ रही है, इसलिये अन्य सीजनल कारोबारियों को दी गई छूट के प्रावधानों के तहत कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रिम के कारोबारियेां को छूट दी जाये।

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जिला कलक्टर ने इन कारोबारियों को भरोसा दिलाया कि वह अधिकारिक स्तर पर मंथन के बाद कोई निर्णय लेगें, अगर लॉकडाउन के प्रावधानों में कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रिम कारोबार के लिये छूट का प्रावधान है तो बीकानेर के कारोबारियों को इसका लाभ दिया जायेगा। कारोबारियों के शिष्ट मंडल में कुलदीप तुलसेजा,गणेश मोदी,अमरचंद खत्री,रघूवीर शामिल थे।

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बुरी तरह आशंकित है कारोबारी

कोरोना आपदा में दोहरी मार झेलने वाले कोल्ड ड्रिंक्स और आईसक्रिम के कारोबारी इस बार बुरी तरह आंशकित है,कोरोना वायरस के कारण उन्हे ठंडे आयटमों के बाजार में फिलहाल उठाव की उम्मीद भी नहीं दिखाई दे रही। कारोबारियों के अनुसार ये कारोबार अगले 5-6 महीने तक ठप रह सकता है क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोग इनका उपयोग शायद कम ही करेंगे। कारण, डॉक्टर वायरस के प्रभाव से बचने के लिए ठंडा खाने से मना कर रहे हैं और इसका असर सीधे तौर पर कारोबार पर आएगा।

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वहीं, सबसे ज्यादा बिक्री होटल-रेस्त्रां और शादियों में होती है। शादी का सीजन खत्म हो चला और होटल-रेस्त्रां में फिलहाल टूरिस्ट व लोगों का आना जाना कम रहने की उम्मीद है। कारोबारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम का सही सीजन अभी शुरू हुआ ही था लेकिन कोरोना वायरस के चक्कर में सब बंद हो गया। होटल, रेस्त्रां व शादियों के कारण कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम की बिक्री ज्यादा होती थी, जो बंद है।

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ना कुल्फी ना ज्युस,अधूरी रही गई उम्मीदें

कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडान के चलते गर्मी में हजारों लोगों के घर चलाने वाले कई अस्थायी काम-धंधों को भी निगल लिया है। शहरवासियों को इस बार गन्ने के रस, बर्फ के गोले, लस्सी, छाछ सहित गर्मी के पेय और खाद्य पदार्थों से भी महरूम रहना पड़ रहा है। इससे जुड़े कामकाज से सीधे तौर पर जहां सैकड़ों स्थानीय और प्रवासी लोगों को रोजगार मिलता रहा है, वहीं परोक्ष रूप से हजारों घर भी चलते रहे हैं।

लॉकडाउन के कारण ब्रांडेड कंपनियों के कोल्डड्रिंक्स का भी तकरीबन बीस लाख प्रतिदिन का बाजार धराशायी हुआ है। गर्मी में ठंडे पेय पदार्थों से जुड़े अधिसंख्य काम स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रवासी श्रमिक करते हैं। लेकिन इस मर्तबा कोरोना संकट के कारण गर्मी में यह शुरू ही नहीं हो सके हैं।

लॉकडाउन लंबा चलने के कारण बेरोजगार हुए प्रवासी श्रमिकों में से भी अधिसंख्य लोग अपने गृहक्षेत्रों में लौट गए हैं। ऐसे में आगामी दिनों में सामान्य स्थिति होने के बावजूद प्रवासी श्रमिकों का टोटा होने के कारण ऐसे अस्थायी रोजगार फिर से पटरी पर आने में समय लगेगा। सवा सौ से अधिक लगती हैं गन्नारस की मशीनें नगर निगम क्षेत्र में प्रतिवर्ष 100 से 125 के करीब गन्ने के रस की अस्थायी दुकानें संचालित होती हैं। मार्च से जुलाई तक इसका शुल्क 15 हजार रुपए नगर निगम लेता है। इससे निगम प्रतिवर्ष 10 से 12 लाख रुपए की आय होती है। लेकिन इस बार सारा मामला ही ठप है।
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