Monday, December 23, 2024
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बीकानेर में 10 करोड़ की जमीन हथियाने का आरोप, सीआई सहित तीन जनों के खिलाफ केस दर्ज, एसपी के भाई…

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बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर में एक रियल एस्टेट के कारोबारी से 10 करोड़ की जमीन हथियाने के आरोप से संबंधित मामला सामने आया है। बीकानेर की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा के भाई कमलेश चंद्रा से जुड़े इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जयपुर में एक पुलिस इंस्पेक्टर और तीन दलालों के विरुद्ध भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है।

मामले के अनुसार, श्रीगंगानगर बाइपास पर रियल एस्टेट कारोबारी निर्मल कामरा ने अपनी कंपनी छाजेड़ रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड की 10.65 बीघा जमीन कमलेश चंद्रा की स्कूल शाना इंटरनेशनल से संबंधित ग्लोबल एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी को 2012 में दी थी। चंद्रा इस सोसायटी के अध्यक्ष बने और कामरा को उपाध्यक्ष बनाया गया। संस्था में दोनों ही पक्ष के 13-13 सदस्य बनाए गए। स्कूल को मिलने वाली फीस का 22.50 प्रतिशत हिस्सा कामरा की दूसरी कंपनी लक्ष्य प्रोफेशनल स्टडीज को देना तय हुआ था। कामरा ने बिल्डिंग बनाने के लिए 94 लाख का चैक भी संस्था को दिया। आरोप लगाया जा रहा है कि वर्ष 2015 में इसका एमओयू चंद्रा ने परिवादी कामरा के अनुसार नहीं किया और फीस का हिस्सा भी देना बंद कर दिया। अब उस पर संस्था से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा है। परिवादी के अनुसार, यदि वह इस्तीफा देता है तो पूरी जमीन चंद्रा की हो जाएगी, जिसकी बाजार कीमत करीब 10 करोड़ रुपए है। एसीबी जयपुर ने इस प्रकरण में कामरा पर दबाव बनाकर डील करने वाले जयनारायण व्यास कॉलोनी एसएचओ अरविंद भारद्वाज, दलाल सुखदेव चायल, भूपेंद्र शर्मा, विजय व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व 384, 120बी आईपीसी के तहत एमआईआर दर्ज कर सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात और बीकानेर रेंज के आईजी को भेजी है। आरोप यह भी है कि श्रीगंगानगर बाइपास पर 10.65 बीघा जमीन हड़पने के लिए परिवादी निर्मल कामरा के विरुद्ध पुलिस ने जयनारायण व्यास कॉलोनी और कोटगेट थाने में पांच मुकदमे दर्ज किए। ग्लोबल एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी और एसएचओ अरविंद भारद्वाज की इसमें मिलीभगत थी। इन मुकदमों में गिरफ्तारी का भय दिखाया गया। परिवादी ने एसपी पर भी एफआईआर के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है।

जानकारी के मुताबिक, एसीबी ने कामरा की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र का सत्यापन कराने के लिए डिजिटल वायस रिकॉर्डर का उपयोग किया। कामरा ने अलग-अलग तिथियों में जेएनवी एसएचओ अरविंद्र भारद्वाज, दलाल विजय, सुखदेव और भूपेंद्र शर्मा ने बातचीत की, जो माइक्रो एसडी कार्ड में रिकॉर्ड हो गई। इसके अधार पर एसीबी ने आरोपियों के विरुद्ध शिकायत को सही माना है। इधर, इस मामले में एसपी प्रीति चंद्रा ने मीडिया को बयान दिया है कि एसीबी की जांच में सच सामने आ जाएगा। कामरा के खिलाफ थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं तथा पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

बीकानेर : अब होगा घर-घर सर्वे, बढ़ाई जाएगी एन्टी लार्वल गतिविधियां…

बीकानेर Abhayindia.com डेंगू का डंक परवान पर है। घर-घर बुखार है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयास भी चल रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी डेंगू काबू नहीं आ रहा है। इससे बचाव के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब घर-घर जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एन्टी लार्वल गतिविधियों एवं फोगिंग का दायरा बढ़ाया जाएगा। जिले के तीनों नगरीय निकायों एवं सभी ग्राम पंचायतों में जागरूकता की गतिविधियां संचालित होंगी। पीबीएम प्रशासन द्वारा डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के लिए नया वार्ड शुरू किया जाएगा।

जिला कलक्टर नमित मेहता ने मंगलवार को जिले में डेंगू की स्थिति की समीक्षा के लिए कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में एंटी लार्वा एक्टिविटी, कीटाणु नाशक स्प्रे छिड़काव व फोगिंग की गति बढ़ाई जाए तथा आमजन को भी घरों में विशेष सतर्कता रखने के लिए जागरूक किया जाए। शहर के प्रत्येक क्षेत्र में फोगिंग सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम की ओर से 2 फोगिंग मशीनें, अस्थाई रूप से कार्मिकों के साथ स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द की जाएगी, स्वास्थ्य विभाग द्वारा फोगिंग का कार्यक्रम निर्धारित करते हुए, इसके अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

विभाग को इसकी दैनिक रिपोर्ट भी उपलब्ध करवानी होगी। उन्होंने कहा कि निगम और नगरीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी क्षेत्र में पानी रुका हुआ नहीं रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू से बचाव से सम्बंधित पेम्पलेट्स घर-घर वितरित करवाए जाएं। यह कार्य सीएचए के माध्यम से डोर टू डोर सर्वे के माध्यम से करवाया जाए। इस दौरान सीएचए आमजन को एंटी लार्वल गतिविधियों के बारे में भी जागरूक करें। उन्होंने पीबीएम और जिला अस्पताल में जांच, दवाइयों और प्लेटलेट्स की उपलब्धता जानी और कहा कि पीबीएम द्वारा डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों के इलाज के लिए नया वार्ड प्रारम्भ किया जाए। इसमें आवश्यक स्टाफ नियुक्त करते हुए सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें, जिससे मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में सहयोग के लिए सीएमएचओ द्वारा दस कार्मिक अस्थाई रूप से इस वार्ड में तैनात किए जाएंगे।

बैठक में उपनिदेशक (स्थानीय निकाय) ए एच गौरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश, निगम उपायुक्त सुमन शर्मा, पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ परमिंदर सिरोही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओ पी चाहर, डॉ संजय कोचर, राजस्व अधिकारी जगमोहन हर्ष, जिला महामारी विशेषज्ञ नीलम प्रताप सिंह मौजूद रहे।

घरों में करें एंटी लार्वल गतिविधियां…

मिशन अगेंस्ट डेंगू को और गति देने के लिए आम जन को इस मुहीम से जुड़ते हुए एंटी लार्वा गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार मच्छरों की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका होता है एंटीलार्वल एक्टिविटी, जिसके तहत मच्छरों को पनपने से ही रोक दिया जाता है। डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाली मादा एडीज एजिप्टी मच्छर साफ पानी में अंडे देती है। अण्डों से लार्वा, फिर प्यूपा बनते हैं और 7 दिन में वयस्क मच्छर बन जाता है। खुले व ठहरे हुए पानी के ऐसे जल स्रोतों को सप्ताह में एक बार अच्छे से साफ कर दिया जाए ताकि लार्वा से मच्छर बनने ना पाए। पानी की मटकी, चरी, टंकी एवं अन्य बर्तनों को ढक कर रखा जाये, जिससे मच्छर उनमें प्रवेश कर प्रजनन न कर सकें। पानी की मटकी व पक्षियों के लिए रखे जाने वाले परिंडों को सप्ताह में एक बार खाली कर उन्हें बर्तन साफ करने वाले झामे से रगड़ कर, साफ कर व सुखाकर मच्छर के अण्डे एवं लार्वा नष्ट कर पुन: भरा जाये। कूलर, फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमले, फूलदान इत्यादि के लिए भी यही प्रक्रिया अपनानी जानी चाहिए। इसके साथ ही छत पर रखे टूटे-फूटे सामान, कबाड़-टायर इत्यादि को हटाकर पानी इक्कठा होने से रोका जाए।

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