Thursday, March 28, 2024
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‘ओम एक्सप्रेस’ के 6वीं वर्षगांठ पर आयोजित दो दिवसीय पौधरोपण कार्यक्रम ….

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बिहार(सुपौल) abhayindia.com नीति कहती है कि खुद से प्रेम करो और अपनों से प्रेम बढ़ाओ। मन में बसे बैर, वैमनस्य के कांटों को उखाड़ो, चित्त की भूमि को साफ करो और मन की इस जमीन पर प्रेम का पौधारोपण करो। ये संकल्प लो कि मुझे कभी दुखी नहीं होना है और दूसरों को भी दुखी होते नहीं देखना है, तभी जीवन सफल हो सकेगा।

यह विचार संतों के तपोभूमि अखिल भारतीय संतमत के वर्तमान आचार्य हरिनंदन परमहंस महाराज के जन्मस्थली कुशहा (मचहा) गांव स्थित संतमत सत्यसंग आश्रम में विद्यानन्द बाबा ने विश्व पर्यावरण दिवस व ओम एक्सप्रेस’ हिंदी मासिक पत्रिका व न्यूज पोर्टल ‘ के छठवीं वर्षगांठ पर आयोजित दो दिवसीय पौधरोपण के दौरान व्यक्त किए।

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उन्होंने पर्यावरण दिवस व ओम एक्सप्रेस’ हिंदी मासिक पत्रिका व न्यूज पोर्टल’ की खूब सहराना करते हुए कहा कि एक निष्पक्ष जूनून के तहत इस पत्रिका व पोर्टल का प्रकाशन किया जा रहा है जो सराहनीय है। संवैधानिक दायरे में उठाई गई आवाज जरुर सुनी जाती है। समय लग सकता है पर काम अवश्य होता है। इस पत्रिका व पोर्टल ने कम समय में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है।

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इस मौके पर आश्रम के अमलेश बाबा ने कहा कि जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं।

पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। अमूमन सभी मज़हबों में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है।

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विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के घोर व्यवसायिक युग में पत्र-पत्रिकाओं को चलाना चुनौतिपूर्ण कार्य है। उन्होंने ओम एक्सप्रेस की छ: वर्षीय यात्रा पर ओम एक्सप्रेस परिवार को साधुवाद दिया।
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