Monday, April 29, 2024
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स्वच्छता को लेकर आमजीवन की मानसिकता में आया परिवर्तन, एनआरसीसी ने अभियान को लेकर…

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बीकानेर Abhayindia.com भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र बीकानेर की ओर से भारत सरकार के निर्देशानुसार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत  2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष स्वच्छता (लंबित मामलों के निस्तारण के लिए) अभियान के तहत स्वच्छता संबंधी संदेश को व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्‍य से प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।

प्रेस वार्ता के दौरान केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि केन्द्र द्वारा इस विशेष स्वच्छता अभियान के तहत निर्धारित गतिविधियाँ पूरे मनोयोग से संचालित की गई। डॉ. साहू ने स्वच्छता के महत्व एवं इसके प्रति जागरूकता पर बात करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के अलावा प्रधानमंत्री की ओर से स्वच्छता के प्रति जागरूकता का यह अभियान अब धीरे-धीरे हम भारतीयों की आदत में शामिल हो रहा है, स्वच्छता को लेकर आमजीवन की मानसिकता में परिवर्तन आने से हमारे सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, अस्पताल तथा पर्यटन स्थलों आदि की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र की अनुसंधान के अलावा पर्यटन स्थल के रूप में भी एक विशिष्ट वैश्विक छवि है, इसे बनाए रखने में स्वच्छता संबंधी अभियान महत्ती रूप से सहायक सिद्ध हो रहे हैं, इस दर्शनीय स्थल को देखने आमजन दिन-ब-दिन अधिकाधिक आकर्षित हो रहे हैं तथा केन्द्र को पर्यटनीय सुविधाओं के माध्यम से एक अच्छी खासी आय भी प्राप्त हो रही है जिन्हें देख ऊँट पालकों को भी इसे उद्यमिता से जुड़ते हुए लाभ कमाना चाहिए। डॉ. साहू ने वार्ता में ऊँटनी के दूध के महत्व एवं केन्द्र द्वारा विकसित विभिन्न स्वादिष्ट दुग्ध उत्पादों का स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ संबंधी जानकारी भी दीं।

केन्द्र के नोडल अधिकारी (स्वच्छता) अखिल ठुकराल, प्रशासनिक अधिकारी ने केन्द्र में एक माह तक चली स्वच्छता गतिविधियों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि अभियान में कार्यालयीन गतिविधियों के अलावा अन्य कार्यक्रमों यथा-पशु स्वास्थ्य शिविर, बालक-बालिकाओं हेतु प्रतियोगिता, सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई एवं पर्यटन विकास को बढ़ावा देने स्वच्छता संबंधी गतिविधियों संचालित की गई।

इस अवसर पर स्वच्छता गतिविधियों, केन्द्र के अनुसंधान खासकर ऊँटनी के दूध एवं पर्यटन विकास के कई मुद्दों पर भी बातचीत की गई। वार्ता के दौरान ऊँटनी के दूध के नूतन उत्पादों का रसास्वादन भी करवाया गया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर. के. सावल ने सभी का आभार जताया।

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