जयपुर Abhayindia.com प्रदेश के करीब 7 लाख सरकारी कर्मचारियों ने 24 अगस्त से आंदोलन का ऐलान कर दिया है। कर्मचारियों ने गहलोत सरकार की ओर से खेमराज कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने से राज्य कर्मचारी ने गहरी नाराजगी जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि इससे पहले बनी सामंत कमेटी की रिपोर्ट भी सरकार ने 3 साल बाद भी सार्वजनिक नहीं की है। आपको बता दें कि अपनी मांगों को लेकर राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने आंदोलन की घोषणा करते हुए सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और वेतन विसंगति दूर करने की मांग प्रमुख रूप से रखी है।
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ने कहा है कि खेमराज कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने के विरोध में कर्मचारियों में बड़ा आक्रोश है। इससे पहले सामंत कमेटी की रिपोर्ट भी 2019 से ठंडे बस्ते में पड़ी है। सरकार बार-बार कमेटियां बनाकर उनका कार्यकाल बढ़ा रही है। खेमराज कमेटी का कार्यकाल 31 अगस्त 2022 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 तक कर दिया है। इसी को देखते हुए राज्य के 7 लाख कर्मचारियों में आक्रोश है। 24 अगस्त को सभी जिला कलेक्टर के जरिए सीएम को ज्ञापन दिया जाएगा। मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 27 अगस्त को उदयपुर में बड़ी रैली निकाली जाएगी। गजेन्द्र सिंह ने कहा कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि राज्य कर्मचारियों की पे मेट्रिक्स केन्द्र के बराबर हो, 2400 की ग्रेड को 9840 किया जाए। चयनित वेतनमान 9-18-27 की जगह 8-16-24-32 किया जाए। सहायक कर्मचारियों का वेतन 18 हजार और पदनाम एमटीएस किया जाए।
उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारियों से किए गए वादों को सरकार पूरा करे। हमारी मांग है कि खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को उजागर किया जाए। कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं हो। मंत्रालयिक कर्मचारियों की मुख्य मांग सचिवालय सेवा में सेकंड प्रमोशन का पद 4200 ग्रेड पे का है।
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