Thursday, April 25, 2024
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रेलवे: स्पेशल ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को भी नहीं है टिकट में छूट, बता रहे रेल श्रमिक नेता अनिल व्यास, देखें वीडियो..

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बीकानेर Abhayindia.com कोरोना काल में रेल यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। महज मालगाडिय़ां ही चलती थी, अनलॉक होने के बाद सरकार ने धीरे-धीरे यात्री ट्रेन शुरू की, लेकिन सभी ट्रेनें स्पेशल के नाम से संचालित की जा रही है।

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इस मुद्दे को लेकर नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन के जोनल अध्यक्ष अनिल व्यास ने अभय इंडिया से बातचीत में कहा कि स्पेशल ट्रेनों में किसी तरह का रियायती टिकट नहीं है। वरिष्ठ नागरिकों को पहले 40 प्रतिशत तक की छूट किराए में मिलती थी, लेकिन वर्तमान में कोरोना के बाद से जो भी ट्रेनें चल रही है, उनमें अधिकांश स्पेशल ट्रेन के नाम से ही है, जिनके नम्बर के आगे जीरो लगा है।

इन ट्रेनों में सीनियर सिटीजन, महिला-पुरुषों को किसी तरह की छूट किराए में नहीं है। सीनियर सिटीजन महिला को 50 प्रतिशत तक छूट मिलती थी। जो वर्तमान में बंद हो गई है। इस कारण वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

नहीं है सामन्य कोच…

रेल श्रमिक नेता के अनुसार वर्तमान में चल रही स्पेशल ट्रेनों में सामान्य (जनरल) कोच ही नहीं है। इससे आम यात्रियों, खासकर दैनिक यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं दो गुना-तीन गुना किराया वहन करना पड़ रहा है। महज 20 से 25 किमी का सफर यदि रेल में करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी कम से कम 75 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, वो भी बैठने का आरक्षण करवाने पर है, सामान्य टिकट है ही नहीं, वही स्लीपर श्रेणी में आरक्षण कराए तो छोटी से छोटी दूरी का 175 रुपए एक व्यक्ति का किराया है, जबकि पहले जो पैसेंजर ट्रेनें चलती थी, उनमें सामन्य कोच होता था, जिसमें बहुत ही कम किराए में आम यात्री आसानी से सफर कर पाते थे।

वहीं थर्ड एसी में न्यूनतम किराया छोटी दूरी का भी 555 रुपए है, वहीं सैकंड एसी में 760 और फस्र्ट एसी का 1275 रुपए है। लंबी दूरी में यह किराया तीगुना हो जाता है।

खिलाड़ी-छात्र भी वंचित..

नियमित ट्रेनों में जहां स्टूडेंट व खिलाडिय़ों को टिकट में छूट मिलती थी, लेकिन वर्तमान में समय में छोटी हो या लंबी दूरी किसी भी स्पेशल ट्रेन में विद्यार्थियों और खिलाडिय़ों को टिकट का पूरा ही किराया देना पड़ रहा है।

दिव्यांगों के परेशानी…

रेल श्रमिक नेता की माने तो स्पेशल ट्रेनों के नाम पर रेल कमाई करने में जुटी है, इनमें कई ट्रेनें ऐसी है जिनमें दिव्यागों को भी पूरा किराया देना पड़ रहा है।

नाम रह गया सुविधा पास…

रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों में रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले सुविधा पास पर भी ब्रेक लगा दी है। रेलवे ने पास सुविधा को ऑन लाइन तो कर दिया लेकिन पास महज ड्यूटी के लिए ही है, इस सुविधा पास के माध्यम से रेल कर्मचारी अपने परिवार को यात्रा नहीं करवा सकता, उन्हें पूरा किराया देकर ही सफर करना पड़ता है।

क्या कहते है जिम्मेवार...

जल्द ही उत्तर पश्चिमी रेलवे में भी सामान्य कोच लगने की उम्मीद है। ताकि आमजन को राहत मिल सके। यह सही है कि वर्तमान में स्पेशल ट्रेनों का ही संचालन हो रहा है, जिनमें किसी तरह की रियायती टिकट नहीं है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अभी छूट नहीं है।
गौरव गौड़, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उ.प.रेलवे, जयपुर

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