









जयपुर Abhayindia.com राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच हालिया हुई मुलाकात को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात के कई मायने निकाल रहे हैं लेकिन सत्तासीन भाजपा इसे लेकर अलग ही कयास लगा रही है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। सोमवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में राठौड़ ने कहा कि गुर्जर आंदोलन जब भी होता है, भाजपा की सरकार में ही क्यों होता है? कांग्रेस की सरकार में ऐसा क्यों नहीं होता? क्या यह सब कुछ प्रायोजित नहीं है?
राठौड़ ने ये भी जोड़ा कि वसुंधरा राजे की सरकार में भी गुर्जर आंदोलन हुआ था और अब भजनलाल शर्मा की सरकार के शुरुआती महीनों में ही फिर वही हालात बन रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, अगर यह आंदोलन गहलोत और सचिन पायलट की हालिया मुलाकात के बाद भड़का है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या यह सिर्फ संयोग है या इसके पीछे कोई सियासी प्रयोग? विजय बैंसला को लेकर पूछे गए सवाल पर राठौड़ ने कहा कि बैंसला ने समाज के मंच से मांग उठाई है, जो उनका हक है। लेकिन अपनी मांगों को मनवाने के लिए आमजन को परेशान करना, रेलवे ट्रैक जाम करना, ये सही तरीका नहीं है। आंदोलन का अधिकार सबको है, लेकिन लोकतंत्र में अनुशासन भी जरूरी है।
राठौड़ ने साफ कहा कि सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने नहीं दिया। उन्होंने हमारी सरकार पूरी तरह सतर्क थी। आंदोलन करने का हक सभी को है, लेकिन शांति बनाए रखते हुए। रेलवे ट्रैक या सड़कें जाम करके किसी भी मांग को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार समाज के साथ संवाद में विश्वास रखती है, लेकिन ट्रैक रोकने जैसे कदमों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।




