Monday, April 29, 2024
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अपनाघर आश्रम नोखा में “अन्नपूर्णा प्रसादालय” का लोकार्पण, राधाकृष्ण महाराज ने कहा- बेटियों ने अन्नपूर्णा प्रसादालय बनाकर पितृ ऋण चुकाया…

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नोखा Abhayindia.com अपनाघर आश्रम नोखा में आज “अन्नपूर्णा प्रसादालय” का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण राधा कृष्ण  महाराज और अपना घर आश्रम की संस्थापिका डॉ. माधुरी भारद्वाज के कर कमलों से हुआ।

Apnaghar Ashram Nokha
Apnaghar Ashram Nokha

इस अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें राधा कृष्ण महाराज ने कहा कि जिस भांति बेटों का पितृ ऋण होता है उसी भांति बेटियों का भी पितृ ऋण होता है और नोखा की बेटियों ने अन्नपूर्णा प्रसादालय का निर्माण करवा कर अपने उस पितृ ऋण को चुकाने का कार्य किया है। नोखा की बेटियों का यह कार्य न सिर्फ राजस्थान अपितु संपूर्ण भारतवर्ष में एक मिसाल बनेगा और अन्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा कि यदि बेटियां संकल्प ले ले तो मानवता के कितने ही बड़े कार्य पूरे किए जा सकते हैं।

Apnaghar Ashram Nokha 2

इस अवसर पर अपना घर की संस्थापिका डॉ माधुरी भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपना घर आश्रम पीड़ित मानवता को समर्पित सेवा के बड़े प्रकल्प हैं और नोखा में अपना घर का निर्माण और उसका संचालन इस क्षेत्र के लिए पीड़ित मानवता के लिए एक बड़ा संबल बनेगा। उन्होंने नोखा की उन सभी बेटियों का धन्यवाद किया जिन्होंने मिलकर अपना घर आश्रम नोखा में अन्नपूर्णा प्रसादालय का निर्माण करवाया है।

Kiran Jhanwar, former president of Apna Ghar Ashram Nokha
Kiran Jhanwar, former president of Apna Ghar Ashram Nokha

समारोह में अपना घर आश्रम नोखा की पूर्व अध्यक्षा किरण झंवर ने अपना घर के प्रारंभ से लेकर अब तक का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया और लोगों से आव्हान किया कि वे आए और इस प्रकल्प में जुड़कर कार्य करें। आगंतुक सभी लोगों का वित्त सचिव गजेंद्र पारेख व उपाध्यक्ष मुरली गोदारा ने धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन सीकर से आए कवि व लेखक विष्णु पारीक ने किया।

Apnaghar Ashram Nokha
Apnaghar Ashram Nokha

आज नानी बाई के मायरे के तीसरे और अंतिम दिन व्यासपीठ से पूज्य महाराज राधा कृष्ण ने भगवान कृष्ण द्वारा भरे गए मायरे का बड़ा मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया और कहा कि यदि भक्तों की भक्ति निश्चल और निर्मल हो तो भगवान स्वयं चलकर उसके मायरा भरने आते हैं और लोगों को संदेश देते हैं कि भगवान भक्तों के वश में है। यदि संकल्प श्रेष्ठ हो तो उन्हें अवश्य पाया जा सकता है। कथा के समापन के साथ ही तीन दिवसीय इस आयोजन का भी समापन हुआ जिसमें दूरदराज से हजारों की संख्या में कथा श्रवण करने और अपना घर आश्रम नोखा को देखने लोगों का विशाल हुजूम उमड़ा।

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