Monday, April 29, 2024
Hometrendingमानसिक रोगों से बचने के लिए डॉ. त्रिवेदी ने बताई खास बातें,...

मानसिक रोगों से बचने के लिए डॉ. त्रिवेदी ने बताई खास बातें, जानें- किस तरह की फैली हैं भ्रांतियां…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com भाकृअनुप-राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसन्‍धान केन्‍द्र (एनआरसीसी) में ‘मानवीय व्‍यवहार में परिवर्तन : मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के विकार’ विषयक राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्‍य अतिथि वक्‍ता डॉ. अच्‍युत त्रिवेदी, प्रबंध निदेशक, पंडित कृष्‍णा चन्‍द्र मेमोरियल न्‍यूरोसाइंस सेंटर ने कहा कि मनोविकार से जुड़ी समस्‍याओं के प्रति समाज में बहुत अधिक भ्रांतियां फैली हुई है। इस अनभिज्ञता व अज्ञानता का उन्‍मूलन किया जाना अत्‍यंत जरूरी है। वहीं मनोविकार से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों को संबल देने की भी महत्‍ती आवश्‍यकता है।

डॉ. त्रिवेदी ने अपने व्‍याख्‍यान में कई प्रकार के मनोरोगों यथा-डिप्रेशन, ऐंगज़ाइटी, सिज़ोफ्रेनिया, डिमेंशिया को सउदाहरण समझाया तथा कहा कि आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति के अनुसार इनका इलाज संभव है।

इस अवसर पर केन्‍द्र के निदेशक डॉ. आर्तबन्‍धु साहू ने प्रस्‍तुत व्‍याख्‍यान को जनकल्‍याणकारी बताते हुए कहा कि हमें कार्यस्‍थल पर ऐसा नकारात्‍मक व्‍यवहार नहीं करना चाहिए जिससे दूसरे साथी प्रभावित हों। उन्‍होंने कहा कि यदि रोजमर्रा के कार्यों व अनुभवों आदि को लेकर आपका मन अच्‍छा अनुभव नहीं कर रहा है तो अपने हितैषी व सकारात्‍मक मित्रों से बात करनी चाहिए। उन्‍होंने आपात स्थिति में भी अपनी व्‍यवहार कुशलता का परिचय देने के लिए प्रतिभागियों को प्रोत्‍साहित किया।

इस अवसर पर अतिथि के रूप में डॉ. जगदीश राणे, निदेशक, केन्‍द्रीय शुष्‍क बागवानी संस्‍थान ने कहा कि किसी भी व्‍यक्ति को पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए, यदि आपमें आत्‍मविश्‍वास की कमी है तो इस पर गंभीरता पूर्वक काम करना चाहिए। उन्‍होंने खेलों से जुड़ने की भी सलाह दीं।

कार्यशाला में डॉ. एस.सी. मेहता, प्रभागाध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय अश्‍व अनुसंधान केन्‍द्र, डॉ. आर.ए. लेघा, प्रभागाध्‍यक्ष, केन्‍द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्‍थान तथा एनआरसीसी स्‍टाफ परिवार सहित बीकानेर में परिषद अधीनस्‍थ इन संस्‍थानों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

डॉ. आर.के. सावल, नोडल अधिकारी राजभाषा ने कार्यशाला के उद्देश्‍य व महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए प्रस्‍तुत व्‍याख्‍यान को अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण बताया। कार्यक्रम संचालन में दिनेश मुंजाल, मुख्‍य तकनीकी अधिकारी ने सहयोग प्रदान किया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular