बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। समय का प्रहर चाहे कोई सा हो, वे सबका अभिवादन मीठी मुस्कान के साथ ‘सुप्रभात’ से ही करते थे। इस शब्द के पीछे उनका ध्येय था ‘जब जागो, तभी सवेरा।’ यहां बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार बजरंग शर्मा की। बुधवार शाम उनका असामयिक निधन हो गया था। गुरुवार को नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। यहां नत्थूसर गेट बाहर स्थित श्मशान गृह में उनका अंतिम संस्कार हुआ। पुत्र वेदप्रकाश शर्मा ने उनकी देह को मुखाग्नि दी।
पत्रकार शर्मा की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन शामिल हुए। हर कोई उनके पत्रकारिता जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाने के साथ उनके बिछोह को सहन करने की कामना कर रहा था। शर्मा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में जो मिसाल कायम की उसे भुलाया नहीं जा सकेगा। काम के प्रति अनुशासन और कर्मठता उनकी सबसे विशिष्ट बात थी। उम्र के जिस पड़ाव में व्यक्ति आराम के दो पल गुजारने की सोचता है, वहां कलम के धनी शर्मा युवा की भांति दौड़ते नजर आते थे। यह पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण ही कहा जाएगा कि उन्होंने बीकानेर से जुड़े हर इश्यू पर अपनी कलम की धार दिखाई। शर्मा के वरिष्ठ साथी बताते हैं कि बीकानेर में पौधों की आड़ में हथियार बेचने वालों के बारे में जब उन्होंने खबर छापी तो पुलिस तंत्र तुरंत हरकत में आ गया। बाद में अवैध हथियार बरामद भी हुए। यह तो महज उदाहरण मात्र है। ऐसे बहुते उदाहरण उनके खाते में थे। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से समाज और शहर की जो सेवा की वो अविस्मरणीय है।
अंतिम यात्रा में श्रमिक नेता प्रसन्न कुमार, जयकिशन, पूर्व जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनशेचंद्र सकसेना, राजस्थान पत्रिका के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश गांधी, वरिष्ठ पत्रकार हेम शर्मा, संतोष जैन, हनुमान चारण, हरिओम गर्ग, चंद्र जोशी, रमेश महर्षि, दिलीप भाटी, भवानी जोशी, सुरेश बोड़ा, मोहम्मद अली पठान, हरीश बी. शर्मा, अनुराग हर्ष, रमेश बिस्सा, विमल छंगाणी, अजीज भुट्टा, शिवकुमार सोनी, पीयूष पुरोहित, राजा सेवग, नितिन वत्सस, मुकेश शर्मा, अरविंद ओझा, रतन सिंह रघुवंशी, दाऊदयाल शर्मा, अनंत श्रीमाली, नंदकिशोर भोजक, पवन शर्मा सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए और स्व. शर्मा के परिवारजनों को ढांढ़स बंधाया।