Monday, November 11, 2024
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बीकानेर : उष्ट्र बाहुल्य क्षेत्र में ‘उष्ट्र अभ्यारण्य‘ बनाने के पहलुओं पर विचार

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बीकानेर Abhayindia.com आमजन द्वारा टाइगर सफारी व लॉयन सफारी आदि का भरपूर आनंद लिया जाता है तो सरकारी प्रयास द्वारा उष्ट्र बाहुल्य क्षेत्रों में ‘उष्ट्र अभ्यारण्य‘ का निर्माण करवाए जाने से उष्ट्र इकोटूरिज्म को विशेष बढ़ावा मिल सकेगा।

यह विचार आज भाकृअनुपराष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में आयोजित कृषक संगोष्ठी एवं उष्ट्र पालन कार्यशाला के अवसर पर केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने किसानों को संबोधित करने के दौरान व्यक्त किए। एनआरसीसी एवं उरमूल सीमांत समिति, बज्जू के संयुक्त तत्वावधान में इस आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. साहू ने उष्ट्र पालन व्यवसाय से जुड़ी ज्वलंत समस्याओं को सदन के समक्ष रखते हुए किसानों को प्रोत्साहित किया कि उन्हें उष्ट्र पालन से जुड़े ठोस मुद्दों के साथ समाधान भी ढूंढने चाहिए ताकि सरकारी स्तर पर उनके निराकरण के प्रयासों में आसानी हो सके।

डॉ. साहू ने ऊँट पालकों से मुखातिब होते हुए आगे कहा कि राजस्थान देश का उष्ट्र बाहुल्य राज्य होने के उपरांत भी यहां प्रजाति के घटाव/घटने का प्रतिशत लगभग 35 है जबकि गुजरात राज्य में यह लगभग 9 प्रतिशत है, ऐसे में राज्य पशु का दर्जा प्राप्त होने पर इस प्रजाति के रखरखाव एवं प्रबंधन के समुचित उपाय अपेक्षित है।

एनआरसीसी में आयोजित इस संगोष्ठी कार्यक्रम में उरमूल सीमांत, बज्जू द्वारा प्रेरित श्री बालीनाथ उष्ट्र दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड के बीकानेर, जैसलमेर व जोधपुर जिले के लगभग 55 सदस्य ऊँट पालकों ने अपनी सहभागिता निभाई। इन फेडरेशनों के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, श्रीराम एवं जोराराम ने ऊँट एवं इसके पालकों की समस्याओं एवं मांगों यथाऊँटों की तेजी से घटती संख्या, चरागाह की कमी, उपजाऊ भूमि का खेती के स्थान पर अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाना, गोचर भूमि के संरक्षण, गौशाला चारा अनुदान के अनुरूप ही अकाल एवं आपात स्थिति में ऊँटों के लिए चारा अनुदान उपलब्ध करवाने, ऊँटों से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को लागू करने के अलावा इसकी राशि 30 हजार किए जाने, ऊँट अभ्यारण्य बनाने आदि विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखें। संगोष्ठी में यह जानकारी दी गई कि फेडरेशन के तहत आने वाले तीनों जिलों के करीब 3500 ऊँट पालक परिवार सम्मिलित है जिनके पास लगभग 35-40 हजार के करीब ऊँटऊँटनियां उपलब्ध है।

इस अवसर पर फेडरेशनों से जुड़े किसानों द्वारा ऊँटनी के दूध से बनी विभिन्न कुकीज की प्रदर्शनी भी लगाई गई। साथ ही एनआरसीसी द्वारा निर्मित ऊँटनी के दूध से बनी चाय व खीर का सभी को रसास्वादन करवाया गया। इस संगोष्ठी के समन्वयक केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन्त व्यास द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

25 लाख तक के आवासीय भूखण्ड और 50 लाख तक के फ्लैट के लिए ये शुल्‍क घटाया

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर पच्चीस लाख रुपये बाजार मूल्य तक के खाली आवासीय भूखण्डों से संबंधित हस्तान्तरण विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क घटाया जाकर चार प्रतिशत की दर से प्रभारित किये जाने के आदेश किये गए हैं। इसी प्रकार एक अन्य अधिसूचना द्वारा चार तलों से अधिक के बहुमंजिला भवन में पचास लाख रुपये बाजार मूल्य तक के फ्लैट से संबंधित हस्तान्तरण विलेख पर भी प्रभार्य शुल्क घटाया जाकर चार प्रतिशत की दर से प्रभारित किये जाने के आदेश किये गए हैं।

यह दोनों आदेश ऐसे हस्तान्तण विलेख पर लागू होंगे, जो 31 दिसम्बर 2021 तक निष्पादित और रजिस्ट्रीकरण के लिए प्रस्तुत कर दिया जाएंगे।

 

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