Sunday, April 20, 2025
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भक्तिकाल के स्वर्णिम युग के आधार स्तम्भ गोस्‍वामी तुलसीदास : डॉ. पंचारिया

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बीकानेर abhayindia.com गोस्वामी तुलसीदास भक्तिकाल के स्वर्णिम युग के आधार स्तम्भ हैजिनसे भारतीय समाजराजनीतिअध्यात्म तथा संस्कृति निरंतर प्रेरणा सामर्थ्‍य प्राप्त करता रहा है। आज के सामाजिकसाहचर्य वैश्विक समाज में भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा को तुलसी ने ही अपने वैचारिक जलउर्वरा से सींचापोषित किया है। उक्त उद्गार महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. चित्रा पंचारिया ने भक्तिकालीन महान समन्वयकारी लोकनायक राम भक्त संत तुलसीदास की जयंती पर आयोजित परिचर्चा के दौरान छात्राओं के सम्मुख व्यक्त किए।

इस परिचर्चा की शुरूआत महाविद्यालय हिन्दी प्रवक्ता डॉ. घनश्‍याम व्यास ने तुलसी के व्यंक्तित्व कृतित्व को रेखांकित करते हुए कहा किगोस्वामी तुलसीदास भारतीय समाज के कालजयी कवि रहे हैंजिन्होंने अपने दर्शन से भारतीय सभ्यता संस्कृति का नेतृत्व किया। इसी क्रम में शर्मिला पुरोहितप्रवक्ता गजानंद व्यासप्रवक्ता नरेन्द्र शर्मा सहित छात्रा देवकी व्यासजया बिस्सा,मानसी व्यासदिव्या चैधरी सहित अनेक वक्ताओ ने तुलसी के काव्य दर्शन के विभिन्न पक्षो पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने मानस की चौपाईयों की सस्वर प्रस्तुतियां दीं।

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