Thursday, December 5, 2024
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वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. शंकरलाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित अंक का लोकार्पण

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बीकानेर Abhayindia.com शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान बीकानेर के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकर लाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित अंक का लोकार्पण स्वामी सदन में किया गया। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समीक्षक-कथाकार अशफाक कादरी थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में संयोजक राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत भाषण करते हुए डॉ. शंकरलाल स्वामी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा- वेला है लोकार्पण, पत्रिका करे प्रकाश, जीवन सार यही सदा, श्रम गुण करे उजास।। श्रेष्ठ विपुल साहित्य में, किया शब्द विन्यास, डा. शंकरलाल का फैले कीर्ति उजास। ‌

मरु नवकिरण के संपादक डॉ. अजय जोशी ने कहा कि मरु नवकिरण हिन्दी की त्रैमासिक पत्रिका है, जो कला साहित्य और संस्कृति को समर्पित रही है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर- दिसंबर अंक जो कि डॉ. शंकरलाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित है, इस अंक में बीस रचनाकारों ने डॉ. स्वामी के समग्र साहित्य पर आलेख लिखे है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेन्द्र जोशी ने कहा कि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी पहले ऐसे रचनाकार है जिनके एक हाथ में स्टेथेस्कोप और दूसरे हाथ में साहित्य की कलम है। उन्होंने कहा कि डाॅ. स्वामी के रचनाकर्म से शारीरिक- वैचारिक- मानसिक रोगों और विकारों से निदान पाकर ही लौटता है। जोशी ने कहा कि डॉ. स्वामी समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व बखूबी समझते रहे हैं।

मुख्य अतिथि अशफाक कादरी ने कहा कि डॉ. शंकर लाल स्वामी साहित्य के ऊर्जावान लेखक हैं और सकारात्मक विचारों से नूतन समाज के लिए प्रेरणा पुंज बने हुए हैं। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। कवयित्री ज्योति वधवा रंजना ने सस्वर वंदना की। इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं प्रेरणा प्रतिष्ठान से प्रेमनारायण व्यास, कादम्बिनी क्लब से गिरिराज पारीक, मुक्ति संस्था द्वारा डॉ. शंकरलाल स्वामी का नागरिक अभिनंदन किया गया। अतिथियों द्वारा पुष्पगुच्छ, पुष्प मालाएं, अभिनंदन पत्र, शोल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह अर्पित कर डाॅ. शंकरलाल स्वामी का बहुमान किया गया।

अभिनंदन पत्र का वाचन कवियत्री-आलोचक डॉ. रेणुका व्यास ने किया तथा मरू नवकिरण के विशेषांक पर पत्रवाचन कवियत्री कथाकार डॉ. कृष्णा आचार्य ने किया। कार्यक्रम का संचालन कवि बाबू बमचकरी ने किया। राजस्थानी साहित्यकार डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर प्रो. नरसिंह बिन्नानी, मुकेश जैन, डॉ. उर्वशी धवल, दीपिका जैन, सुनीता स्वामी, दिनेश वैष्णव, श्रीकांत स्वामी, विश्वा वैष्णव, विशाल स्वामी, वैभव स्वामी, डॉ. मोहम्मद फारूक चौहान, सुभाषचन्द्र विश्नोई, डॉ. कृष्णलाल विश्नोई, मनीष कुमार जोशी, योगेन्द्र कुमार पुरोहित, महेश उपाध्याय, वरिष्ठ रंगकर्मी बीएल नवीन, हरिकिशन व्यास, डॉ. जगदीश बारहठ, चंद्रशेखर आचार्य, गोपाल कुमार व्यास, अरुणा सोनी, टीकमचंद, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, अब्दुल शकूर सिसोदिया ने फूलमालाओं से डॉ. शंकरलाल स्वामी का अभिनन्दन किया।

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