Friday, November 15, 2024
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उपराष्‍ट्रपति ने कहा- बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी, मंत्री मेघवाल को सौंपा जिम्‍मा

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बीकानेर Abhayindia.com भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज बीकानेर में क्षेत्रीय मूंगफली अनुसंधान केंद्र का लोकार्पण किया! इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने बीकानेर की नमकीन, भुजिया और रसगुल्ले की तारीफ करते हुए मूंगफली ब्रांडिंग की बात कही। उन्होंने कहा कि बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी और यह काम मैं अर्जुन राम मेघवालजी को सौंपता हूं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मूंगफली की ब्रांडिंग का काम यहां से शुरू होना चाहिए और इस क्षेत्र में व्यापार की बहुत सी संभावनाएं हैं। अपने संबोधन में आगे उपराष्ट्रपति ने कहा कि मूंगफली को बादाम और काजू से ज्यादा पसंद किया जाता है और इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में उपस्थित सांसद कैलाश चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि जब कैलाश चौधरी की कृषि राज्य मंत्री थे उस समय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मोटे अनाज अर्थात बाजारा के महत्व को दुनिया के सामने बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजार वर्ष घोषित कराया और यह वर्ष अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश के प्रतिष्ठित होटल भी अपने व्यंजनों की सूची में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं, और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

उपराष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वह करके दिखाया जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी, भारत ने इतना सफल कार्यक्रम आयोजित किया है कि पूरी दुनिया देखकर दंग रह गई है।आगे उन्होंने कहा कि आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जी-20 के की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं को मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे गए। उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का परोसा जाना, हर गांव, गरीब और किसान के लिए एक सम्मान की बात है।

उपराष्ट्रपति ने 60 के दशक में देश में अनाज संकट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उस आह्वान को याद किया जिसमें उन्होंने देश के नागरिकों से एक दिन का उपवास करने का आह्वान किया था, और उनके आह्वान पर देश के किसानों ने संकल्प लिया और आज हमारे किसानों के पसीने और मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना है बल्कि आज दुनिया को भारत खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि  कि 1 अप्रैल 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है और यह हमारे किसान भाइयों की कड़ी मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि किसान कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, पीएम किसान सम्मन निधि उनमें से एक है जिसके तहत साल में तीन बार किसानों के खाते में सीधे सहायता भेजी जा रही है।

उपराष्ट्रपति ने देश में तकनीकी विकास की तारीफ करते हुए कहा कि आज हमारा किसान तकनीक से इतना जुड़ा हुआ है कि उसे सरकारी सहायता प्राप्त करने में किसी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं है, और ना कोई कमीशन देना पड़ता है तकनीक अपनाने के लिए मैं किसानों को बहुत धन्यवाद देता हूं।

उपराष्ट्रपति ने बीकानेर के किसानों को दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें भारत की संसद का नया भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, प्रधानमंत्री संग्रहालय और वॉर मेमोरियल दिखाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने ICAR- केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का लोकार्पण भी किया।

कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के अपने शिक्षक जीएस आचार्य से बीकानेर में सप्रेम भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। वे बीकानेर में रह रहे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के अन्य सदस्यों से भी मिले। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल, सांसद कैलाश चौधरी, मूंगफली अनुसंधान संस्थान के संस्थान के महानिदेशक, कृषि वैज्ञानिक, विद्यार्थी व अन्य कई गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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