बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। उपनिवेशन विभाग के अधीन 40 वर्षों तक नौकरी करने वाले ग्यारह गिरदावर-पटवारियों को खुद विभाग ने ही भूला दिया है। ये कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद पिछले ग्यारह महीनों से पेंशन मांग रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही।
पेंशन नहीं मिलने से पीडि़त कर्मचारी नेता नरेन्द्र सिंह राजावत ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि उनके सहित 11 गिरदावर व पटवारी ऐसे हैं जिन्होंने ४० वर्षों तक उपनिवेशन विभाग में नौकरी की, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद ग्यारह महीनों से वे पेंशन के लिए परेशान हो रहे हैं। उन्होंने पेंशन नहीं बनाने की शिकायत राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की तो विभाग ने जवाब दिया कि यह मामला उनके विभाग से संबंधित नहीं है। राजावत ने ‘राजस्थान संपर्कÓ पोर्टल पर विभाग की ओर से दिए गए जवाब की प्रतिलिपि दिखाते हुए बताया कि विभाग के अधिकारी ऐसा जवाब देकर सरकार को भी गुमराह कर हैं। हमने चालीस वर्षों तक विभाग की नौकरी की है तो अब विभाग हमें कैसे भूला सकता है? राजावत ने उपनिवेशन आयुक्त एल. एन. मीणा और उपायुक्त ए. एच. गौरी पर जानबूझकर पेंशन के प्रकरण निस्तारित नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये विभागीय जांच के नाम पर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। राजावत ने बताया उन्होंने गत 14 दिसम्बर को कलक्टर की जनसुनवाई में भी यह मामला रखा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब ग्यारह जनवरी को होने वाली कलक्टर की जनसुनवाई में सभी पीडि़त पटवारी और गिरदावर अपने परिवार सहित कलक्टर के समक्ष पेश होकर अपनी पीड़ा व्यक्त करेंगे। इसके बावजूद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुली तो हम वहीं पर धरना देने को मजबूर होंगे। राजावत ने बताया कि जिन गिरदावर-पटवारी को पेंशन नहीं मिली हैं उनमें उनके सहित श्रीलाल व्यास, बनवारी लाल बिश्नोई, जगदीश प्रसाद शर्मा, रमेश गौड़, बंशीलाल, सुदर्शन बावरी, रामदयाल, चोखाराम आदि के नाम शामिल हैं।
उधर, उपनिवेशन विभाग के उपायुक्त ए. एच. गौरी का कहना है कि विभाग उक्त गिरदावर-कार्मिकों के पेंशन प्रकरणों में विधि सम्मत कार्रवाई कर रहा है। कुछ पर विभागीय जांच चल रही है, इसलिए पेंशन नहीं बनाई जा रही है।