





बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। दयानंद पब्लिक स्कूल के छात्र यश दवे की मौत के छह साल बाद भी उनके परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। यश की छठी पुण्यतिथि पर उसके पिता विष्णु रतन दवे ने एक बार फिर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपकर मांग की है कि मुख्यमंत्री की मोनिटरिंग में उच्च अधिकारियों से पुलिस, शिक्षा, अभियोजन, विधि-न्याय विभाग से संबंधित सभी बिन्दुओं की निष्पक्षता से जांच कराई जाए। ताकि छह सालों से फर्जी एफआईआर बनाकर गुमराह करने वालों की जिम्मेदारी तय हो।
ज्ञापन में कहा गया है कि अधूरे और फर्जी चालान 7.1.15 के खिलाफ 16.2.15 से दिए जा रहे धरने के उपरांत भी यश दवे की संदिग्ध मौत की शेष रही जांच नहीं करने की जिम्मेदारी तय हो, परिजन चान्दरतन दवे की रिपोर्ट दिनांक 4.4.13 को एफआईआर नहीं बनाने की जांच हो। सीआईडी (सीबी) राजस्थान जयपुर के निर्देशन पर जांच अधिकारी (आईओ) राजेन्द्र चारण अतिक्ति एसपी (शहर) ने अनुसंधान के दौरान चांदरतन दवे के दिनांक 24.2.14 को लिए गए नौ पृष्ठीय लेखबद्ध कथनों को जांच अनुसंधान में नहीं लेकर कोर्ट ने 3.9.14 को चालान वापस लौटाकर दवे की 24.2.14 लेखबद्ध कथनों का आगे और अनुसंधान करने का निर्देश देने के उपरांत जानबूझकर जांच में नहीं लिया और 7.1.15 को चालान पेश कर दिया।
ज्ञापन में पिता विष्णुरतन दवे ने कहा है कि इस अधूरे चालान के खिलाफ मैं 16.2.15 से लगातार धरना दे रहा हूं, परन्तु शेष रही जांच को पूरा नहीं करके सरकार को झूठा लिख रहे है कि ‘अब कोई अनुसंधान शेष नहीं है। दवे ने लिखा है कि छह सालों में स्कूल संरक्षण में छात्र की हत्या में शामिल दयानन्द पब्लिक स्कूल बीकानेर की अस्थाई मान्यता किन कारणों से समाप्त नहीं की गई। जब राज्य सरकार ने 7.7.15 को एनओसी विड्रा कर ली है, तो संस्था का अवैध संचालन कैसे हो रहा है? 1.4.16 के बाद संस्था को एनओसी किसने दी? जांच का विषय है।
दवे ने आरोप लगाया है कि फर्जी चालान इसलिए है क्योंकि इस चालान में सही एफआईआर जांच में नहीं ली। चार घण्टे कानूनी सलाह लेकर स्कूल की षड्यंत्रकार झूठी रिपोर्ट को मर्ग बनाया है। इसी झूठी मर्ग का छह सालों से सत्यापन नहीं किया है। झूठी मर्ग में अध्यापकों ने पुलिस को झूठी सूचना दी है कि हम यश दवे को बचाने के लिए नहर में कूद गए जबकि दोनों अध्यापक तैरना नहीं जानते है तो बचे कैसे? हत्या के मौके पर उपस्थित व चार छात्रों पार्थ, रितेश, अंकित, निलेश के परिजनों व मैनेजमेंट की सर्किलवाईज काल डिटेल नहीं ली है।
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