Tuesday, May 7, 2024
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मिलावट रोकने के लिए किया मंथन, मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून की बताई दरकार…

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बीकानेर abhayindia.com यूनाईटेड नेन की जनरल एसेम्बली में लिये गये निर्णय के अनुसार सात जून को विश्‍व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। विश्‍व में प्रथम वार इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर एक जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन मोदी डेयरी के प्लाण्ट में आयोजित किया गया। इस दिवस को मनाने के लिये आईएमए का एक दल भी वहां पहुंचा जिसमें आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अबरार पंवारसचिव डॉ. नवल किशोर गुप्ताराज्य स्तरीय सह संयोजक डॉ. राहुल हर्षजिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सी. एस. मोदीमुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के नोडल अधिकारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरीशंकरपीबीएम के पीएसएम विभाग से डॉ. सुनील हर्षसंभागीय उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी एवं सह उप महाप्रबन्धक (विपणन) भंवर सिंह राठौड़मोदी डेयरी के अरूण मोदीअविनाश मोदीवैभव मोदीकनव मोदीजसवंत सिंहविक्रम सिंहलोकेश शर्मा एवं अन्य अतिथि  मौजूद थे।

इस अवसर पर डॉ. नवल किशोर गुप्ता ने बताया कि किस प्रकार केमिकल के ज्यादा इस्तेमाल से कैंसर जैसा घातक रोग फैलता जा रहा है तथा पंजाब व हरियाणा से अनेकोंनेक कैंसर के मरीज अपना इलाज करवाने के लिये बीकानेर स्थित आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेण्टर पर आते हैं। अगर इस कैंसर जैसी भयावह स्थिति से बचना है तो हमें अपने खान-पान में सुधार करना होगा अन्यथा आने वाले दिनों में मिलावट के कारण लोगों को और भी अधिक गम्भीर बीमारियों का सामना करना पड़ेगा। 

डॉ. अबरार पंवार ने बताया कि समूचे विश्‍व में इस वक्त खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के प्रयास बढ रहे हैंग्राहक को स्वंय जागरूकता रखनी होगी तथा अपनी खान-पान की शैली में आ रहे बदलाव को रोकना होगा, क्योंकि लोगो में जंक फूड एवं अन्य डिब्बाबंद पदार्थों के प्रति रूझान बढ़ रहा है जो कि गलत है, क्योंकि उनमें पौष्टिकता ना के बराबर होती है तथा यह अनेक बीमारियों को बुलावा ही देते हैं।

डॉ. राहुल हर्ष ने कहा कि खाद्यान्न की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये समस्त खाद्य निर्माताओं को एकत्रित होकर इस क्षेत्र में कार्य करना होगा क्योंकि संगठित इकाईयों से गैरसंगठित इकाईयों का प्रतिशत ज्यादा है तथा यह गैरसंगठित क्षेत्र ही मिलावट का सबसे बड़ा कारक है। अगर मिलावट रोकनी है तथा सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस कार्यक्रम को वास्तविक रूप से सफल बनाना है तो सभी को इस क्षेत्र में मिल-जुलकर कार्य करना पड़ेगा।

डॉ. सी. एस. मोदी ने कहा कि खाद्य पदार्थों में स्वच्छता एवं हाईजीन का ध्यान नहीं रखे जाने के कारण ही आये दिनों टीबी के मरीजों में बढ़ोतरी होती रही है। खान-पान की समस्त चीजों पर भारत सरकार का अंकुश होना चाहिये एवं खाद्य मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून आना चाहिये तथा गरीब की थाली में भी पौष्टिक आहार पहुंच सकेइसको सुनिश्चित करने की जरूरत है।

डॉ. गौरीशंकर जोशी एवं डॉ. सुनील हर्ष ने बताया कि भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय द्वारा यह जो खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है, इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है ताकि आने वाले दिनों में और भी अधिक लोगों को इससे फायदा मिल सके।

मोदी डेयरी की तरफ से अविनाश मोदी ने आये हुए अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि उनका परिवार इस व्यवसाय में विगत 50 वर्षों से जुड़ा हुआ है। मोदी डेयरी की स्थापना से लेकर अब तक स्वच्छता एवं हाईजीन का किस प्रकार ध्यान रखा जा रहा हैइसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जब तक ग्राहक स्‍वयं नहीं चाहेगा की उसे उच्‍च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ चाहिये तथा नकली चीजों का बहिष्कार नहीं करेगा तब तक मिलावट का यह दौर यूं ही चलता रहेगाइसके लिये ग्राहक का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।

वैभव मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर खाद्य सुरक्षा के इन उपायों पर आज जो बात की जा रही है तथा विश्‍व मे मिलावट का जो भयावह रूप आज हमारे सामने आ रहा हैअगर इसके बारे में जानकारी देने के लिए फूड सेफ्टी एक्ट से सम्बन्धित एक चैप्टर बच्‍चों की पढ़ाई मे ही शामिल कर दिया जाये तो निश्चित तौर पर यह बहुत आसानी से बच्‍चों की समझ में आ जायेगा तथा वे इसे आजीवन अपनी कार्यशैली में अपना लेंगे।

मोदी डेयरी के चेयरमैन अरूण मोदी ने आये हुए समस्त प्रतिभागियों को बताया कि मोदी डेयरी लगातार खाद्य सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरने के लिये प्रयासरत है तथा भविष्य में डेयरी द्वारा इस क्षेत्र में किये जाने वाले अन्य प्रयासो के बारे में भी बताया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा कानून को और अधिक मजबूत करने की बात कही।

मोदी डेयरी के प्रयोगशाला अधीक्षक जसवंत सिंह एवं प्रोडक्‍शन मैनेजर विक्रम सिंह ने समस्त अधिकारियों को मोदी डेयरी का भ्रमण करवाया। चिकित्सकों के दल ने मोदी डेयरी में दूध के गांवो मे इकठ्ठा होने पर उसकी जांच के तौर तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए दूध के बीकानेर स्थित मुख्य प्लाण्ट पर पहुंचने पर पुनः होने वाली जांचों तथा आगे इसके प्रोसेस होने तथा अन्य उत्पाद बनने की सारी प्रक्रिया को देखा व समझा। दूध के अलावा किस तरह दहीछाछ-लस्सीपनीरघीमक्खनस्क्मि मिल्क पाउडरपेड़ारसगुल्ला व राजभोग का निर्माण हाईजनिक तरीके से किया जाता है, इसके बारे में जानकारियां प्राप्त की। क्लिनीकल फील्ड से होने के कारण कुछ बिन्दुओं पर उन्होंने अपने पक्ष को रखा जिसका डेयरी प्रबन्धकों द्वारा समुचित तरीके से जवाब दिया जाकर उन्हें सन्तुष्ट किया गया। मोदी डेयरी प्रबन्धन द्वारा आने वाले दिनों में और इस क्षेत्र में क्या-क्या नवाचार किये जा रहे हैंइसके बारे में भी विस्तार पूर्वक चिकित्सको को बताया गया।

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