Friday, April 19, 2024
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एसीबी को छका रही निलंबित महिला आईएएस

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जोधपुर (अभय इंडिया न्यूज)। जिला रसद विभाग से करीब आठ करोड़ रुपए का ३५ हजार क्विंटल गेहूं का अतिरिक्त आवंटन कर गबन करने के मामले में निलंबित आईएएस व तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। एसीबी ने उनके घर पर गत सप्ताह नोटिस भी चस्पा किया था, फिर भी वे एसीबी कार्यालय नहीं आई। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है। उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद से निर्मला मीणा और उनके पति पवन कुमार मित्तल गायब हो चुके है।

गरीबों को बांटे जाने वाले राशन के 35 हजार क्विंटल गेहूं को आटा मिलों में बेचकर आठ करोड़ रुपए के घोटाले की मुख्य आरोपी आईएएस निर्मला उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के साथ ही भूमिगत चल रही है। इसके बाद एसीबी की टीम ने मीणा के घर पर नोटिस चस्पा किया लेकिन वे एसीबी के हाथ नहीं आई। बताया गया है कि उच्च न्यायालय का निर्णय आने के कुछ घंटे पहले ही मीणा अपने पति के साथ घर से निकल चुकी थी और उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। एसीबी की टीम ने मीणा के घर पर कई बार दबिश दी, लेकिन वो नहीं मिली। वहीं मीणा के मोबाइल नंबरों पर भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी बंद मिल रहा है। गौरतलब है कि निर्मला मीणा की पहले सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज हुई थी, तब एसीबी ने जोधपुर, जयपुर व उदयपुर में उसके ठिकानों पर छापेमारी की थी,वो तब भी एसीबी के हाथ नहीं लगी थी।

तत्कालीन डीएसओ मीणा ने सिर्फ मार्च 2016 में 33 हजार परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को स्वयं की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था। नये परिवारों को ऑनलाइन नहीं किया गया। फिर मीणा ने आठ करोड़ रुपए का अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करवा लिया। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व स्वरूपसिंह राजपुरोहित की आटा मील भिजवा दिया था। करोड़ों रुपए का गबन की जांच के बाद सरकार ने आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को निलम्बित कर दिया था। बाद में आटा मील मालिक स्वरूप सिंह राजपुरोहित ने भी पूछताछ में स्वीकार किया था कि उसने 105 ट्रक में दस हजार पांच सौ 500 क्विंटल गेहूं काला बाजार में बेचा है।

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