Monday, May 6, 2024
Hometrendingकच्‍ची बस्तियों के नियमन के लिए जल्‍द होगा सर्वे, पति-पत्नी के संयुक्त...

कच्‍ची बस्तियों के नियमन के लिए जल्‍द होगा सर्वे, पति-पत्नी के संयुक्त नाम से जारी होगा पट्टा

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जयपुर Abhayindia.com शहरों में सरकारी भूमि पर बसी कच्ची बस्तियों के नियमन का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश की गहलोत सरकार जल्द ही इन कच्‍ची बस्तियों का सर्वे कराने जा रही है। कच्ची बस्ती उनको माना जाएगा जो वर्ष 2004 में सर्वेशुदा बस्तियों से अलग होंगी। इसके लिए 31 दिसंबर 2021 तक बसी कच्ची बस्तियों का सर्वे किया जाएगा। यूडीएच और एलएसजी ने मंत्रिमंडल आज्ञा जारी होने के बाद इस बारे में आदेश जारी किए है। आदेश में नई कच्ची बस्तियों का पट्टा पति व पत्नी के संयुक्त नाम से पट्टा जारी किया जाएगा। पट्टे पर दोनों की फोटो भी लगाए जाएंगे। इस नए आदेश से नई कच्ची बस्तियों का भी नियमन किया जा सकेगा।

आपको बता दें कि सरकार ने आवासीय के लिए 110 वर्गगज तक के और व्यावसायिक उपयोग के लिए 15 वर्गगज तक के क्षेत्रफल के भूखंडों नियमन तय किया है। 110 से 200 वर्गगज तक का भी नियमन होगा, लेकिन उसके लिए सरकारी भूमि के नियमन की दर से पैसा देना होगा।

यह तय की है दरें : नगर निगम क्षेत्र में 1 से 50 वर्गगज तक 40 रुपए प्रति वर्गगज में पट्टा दिया जाएग। इससे अधिक भूमि का 80 रुपए प्रति वर्गगज पर पट्टा जारी होगा नगर परिषद क्षेत्र में 1 से 50 वर्गगज तक 30 रुपए प्रति वर्गगज और इससे अधिक भूमि का 60 रुपए प्रति वर्गगज पर पट्टा जारी होगा। इसी तरह नगर पालिका क्षेत्र में 1 से 50 वर्गगज तक 20 रुपए और इससे अधिक भूमि का 40 रुपए प्रति वर्गगज पर पट्टा जारी होगा। बीपीएल परिवारों को इससे आधी दर पर जारी पट्टा दिया जाएगा।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular