Saturday, April 20, 2024
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गायकी के फनकार रतनदीप बिस्सा के असामयिक निधन पर श्रद्धांजलि सभा 23 को

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। सुरीली आवाज के गायक रतनदीप बिस्सा के असामयिक निधन पर बीकानेर विचार मंच की ओर से 23 दिसम्बर को पुराना बस स्टैंड स्थित आनंद निकेतन में दोपहर 2 बजे श्रद्धांजलि सभा रखी गई है। सभा में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्धजन शामिल होंगे।

ratandeep bissa 2

गायकी के फनकार रतनदीप बिस्सा का असामयिक निधन गत 17 दिसम्बर को हो गया। बिस्सा ने संगीत साधना के साथ शैक्षणिक, साहित्य, रंगकर्म व खेलकूद के क्षेत्र में भी प्रतिभाओं को निखारने में अग्रणी योगदान दिया है।

‘ये राहें वहीं है ये मंजिल वहीं है
लगता है ऐसा मगर कुछ खो गया है….’

Singer's funkar Ratandeep Bissa
Singer’s funkar Ratandeep Bissa

जिंदादिल दीपों में रतन। रतनदीप। जब तक जीये जिंदादिली के साथ जीये। बीमारी से जन्मी अथाह पीड़ा को हंसी की चादर ओढ़ा कर जीये। आपका यूं चले जाना आपके दोस्तों, प्रियजनों को एक भयानक अंधेरे सकते में छोड़ गया है। एक खुशनुमा, हाजिर जवाब, विटी, भायलों में यारबाश, शिष्यों के फ्रेंड….क्या क्या नहीं थे आप। कुछ दिन पहले ही तो असित, अमित, गुलाम, रवि और मैं जब आपसे मिलने पीबीएम गए थे। आपने उलाहना दिया कि ‘यदि मुझे मालूम होता कि मेरे एडमिट होने पर ही मिलने आओगे तो पहले ही एडमिट हो जाता…।’ उस दिन आपने जब ये कहा कि ‘दर्द के कारण पिछले 39 दिनों से सो नहीं पाया हूँ….।’ तो आपकी पीड़ा और उसको सहन करने की ताकत से सिहर गये थे हम….। और आपने अगले ही पल हंसी के साथ कमबख्त बीमारी को ही हवा में उड़ा दिया…..। …..कितनी बातें याद आ रही है। इतने बेहतरीन क्लासिकल, सुगम और लोकगायक, जिनके न जाने कितने एलबम निकले, हिट हुए पर आपने हमेशा खुद को लो-प्रोफाइल बनाये रखा। आपके ‘हो’ से आपके ‘थे’ होने के दो शब्दों के बीच के अंतर ने अंतस को तहस नहस कर दिया है…विदा दोस्त। विदा भाई। दीप बुझा है, रतन चमकता रहेगा। रतनदीप के रूप में। नमन…। -संजय पुरोहित

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