Saturday, April 27, 2024
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राजस्थान की राजनीति : …तो हनुमान की ‘बोतल’ में सजेगा ‘कमल का फूल’!

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान की राजनीति नई करवट बदल रही है। हाल में भारत वाहिनी पार्टी के प्रमुख घनश्याम तिवाड़ी ने जहां कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया, वहीं आरएलपी प्रमुख एवं दिग्गज नेता हनुमान बेनीवाल भी एक बड़ी पार्टी का साथ देने को तैयार हो रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और भाजपा के बीच गठबंधन हो सकता है। इस गठबंधन के तहत भाजपा नागौर और बाड़मेर सीट आरएलपी को दे सकती है। ऐसा होने पर खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल खुद नागौर से चुनाव लड़ सकते हैं और केंद्रीय मंत्री सी. आर. चौधरी का यहां तय माना जा रहा टिकट खतरे में पड़ सकता है। यह बदलाव कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जाएगा, क्योंकि नागौर से कांग्रेस ने भारी विरोध के बावजूद ज्योति मिर्धा को टिकट थमा दिया है।

आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी। बताया जा रहा है कि आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश में कांग्रेस से सात सीटें मांगी थी, जबकि कांग्रेस उसे महज तीन सीटें ही देने पर सहमति हुई। इसके चलते बेनीवाल ने कांग्रेस के गठबंधन के प्रस्ताव ठुकरा दिया था।

हालांकि बेनीवाल कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आरएलपी का किसी भी राजनीतिक दल में विलय नहीं होगा, लेकिन बदलते सियासी समीकरणों के बीच अब उनके भाजपा से गठबंधन के संकेत साफतौर पर मिल रहे हैं। ध्यान में रहे कि हनुमान बेनीवाल 2008 में भाजपा से, 2013 में निर्दलीय और 2018 में अपनी पार्टी आरएलपी से चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे हैं।

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