Thursday, March 28, 2024
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पुलिस उपनिरीक्षक को आखिर 29 साल बाद मिला न्याय

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जोधपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने गृह विभाग बीकानेर रेंज बीकानेर में उपनिरीक्षक के पद से सेवानिवृत हुए सोमदत शर्मा की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए विभाग द्वारा उनके विरूद्व पारित आदेश को अपास्त करते हुए उसे पुनरक्षित वेतनमान नियम 1989, 1998 एवं 2008 के तहत उसके द्वारा दिेये गये विकल्प पत्र के आधार पर उसकी पेंशन को संशोधित कर उसके अनुसार 6 सप्ताह की समयावधि में उसका भुगतान करने का आदेश पारित किया है।

प्रार्थी सोमदत शर्मा ने पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर रहते हुए, पुनरीक्षित वेतनमान नियम 1989 के तहत दिनंाक 24.12.1993 को अपना विकल्प पत्र प्रस्तुत किया था। प्रार्थी सोमदत शर्मा 31.8.1995 को सेवानिवृत हो गये थे, लेकिन विभाग द्वारा उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये विकल्प पत्र के अनुसार उनके पेंशन का भुगतान नही किया गया। प्रार्थी निरंतर रूप से विभाग को अपने द्वारा प्रस्तुत विकल्प पत्र के अनुसार भुगतान किये जाने के लिये निवेदन कर रहा था। विभाग द्वारा 26 वर्ष बाद दिनांक 22.7.2015 को उसके द्वारा वर्ष 1993 में दिये गये विकल्प पत्र के अनुसार पेंशन संशोधित कर भुगतान करने का आदेश पारित किया, लेकिन विभाग द्वारा दिनंाक 2.2.2016 के आदेश के तहत उसके संशोधन पेंशन भुगतान आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया क्योकि वर्ष 1979 के वेतनमान के बाद राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1996 एवं वर्ष 2008 के दो पुनरीक्षित वेतनमान और अस्तित्व में आ चुके है इसलिए अब प्रार्थी द्वारा वर्ष 1989 के पुनरीक्षित वेतनमान नियम के तहत विकल्प पत्र प्रस्तुत किया गया है। ऐसे में उसे शिथिलता नही दी जा सकती है। यह कहते हुए उसके द्वारा प्रस्तुत विकल्प पत्र के अनुसार उसे भुगतान करने से इंकार कर दिया था।

विभाग के आदेश दिनंाक 2.2.2016 से व्यथित हेाकर प्रार्थी सोमदत शर्मा ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष इस बाबत रिट याचिका प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया कि प्रार्थी द्वारा वर्ष 1993 में ही विकल्प पत्र प्रस्तुत कर चुका है जिसे विभाग स्वयं ने स्वीकार भी किया है एवं उसी पर कार्यवाही करते हुए विभाग ने दिनंाक 22.7.2015 को उसके पेंशन को उसके विकल्प पत्र के अनुसार संशोधित भी कर दिया था। इसके बाद संशोधित पेंशन देने का आदेश भी पारित कर दिया गया था, लेकिन केवल वित्तीय सलाहकार के आदेश के कारण उसे संशोधित पेंशन का भ्ुागतान नही किया गया जो कि सर्वथा विधि विरुद्ध है।

प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रार्थी की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए गृह विभाग से उपनिरीक्षक पद से सेवानिवृत हुए सोमदत शर्मा की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए विभाग को 6 सप्ताह के भीतर उसके द्वारा प्रस्तुत विकल्प पत्र के आधार पर उसे संशोधित पेंशन एंव पुनरीक्षित वेतनमान नियम 1998 एवं 2008 के तहत उसकी पेशन संशोधित कर जारी करने के आदेश पारित किए।

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