Sunday, May 5, 2024
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कोलकाता से गए यात्रियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी, मिलते-जुलते नामों वाली साइट के माध्यम से यात्रियों से…

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बीकानेर Abhayindia.com कोलकाता से गए केदारनाथ (उत्तरा खंड) चारधाम यात्री ऑनलाइन ठगी के शिकार हो गए हैं। बड़ा बाजार के व्यवसायी नारायण दास व्यास अपनी पत्नी और अन्य दस रिश्तेदारों के साथ इन दिनों उत्तरा खंड के चार धाम की यात्रा पर है, शनिवार को केदारनाथ दर्शन पश्चात उन्हें बद्रीनाथ के दर्शन के लिए जाना था। इसके लिए उन्होंने गूगल पर हेलीकॉप्टर सर्विस की खोजबीन की जहाँ उन्हें पवन हंस लिमिटेड नामक एक साइट मिली दिये गए नंबर पर नारायण दास व्यास ने बात की तो उनकी बुकिंग कन्फर्म करने के लिए पैमेंट करने को कहा गया। जिसके बाद उन्होंने पवन हंस लिमिटेड के केनराबेंक के खाते मे 56250 रुपये का पेमेंट कर दिया उपरी क्षेत्र मे होने के कारण इंटनेट सेवा कमजोर रहने के कारण 2 बार भुगतान हो गया नारायण दास व्यास ने कंपनी के अधिकृत व्यक्ति से बात की तो कहा गया कि आपकी बुकिंग कन्फर्म हो गई है और दुबारा किया गया पैमेंट आपको वापिस कर दिया जायेगा, लेकिन अगली सुबह जब वे हेलिपेड पहुँचे तो उन्हें बताया गया कि उनके ग्रुप की कोई टिकट बुक नही हुई है, आपके साथ यात्रा के नाम पर धोखा हुआ है, कम्पनी से बात करने पर दूसरी तरफ से कोई रिस्पोंस नही मिल रहा और बाद मे सभी फोन बंद मिले, दुखी मन से यह ग्रुप केदारनाथ से पैदल और घोड़े के माध्यम से उतर एक गाड़ी बुक करके अपनी यात्रा पर निकला है।

नारायण व्यास ने बताया कि इस ठगी की शिकायत उन्होंने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग मे दर्ज करवाई है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मीडिया प्रभारी भाजपा अविनाश जोशी और विप्र फाउंडेशन के संयोजक सुशील ओझा को भी अपने साथ हुई ठगी के बारे मे जानकारी दी।

ठगी के शिकार चारधाम यात्री नारायण दास व्‍यास ने बताया कि चार धाम की यात्रा करने मे ऐसी ठगी होगी कभी सोचा भी नही था, मैं खुद शोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहता हूँ और ऐसा मेरे साथ हो जायेगा अभी भी आश्चर्य मे हूँ, पवन हंस हेलिकॉप्टर  लिमिटेड नाम की साइट, इसी नाम से नाम से बैंक एकाउंट ऐसा लगता है कि इस ठगी मे बैंक अधिकारी भी शामिल है, मैंने शिकायत की है और मांग की है कि जिस बैंक मे इनका खाता है उसके अधिकारी से पूछताछ हो ताकि मुझे अपनी रकम वापिस मिले, दोषी जनों को सजा और अन्य यात्रियों के साथ ठगी रुके।

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