Friday, March 29, 2024
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विद्यार्थियों को देने से पहले गुरुजी को चखना होगा दूध

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत मिड डे मील योजना से लाभान्वित समस्त राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसों, स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर्स में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों को 2 जुलाई से सप्ताह में तीन दिन उच्च गुणवत्ता युक्त गर्म, ताजा दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। विद्यार्थियों को दूध देने से पहले अध्यापक को उसे चखना होगा।

कलक्टर डॉ. एन. के. गुप्ता ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में तैयारी बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा दूध योजना के माध्यम से राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के पोषण स्तर में वृद्धि व आवश्यक मेक्रो व माईक्रो न्यूट्रियंट्स उपलब्ध करवाने के साथ विद्यार्थियों के नामांकन व उपस्थिति में वृद्धि तथा ड्रॉप आउट को रोकने में सहायता मिलेगी। उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिएए निर्धारित समयानुसार आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर, समाज के विभिन्न वर्गों व भामाशाहों को भी इससे जोडऩे की बात कही।

गुणवत्ता का रखें ध्यान

कलक्टर ने निर्देश दिए कि विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा दूध के लिए निर्धारित गुणवत्ता की जांच लेक्टोमीटर से की जाए, विद्यार्थियों को दूध पिलाए जाने से पूर्व प्रतिदिन 1 अध्यापक व 1 विद्यार्थी के अभिभावक या एसएमसी सदस्य द्वारा इसे चखा जाए व इसका रजिस्टर संधारित किया जाए। दूध की समय-समय पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं सहकारी डेयरी के माध्यम से जांच करवाई जाए। विद्यार्थियों को दूध उबाल कर व फिर कम तापमान पर करके वितरित किया जाएए वितरण के लिए बर्तन स्वच्छ रहें। विद्यालय में फस्र्ट एड की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता पूर्ण दूध उपलब्ध करवाने के लिए एसएमसी, एनजीओ, सीएसओ,एएमएसएस व मिड डे मील प्रभारी उत्तरदायी होंगे। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिएए जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) नोडल अधिकारी होंगे एवं ब्लॉक स्तर पर बीईईओ, ग्राम पंचायत स्तर पर पीईईओ व विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबन्धन समिति उत्तरदायी होगी।

निर्धारित स्थानों से क्रय करें दूध

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के राजकीय विद्यालयों में एसएमसीए एनजीओ, सीएसओ, एएमएसएस द्वारा सरस डेयरी बूथ से पाश्च्यूरिकृत टोंड मिल्क क्रय किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रा के विद्यालयों में शाला प्रबन्धन समिति द्वारा पंचायत क्षेत्रों में स्थित पंजीकृत महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से उच्च गुणवत्ता पूर्ण दूध क्रय किया जाए। यहां दूध उपलब्ध न होने स्थिति में अन्य पंजीकृत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, महिला स्वयं सहायता समूह, अन्य स्वयं सहायता समूह या अन्य स्त्रोतों से दूध क्रय किया जा सकेगा।

यह रहेगी व्यवस्था

बैठक में बताया गया कि जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 के कुल 1 लाख 29 हजार 138 विद्यार्थियों को प्रति छात्रा प्रतिदिन 150 एमएल व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 6 से 8 के कुल 62 हजार 304 विद्यार्थियों को प्रति छात्रा प्रतिदिन 200 एमएल दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में विद्यार्थियों को सोमवार, बुधवार व शुक्रवार तथा ग्रामीण क्षेत्रा के विद्यार्थियों को सोमवार, बुधवार व शुक्रवार अथवा मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को दूध वितरित किया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रार्थना सभा के तुरंत बाद दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। बैठक में एसडीआई महेन्द्र पोटलिया, एडीईओ सुनील कुमार बोड़ा, एडीपीसी भंवरलाल शर्मा, हेतराम, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. इंदिरा प्रभाकर व बीईईओ उपस्थित थे।

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