Saturday, April 27, 2024
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लक्षण होने के बाद भी निगेटिव आ सकती है टेस्‍ट रिपोर्ट, ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 को लेकर जानें एक्‍सपर्ट की राय…

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नई दिल्ली। ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 तेजी से दुनिया में फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, केवल 10 सप्‍ताह में इसे 57 देशों में डिटेक्ट किया जा चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ओमिक्रॉन के ओरिजिनल स्ट्रेन BA.1 से 33% ज्यादा संक्रामक है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि मौजूदा कोरोना टेस्ट भी इसे आसानी से नहीं पकड़ पा रहे हैं। इसके लक्षण होने के बाद भी लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, BA.2 सब वैरिएंट, जिसे स्टेल्थ ओमिक्रॉन नाम दिया गया है, बाकी वैरिएंट्स से कुछ अलग है। इसमें एक ऐसे जरूरी म्यूटेशन की कमी है, जो शरीर में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जरूरी होता है। यूके हेल्थ सर्विस एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक, BA.2 स्ट्रेन को RT-PCR टेस्ट से पकड़ना भी मुश्किल हो रहा है। यह टेस्ट कोरोना के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट यानी सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है।

सरल भाषा में, यदि आपको BA.2 सब वैरिएंट का संक्रमण होने पर कोरोना के लक्षण आते हैं, तो हो सकता है कि जांच करवाने पर आपकी रिपोर्ट निगेटिव आए। ऐसे मामलों को फॉल्स निगेटिव माना जाता है। ऐसे केस में हमें और भी सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट के अनुसार, लक्षण होने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव आए तो भी 5-10 दिन आइसोलेट रहना चाहिए। अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ फहीम यूनुस ने इस सवाल का जवाब एक ट्वीट में दिया है। उनके अनुसार, ओमिक्रॉन के माइल्ड लक्षण जैसे सर्दी, खांसी और बुखार को नजरअंदाज न करें। ऐसा होने पर तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो 24 से 48 घंटे बाद दोबारा टेस्ट करवाएं। अगर पहली बार में रैपिड एंटीजन टेस्ट किया था तो दूसरी बार में RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी है। फिलहाल इसी टेस्ट के जरिए सबसे सटीक रिजल्ट मिलते हैं।

लक्षण होने के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आने पर फहीम यूनुस मरीज को 5 से 10 दिन आइसोलेट रहने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि केवल एक निगेटिव रैपिड एंटीजन टेस्ट पर भरोसा करने की भूल न करें।

ब्रिटेन के ZOE कोविड स्टडी ऐप के अनुसार, इसके लक्षण ओमिक्रॉन के BA.1 सब वैरिएंट जैसे ही हैं। इनमें बहती या भरी हुई नाक, थकान, सिर दर्द, लगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में दर्द, स्वाद या गंध न आना, गले में खराश, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण शामिल हैं।

हाल ही में डेनमार्क में हुई स्टडी में ये बात सामने आई है कि BA.2 स्ट्रेन में जेनेटिकली कुछ ऐसे गुण है, जो इसे ओमिक्रॉन की पहली स्ट्रेन से ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। ये इंसान के इम्यून सिस्टम को आसानी से चकमा दे देता है, जिसकी वजह से फुली वैक्सीनेटेड और बूस्टर डोज ले चुके लोग भी इससे संक्रमित हो रहे हैं।

हालांकि, कोरोना के किसी भी वैरिएंट से बचने के लिए वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। ये हमें गंभीर रूप से बीमार होने और हॉस्पिटलाइजेशन के खतरे से बचाने में कारगर है।

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