Wednesday, May 15, 2024
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राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित, साहित्यिक लेखन, समाज सेवा के लिए दिये जायेंगे पुरस्कार

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बीकानेर Abhayindia.com साहित्य के मौलिक लेखन को सम्मान प्रदान करने के दृष्टिगत राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ की ओर से प्रति वर्ष दिए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानों के लिए प्रविष्टियां व प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं।

संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान के लिए अर्पित किए जाने वाले प्रतिष्ठित ‘श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान’, ‘डॉ- नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी साहित्य सृजन पुरस्कार, पं- मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार, श्री शिवप्रसाद सिखवाल स्मृति महिला लेखन पुरस्कार, श्री श्याम सुंन्दर नागला स्मृति बाल साहित्य सृजन पुरस्कार, साहित्य के इतर विषयों से जुड़े सुरेश कंचन ओझा लेखन पुरस्कार और श्री रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान के लिए कृतियां, प्रस्ताव मांगे गये हैं।

महर्षि ने बताया कि साहित्यश्री सम्मान में 21 हजार रुपए एवं अन्य सभी पुरस्कारों-सम्मानों के लिए चयनित विद्वानों को ग्यारह-ग्यारह हजार रूपये नगद राशि, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न, शॉल आदि यथा संस्था निर्णय 14 सितम्बर, 2024 को संस्था के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोज्य समारोह में अर्पित किये जायेंगे।

संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि हिन्दी व राजस्थानी सृजन पुरस्कारों के लिए आवेदित या प्रस्तावित पुस्तक वर्ष 2019 से 2023 के मध्य प्रकाशित एवं महिला लेखन, बाल साहित्य सृजन एवं इतर साहित्यिक लेखन पुरस्कार के लिए वर्ष 2017 से 2023 की कालावधि में प्रकाशित होनी चाहिए। ‘श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान के लिए विगत 20 वर्षो के सम्बन्धित क्षेत्र के अवदान को ध्यान में रखा जाएगा।

कोषाध्यक्ष रामचन्द्र राठी ने कहा कि सुरेश कंचन ओझा लेखन पुरस्कार में शिक्षा, पत्रकारिता, चिकित्सा, विधि, मोटीवेशन, कृषि आदि साहित्यिक विधाओं के इतर समस्त विषय पुस्तकें विचारार्थ स्वीकार्य होगी। श्री रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान के लिए आवेदक या प्रस्तावक को प्रस्तावित व्यक्ति के विगत 10 वर्षो के सामाजिक अवदान का विवरण, पुष्टिकारक साक्ष्य सहित संलग्न करना होगा। इस सम्मान में राजनीतिक सेवाओं, पदीय दायित्वों की सेवाओं और वैतनिक रूप में अर्पित की गई सेवाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।

उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा ने बताया कि पुरस्कार के लिए आवेदित या प्रस्तावित कृति साहित्य की किसी भी विधा में हो सकती है परन्तु विश्वविद्यालय की डिग्री या अन्य परियोजनाओं के तहत किए गए कार्य या शोध इसके लिए मान्य नहीं होंगे। सम्पादित कृतियां, विवरणिकाएं, स्मृति या अभिनन्दन-ग्रंथ] रचना समग्र, स्मारिकाएं, अनुवाद, साझा संकलन आदि पुरस्कार की मौलिक लेखन की परिभाषा में शामिल नहीं होंगे और कोई भी आवेदक किसी वर्ष विशेष में केवल एक ही पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेगा और संस्था के उक्त पुरस्कार, सम्मान से समादृत विद्वान के किसी अन्य वर्ग या श्रेणी के पुरस्कार के लिए प्राप्त प्रविष्टियों, प्रस्तावों पर पुरस्कार अर्पण वर्ष से आगामी 5 वर्षो तक विचार नहीं किया जायेगा।

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