





जयपुर Abhayindia.com राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना (आरजीएचएस) को लेकर विवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इससे जुड़े दवा विक्रेताओं ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही बकाया भुगतान जारी नहीं किया तो वे आरजीएचएस के तहत दवाएं देना पूरी तरह बंद कर देंगे। इस निर्णय से प्रदेश के लाखों कार्मिक और उनके आश्रित प्रभावित हो सकते हैं।
आपको बता दें कि प्रादेशिक दवा विक्रेता समिति की सोमवार को जयपुर के मानसरोवर स्थित होटल में हुई। इसमें प्रदेशभर से दवा विक्रेता शामिल हुए और सरकार तक अपनी प्रमुख मांगें पहुंचाने का निर्णय लिया। समिति के अध्यक्ष विवेक विजयवर्गीय ने बताया कि सरकार ने दवा विक्रेताओं को 21 दिन में भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन पिछले 180 दिन से भुगतान अटका हुआ है। बकाया भुगतान न होने से उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई है।
विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार और अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाने के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अब सभी दवा विक्रेता 17 सितंबर तक काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध करेंगे। इसके बाद भी अगर भुगतान नहीं हुआ तो सभी विक्रेता जयपुर में एकत्र होकर महासभा करेंगे और दवा आपूर्ति बंद करने की अंतिम रणनीति तय करेंगे।
जानकारी के अनुसार, आरजीएचएस से प्रदेश के करीब पांच हजार दवा विक्रेता जुड़े हैं। इनका करीब 880 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। पिछले चार साल से ये दवा विक्रेता राज्य के लगभग 13 लाख सरकारी कार्मिकों और उनके 38 लाख परिजनों को कैशलेस दवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।







