Sunday, April 28, 2024
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भाजपाईयों को सबसे ज्यादा पीड़ा दे रही बीकानेर पश्चिम की हार

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मुकेश पूनिया/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। विधानसभा चुनावों में बीकानेर पश्चिम सीट पर हार की पीड़ा भाजपाई के लिये निराशा का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है। मजबूत वोट बैंक के बावजूद भाजपा प्रत्याशी डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी का हार जाना शहर के भाजपा रणनीतिकारों को किसी सूरत में हजम नहीं हो रहा है, जो चुनावी परिणाम घोषित होने के चार दिन भी बीकानेर पश्चिम सीट पर हार-जीत के आंकड़ों में उलझे रहे और हार के कारणों का विश्लेषण भी शुरू कर दिया है। संगठन से जुड़े भाजपा के कई पदाधिकारी और पार्षद हार के लिये सीधे रूप से पार्टी प्रत्याशी डॉ. गोपाल जोशी के परिजनों और नजदीकी समर्थकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं डॉ. जोशी के परिजनों का दबी जुबान में कहना है कि चुनावी रण में उन्हें संगठन का साथ नहीं मिला, जो यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि भाजपा के पार्षद अपने वार्डों से भी बढ़त नहीं दिला सके। पार्षद भी अब खुद की विफलता स्वीकारने के स्थान पर महापौर के नकारात्मक रवैये और सरकार विरोधी लहर हार का सबसे बड़ा फैक्टर बता रहे है।

हकीकत तो यह भी सामने आई कि शहर में कई कांग्रेसी पार्षदों के वार्डो में भाजपा के पक्ष में ज्यादा वोटिंग हुई है, जहां शुरू से कम वोटिंग की आंशका जताई जा रही थी। शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने शहर की दोनों सीटों के चुनावी परिणाम को लेकर फिलहाल कोई विश्लेषण नहीं किया है। जबकि भाजपा कार्यकर्ता जोर-शोर से यह बात कह रहे है कि बीकानेर पश्चिम सीट के चुनावी रण में पार्टी पदाधिकारी सक्रियता दिखाने के बजाय औपचारिकता निभा रहे थे, इनमें कई पदाधिकारी ऐसे भी थे जिन्हें बीकानेर पश्चिम क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी लेकिन वह बीकानेर पूर्व में अपनी सक्रियता दिखाते रहे।

भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बीकानेर पश्चिम सीट की हार में भीतरघात को भी बड़ा कारण बताया है, जो संकेत दे रहे है कि इस सीट से टिकट की दौड़ में शामिल रहे तमाम दावेदार कहने को तो भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे थे, लेकिन अंदरखाने वह भाजपा प्रत्याशी की जड़ें खोदने में जुटे हुए थे। इन भीतरघातियों की फेहरिश्त भी शहर भाजपा के अनेक कार्यकर्ताओं के पास मौजूद है, जो मौका आने पर यह फेहरिश्त सोशल मीडिया पर वायरल करने की तैयारी में है।

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