Saturday, April 27, 2024
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कोरोना : स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों को उपचार में खर्च हुई राशि होगी रिफंड, राज्य सरकार का निर्णय…

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जयपुर Abhayindia.com कोरोना और ब्लैक फंगस बीमारी से ग्रसित उन लोगों को उपचार में खर्च की गई राशि रिफंड होगी, जो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी थे।

राज्य सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों से कोविड और ब्लैक फंगस के उपचार के दौरान अस्पतालों द्वारा वसूले गए पैसे को रिफंड करने का फैसला लिया है।

यह प्रावधान केवल कोविड-19 एवं म्यूकरमायकोसिस के उपचार के संबंध में प्राप्त शिकायतों के लिए 1 मई से 30 जून 2021 के मध्य उपचार के लिए भर्ती सभी पात्र मरीजों से प्राप्त होने वाले प्रकरणों के संबंध में लागू होगा।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी अरूणा राजोरिया ने बताया कि कोविड महामारी के उच्च लहर के समय मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों से जिन अस्पतालों द्वारा पैसा लिए जाने की शिकायतें मिली थी, उनको अब पैसे रिफंड करने की कार्यवाही की जा रही है।

राजोरिया ने बताया कि योजना की नई शुरुआत होने और गाइडलाइन के बारे में कई अस्पतालों तक जानकारी सही और पूर्ण नही होने के कारण कई सम्बद्ध अस्पतालों ने इलाज नहीं करने और पैसे लिए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई थी। अब राज्य सरकार ने लाभार्थियों को बड़ी राहत देते हुए कोविड-19 एवं म्यूकरमॉयकोसिस के उपचार के लिए 1 मई से 30 जून 2021 के मध्य बताई हुए योजना के लाभार्थियों को उनके लगे हुए रुपए अस्पताल से वापिस दिए जाने का निर्णय लिया है।

इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। प्रत्येक जिले में इस तरह की प्राप्त परिवेदनाओं की सुनवाई कर लाभार्थियों को उनके पैसे वापिस दिलाए जाएंगे।

उन्होने बताया कि अस्पताल द्वारा योजना में पंजीकृत मरीजो से वसूल की गई समस्त राशि योजना के पैकेज एवं उनमें सम्मिलित सुविधाओं के अनुसार मरीज को रिफंड की जाएगी। संबंधित अस्पताल द्वारा इस राशि का रिफंड मरीज के बैंक खाते में किया जाएगा। यदि मरीज ने योजना के निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त उपचार प्राप्त किया गया है तो उक्त पैकेज के अतिरिक्त राशि रिफंड नहीं की जाएगी।

उक्त प्रावधान योजना के अन्तर्गत कोविड-19 के उपचार के लिए सम्बद्ध निजी अस्पतालों में बताई सभी मरीजों पर लागू होगा चाहे मरीज द्वारा अस्पताल में भर्ती होने के बाद डिस्चार्ज से पूर्व किसी भी समय योजनांतर्गत अपनी पात्रता बताई हो। कोविड-19 एवं म्यूकरमायकोसिस के अतिरिक्त शेष पैकेज के सम्बंध में परिवेदना निस्तारण एवं डि-एम्पैनलमेंट की गाइडलाइन एवं योजना की आर.एफ.पी. के प्रावधानों के अनुसार जिला एवं राज्य स्तरीय परिवेदना निस्तारण समितियों की ओर से नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।

एक लाख से अधिक क्लेम…

प्रदेश के 70 हजार से अधिक मरीजों को योजना से मिला नि:शुल्क उपचार योजना में पंजीकृत परिवारों को सरकारी और निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज बिना किसी खर्च के लगातार मिल रहा है। योजना की शुरूआत से अब तक 73 हजार 630 लोगो को नि:शुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है, लगभग 91 करोड की राशि के 1 लाख 19 हजार 675 क्लेम सबमिट किये जा चुके है। योजना के अन्तर्गत कोरोना महामारी की उच्च लहर में भी लाभार्थियों को नि:शुल्क इलाज का लाभ मिला। अब तक कोविड-19 एवं म्यूकरमॉयकोसिस के उपचार के 18 हजार 404 क्लेम सबमिट किए जा चुके हैं।
प्रदेश के 424 निजी और 749 सरकारी अस्पतालों में मिल रहा योजना का लाभ संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी काना राम ने बताया कि योजना से अब तक 424 निजी और 749 सरकारी अस्पताल जुड चुके है। निजी अस्पतालों की ओर से योजना से जुडऩे के लिए किए जाने वाले आवेदनों की नियमानुसार जांच कर जरूरी मापदण्ड पूरी करने वाली अस्पतालों को लगातार सम्बद्ध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला स्तर पर पेंडिग अस्पतालो के आवेदन की जांच कर उन्हें राज्य स्तर पर अनुमोदन के लिए भिजवाए ताकि उन सभी निजी अस्पतालों को भी योजना में जोडकर लाभार्थियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाया जा सके।

उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रत्येक पंजीकृत परिवार को शत-प्रतिशत मिले, इसके लिए विभाग सजग और तत्पर है। योजना में पजीकृत परिवारों को योजना से जुड़े सरकारी और निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज बिना किसी खर्च के मिलने की राज्य सरकार की मंशा को पूरा करने के लिये राज्य और जिला अधिकारी पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 एवं शिकायत के लिए 181 पर फोन किया जा सकता है।

नहीं रहे ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार, उनसे जुड़ी ये बातें जानकर रह जाएंगे आप हैरान…

नई दिल्‍ली Abhayindia.com भारतीय सिनेमा के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का आज सुबह निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। सांस लेने में दिक्कत होने पर 29 जून को उन्‍हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिलीप कुमार की निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड इंडस्ट्री को बड़ा सदमा लगा है। सेलेब्स सोशल मीडिया के जरिए अपने इस महान अभिनेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। दिलीप कुमार के डॉक्टर जलील पारकर ने मीडिया से कहा, ‘दिलीप साहब उम्र से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे थे।

आपको बता दें कि बीते साल दिलीप कुमार के दो छोटे भाइयों का इंतकाल हो गया था। 21 अगस्त को 88 साल के असलम का और फिर 2 सितंबर को 90 साल के अहसान चल बसे। इसके चलते सायरा बानो और दिलीप कुमार ने 11 अक्टूबर को अपनी शादी की 54वीं सालगिरह का जश्न नहीं मनाया था।

पांच दशक और 54 फिल्में

दिलीप कुमार ने पांच दशक के अपने करियर के दौरान केवल 54 फिल्मों में ही काम किया। उनके बारे में एक बात और कही जाती है कि उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों को ठुकरा दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि फिल्में कम हों, लेकिन बेहतर हों। कई लोग बताते हैं कि उन्हें इस बात का मलाल रहा था कि वे फिल्म ‘प्यासा’और ‘दीवार’में काम नहीं कर पाए।

उनकी हिट फिल्मों में ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) शामिल हैं।

दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी।

पीएम मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि दिलीप कुमार जी सिनेमा लेजेंड के तौर पर हमेशा याद रहेंगे। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए नुकसान है। प्रधानमंत्री ने दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बनो से भी फोन पर बात करके शोक संवेदना व्यक्त की है।

राजस्‍थान : सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर लगाया बैन हटाया

जयपुर Abhayindia.com लंबे अरसे के बाद गहलोत सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर लगाया गया बैन हटा दिया है। ट्रांसफर से बैन 14 जुलाई से 14 अगस्त तक हटाया जाएगा।

संयुक्‍त सचिव प्रियंका गोस्‍वामी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सरकार ने ट्रांसफर के लिए कर्मचारियों से अब ऑनलाइन आवेदन मांगे है। इसके लिए उन्‍हें आवेदन प्रशासनिक सुधार विभाग की वेबसाइट पर करना होगा। यह आदेश सभी निगमों, मंडलों, स्‍वायत्‍तशाषी संस्‍थाओं पर भी लागू होगा। आपको बता दें कि सरकार ने 30 सितम्बर 2019 को ट्रांसफरों पर बैन लगाया था।

आठ राज्‍यों में नए राज्‍यपाल नियुक्‍त, गहलोत कर्नाटक के बने राज्‍यपाल  

नई दिल्‍ली Abhayindia.com राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 8 राज्यों में नए राज्यपाल बनाए हैं। इन राज्यपालों में एक केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत भी शामिल हैं। गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा मिजोरम से लेकर झारखंड तक आठ राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की गई है। जबकि, हरि बाबू कंभमपति को मिजोरम, मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल और राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है।

मिजोरम के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा के राज्यपाल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा के राज्यपाल, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड के राज्यपाल और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया।

गहलोत को इसलिए बनाया राज्‍यपाल…

थांवरचंद गहलोत की उम्र 73 साल हो चुकी है। मोदी मंत्रिमंडल में पहले से ही 75 साल की उम्र की बंदिश है। इसके चलते आगामी राज्यों के चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट में ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को जगह देकर सारी समीकरण बैठाना चाहते हैं। इसलिए गहलोत को राज्यपाल बनाकर कैबिनेट से छुट्टी की गई है।

गहलोत सरकार ने 7 जुलाई को बुलाई मंत्रिपरिषद की बैठक, इसमें ये हो सकते हैं फैसले…

जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में गहलोत सरकार ने 7 जुलाई को शाम पांच बजे मंत्रिपरिषद समूह की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस वर्चुअल बैठक का मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से हालांकि कोई आधिकारिक तौर पर एजेंडा जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना यह जा रहा है कि इस बैठक में कई अहम फैसले हो सकते हैं। इसमें खासतौर से विधानसभा के मानसून सत्र बुलाने के अलावा कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियों की चर्चा हो सकती है।

जानकारी के अनुसार, इस बैठक में डेल्टा प्लस वैरिएंट और कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर सीएम गहलोत मंत्रियों के सुझाव लेंगे और तैयारियों को लेकर क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं इस पर चर्चा करेंगे। साथ ही वैक्सीनेशन की कमी को लेकर भी चर्चा होगी। आपको बता दें कि राज्‍य में वैक्सीन की कमी को लेकर सीएम गहलोत लगातार केंद्र सरकार से वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं।

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