Sunday, May 5, 2024
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बेसिक पी.जी. कॉलेज में ‘‘मोबाइल फोन के गुण एवं अवगुण’’ विषय पर ग्रुप डिस्कशन

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बीकानेर Abhayindia.com बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में ‘‘मोबाइल फोन के गुण एवं अवगुण’’ विषय पर ग्रुप-डिस्कशन रखा गया। महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता एवं कार्यक्रम संयोजक पंकज पाण्डे ने बताया कि इसमें लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने ग्रुप-अ और ग्रुप-ब दो भागों में भाग लिया। ग्रुप-अ के बच्चों ने मोबाइल फोन के अवगुण पर बोलते हुए अनगिनत बुराइयों को गिनाया और उससे होने वाले अपराध, दंगा-फसाद, समाजिक क्षति और स्वास्थ्य को पहुंचने वाले हानि को दृष्टिकोण करते हुए बच्चों को अनावश्यक मोबाइल से दूर रहने का सलाह दी।

वहीं, ग्रुप-ब के बच्चों ने मोबाइल फोन की अच्छाई व गुण बताते हुए कहा कि बिना मोबाइल फोन का संचार क्रांति व डिजिटल विश्व की कल्पना नहीं की सकती है। पूरे विश्व को आधुनिक व तकनीकी रूप से सक्षम मोबाइल का देन है। इसके अलावा व्यापार को बढ़ाने में मोबाइल का अहम रोल साबित हो रहा है। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना-अपना पक्ष मजबूती से रखा गया।

कार्यक्रम के सह-संयोजक हितेश पुरोहित ने बताया कि प्रत्येक वस्तु के दो पहलू गुण और दोष होते हैं। उसी प्रकार मोबाइल के भी दो पहलू गुण व दोष हैं, लेकिन मनुष्य की प्रवृति पर निर्भर करता है कि उसका इस्तेमाल किस पहलू के लिए करता है। यदि आप अच्छे चीजों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे तो वह आपके लिए अच्छी साबित होगी, लेकिन यदि उसे बुरे चीजों के लिए इस्तेमाल करेंगे तो वह आपके लिए बुरी साबित होगी। इसलिए मनुष्य को अच्छाइयों का आत्मसात कर बुराइयों के त्याग करना चाहिए।

पुरोहित ने बताया कि लोग अपने मोबाइल फोन का उपयोग संगीत संग्रहीत करने, दोस्तों और परिवार के साथ संवाद करने, गेम खेलने, इंटरनेट ब्राउज़ करने और कई अन्य काम करने के लिए करते हैं परन्तु मोबाइल फोन आपातकालीन स्थिति में मददगार हो सकते हैं, लेकिन अगर लापरवाही से इस्तेमाल किया जाए तो ये खतरनाक भी हो सकते हैं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, माधुरी पुरोहित, प्रभा बिस्सा, सीमा शर्मा, विकास उपाध्याय, जाह्नवी पारीक, अजय स्वामी, शालिनी आचार्य, प्रेमलता व्यास, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, कृष्णा व्यास, शिवशंकर उपाध्याय, राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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