जयपुर Abhayindia.com प्रदेश की गहलोत सरकार 17 दिसम्बर को चौथी वर्षगांठ का जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। इस बीच, भाजपा ने इस दिन ब्लैक डे (काला दिवस) मनाने का ऐलान किया है। इससे पहले सरकार के 4 साल के शासनकाल की नाकामियों के खिलाफ ब्लैक पेपर (आरोप पत्र) पेश जारी करेगी। इस दरम्यान राजस्थान बीजेपी ने सबसे पहले सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में, फिर 33 जिलों में और आखिर में 15 से 17 दिसम्बर के बीच जयपुर में बड़ी ‘जन आक्रोशी रैली, प्रदर्शन और जनसभा’ करने का फैसला लिया है। विधानसभा चुनाव-2023 से ठीक एक साल पहले भाजपा इस बड़े प्रदर्शन के जरिए प्रदेश कांग्रेस सरकार के खिलाफ चुनावी शंखनाद कर देगी।
बताया जा रहा है कि जयपुर की जन आक्रोश रैली और जनसभा में 2 से 3 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का टारगेट हैं। जिसमें प्रदेशभर से बीजेपी नेता तो आएंगे ही, केंद्र से पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत केंद्रीय मंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
भाजप प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, राजस्थान के 4 केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, भूपेंद्र यादव, केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य ओम प्रकाश माथुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद किरोड़ीलाल मीणा, सीपी जोशी समेत कई सांसद–विधायक और दिग्गज जयपुर की रैली में हिस्सा लेंगे। फिलहाल पूरा प्रोग्राम तय किया जा रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने भाजपा मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में कहा– विधानसभा चुनाव आ रहा है। सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। मंत्री–विधायक सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफे देने के बाद भी मंत्री काम कर रहे हैं। सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह जनता के साथ धोखा है। कुर्सी बचाने का खेल और नौटंकी हो रही है। विधानसभाध्यक्ष को इस्तीफे स्वीकार करने चाहिए। गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पर्चा भरवाने की घोषणा के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पर्चा भरने से इनकार कर दिया। गहलोत का क्या नैतिक बल रह गया है?